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तहसीलदार कार्यालय का कर्मचारी बन सुरजकुंड मेले में घूम रहा था, धर दबोचा, टूरिज्म पर उठे सवाल!

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad, 19 फरवरी:
बडख़ल तहसीलदार ने अंर्तराष्ट्रीय Surajkund मेले के VIP गेट से CM फ्लाईंग की सूचना पर एक ऐसे प्राईवेट व्यक्ति को दबोचकर पुलिस के हवाले किया है, जोकि सरकारी कर्मचारी बनकर सुरजकुंड मेले में घूम रहा था। इसके गले से सुरजकुंड मेला अर्थारिटी द्वारा बनाया गया एक पहचान पत्र भी बरामद किया गया है। पुलिस ने सारन गांव निवासी आरोपी गोविंद के खिलाफ IPC की धारा 420, 120B, 170 व 171 के तहत केस दर्ज किया गया है। वो बात अलग है कि पुलिस ने उसे फिलहाल शामिल तफ्तीश करके छोड़ दिया है।

यहां सवाल यहां उठता है कि गोविंद का सरकारी कार्यालय के कर्मचारी होने का पहचान-पत्र पर्यटन विभाग के किस अधिकारी ने और किन दस्तावेजों के आधार पर बनाया या फिर पहचान पत्र भी फर्जी था? ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

सुरजकुंड मेले में स्टॉलों के आवंटन में धांधलेबाजी की शिकायतें तो सुनने को मिल रही थी, लेकिन अब अंर्तराष्ट्रीय स्तर के इस सुरजकुंड मेले के लिए जिसका उद्घाटन देश की महामहिम राष्ट्रपति महोदया और समापन महामहिम राज्यपाल के हाथों हुआ हो तथा जिस मेले में देश-विदेश के राजनेताओं और मुख्यमंत्री ने शिरकत की हो, उसमें प्रवेश के लिए फर्जी पहचान पत्र बनने से इसकी सुरक्षा पर भी प्रश्रचिन्ह लग गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक तहसीलदार बडख़ल सुरेश कुमार को सीएम फ्लाईंग से खबर मिली कि सुरजकुंड मेला परिसर में लगी ड्युटियों को लेकर जो सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के पहचान पत्र बनवाए गए हैं, उनमें कुछ प्राईवेट लोगों द्वारा भी अपने फर्जी पहचान पत्र बनवाए गए हैं।

सीएम फ्लाईंग की सूचना के आधार पर तहसीलदार बडख़ल सुरेश कुमार ने अंर्तराष्ट्रीय सुरजकुंड मेले के वीआईपी गेट नंबर-4 पर जब गोविंद सिंह नामक कर्मचारी को चेक किया तो गोविंद के गले में सुरजकुंड मेला अर्थारिटी द्वारा बनाया गया पहचान पत्र था। इस पहचान पत्र पर कर्मचारी का फोटो तथा उसका नाम गोविंद सिंह, तहसील ऑफिस बडख़ल, ऑफिस स्टॉफ अंकित/प्रिंट था। वहीं क्यूआर कोड के नीचे क्रमांक 1124 लिखा हुआ था।

बकौल तहसीलदार बडख़ल सुरेश कुमार, चूंकि वे अपने ऑफिस के सभी कर्मचारियों को भली-भांति जानते हैं, लेकिन उनके ऑफिस में गोविंद नाम का कोई कर्मचारी तैनात नहीं हैं। पुछताछ करने पर गोविंद सिंह के पास फर्जी आई-कार्ड पाया गया जिसमें उसने अपना पूरा नाम गोविंद पुत्र जितेन्द्र कुमार निवासी मकान नं.-202, गांव सारन, नजदीक सारन चौक, सैक्टर-22 फरीदाबाद तथा अपना मोबाईल नंबर-8376923700 बताया।

पुलिस को दी अपनी लिखित शिकायत में तहसीलदार बडख़ल सुरेश कुमार ने कहा है कि गोविंद द्वारा सरकारी कर्मचारी ना होते हुए भी सुरजकुंड मेला परिसर में आने-जाने व अन्य फायदा उठाने की नीयत से सरकारी कार्ड का बनवाना पाया गया है। इस पर पुलिस ने आरोपी गोविंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120बी, 170 व 171 के तहत केस दर्ज किया गया है।

इस मामले में जब केस के आईओ एएसआई संजय दायमा से बात की गई तो उनका कहना था कि चूंकि उक्त अपराध सात साल से कम सजा का है, इसलिए आरोपी गोविंद को जांच में शामिल तफ्तीश करके छोड़ दिया गया है। जबकि देखा गया है कि लड़ाई-झगड़े के मामले तक में पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश करती है। लेकिन यहां ऐसे गंभीर मामले में उसे मात्र शामिल तफ्तीश करके छोडऩा कई सवाल खड़े कर रहा है।

इस मामले में जब संबंधित SHO सुरजकुंड और DCP NIT सहित सुरजकुंड मेले के नोडल अधिकारी यूएस भारद्वाज और शिकायतकर्ता तहसीलदार बडख़ल सुरेश कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो इन सभी के मोबाईल पर घंटी जाती रही, लेकिन फोन नहीं उठे। हो सकता है ये सभी किसी ना किसी खास मीटिंग में व्यस्त हों।

लेकिन जो भी हो, पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वो इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच करे।


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