ट्रैफिक पुलिस भ्रष्ट्र पुलिसकर्मियों को जेल पहुंचाने के लिए देखो क्या करने जा रही है?
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट
फरीदाबाद, 9 अप्रैल: वाहन चालकों के मोटे-मोटे चालान काटकर चालान की रकम अपनी जेब में रखने वाले रतन सिंह जैसे भ्रष्ट्र ट्रैफिक पुलिसकर्मी अब पुलिस के राडार पर हैं। ऐसे पुलिसकर्मिर्यों पर कभी भी पुलिस की गाज गिर सकती है जिन्होंने वाहन चालकों के चालान काटकर उनसे जुर्माना राशि तो वसूल ली, लेकिन वो राशि ना तो विभाग में जमा कराई और ना ही चालान को मशीन में अपलोड किया।
सुत्रों की मानें तो ट्रैफिक पुलिस ने जिला पुलिस कमिश्ररेट के सभी पुलिस थाने-चौकियों में ट्रैफिक नियमों की अवेहलना करने वाले वाहन चालकों के चालान काटने के लिए दी हुई अपनी सभी करीब 150 मशीनों को वापिस लेकर उनकी जगह उन्हें नई लाईव मशीनें दे दी हैं जिनमें कि साथ के साथ ही चालान अपलोड होगा। वहीं इन सभी पुरानी मशीनों को अब दिल्ली एनसीआर की विभिन्न फोरेंसिक लैबों में भेजा जा रहा है जहां इन मशीनों का डाटा चेक किया जाएगा कि इन मशीनों से कितने और कौन-कौन से चालान के प्रिंट निकले हैं। इस डाटा बेस के बाद इनका मिलान किया जाएगा कि कौन से चालान मशीन में अपलोड किए गए हैं और कौन से रतन सिंह की तरह अपलोड नहीं किए गए हैं। इसके बाद जिन मशीनों के डाटा में अपलोड करने-ना करने को लेकर गड़बड़ी पाई जाएगी, इस पर उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर उन्हें भी रतन सिंह की तरह जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा जिनको कि ये मशीनें अलॉट/जारी की गई थी।
अब बात करें रतन सिंह की तो बता दें कि रतन सिंह ट्रैफिक पुलिस का वो एएसआई/थानेदार था जिसको कि चालानों को मशीनों में अपलोड ना कर उन्हें डिलीट करने तथा वाहन चालकों से वसूली गई चालान राशि को स्वयं ही हजम कर जाने के आरोपों में गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया था। इस मामले में रतन सिंह के खिलाफ थाना सैंट्रल में गत् 15 मार्च को आईपीसी की धारा 420, 409, 120बी और करप्शन की धारा 13-2 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ शिवेन्द्र शुक्ला नामक होमगार्ड को भी गिरफ्तार किया गया था जोकि इस सारे काम को रतन सिंह के कहने पर अंजाम देता था।
बकौल सैंटर कमांडर अशोक सिवाच, होमगार्ड शिवेन्द्र शुक्ला को विभाग की तरफ से कॉल ऑफ कर उसकी रिपोर्ट पंचकुला मुख्यालय आगामी कार्यवाही के लिए भेज दी गई है।
बता दें कि ट्रैफिक पुलिस का एएसआई/थानेदार रतन सिंह एनआईटी जोन में जेडओ के पद पर तैनात था। आरोप है कि ये यहां ट्रैफिक नियमों की अवेहलना करने वाले वाहन चालकों के चालान काटने के बाद वाहन चालकों को चालान की रकम ऑनलाईन जमा करवाने की बजाए नगद जमा करवाने पर जोर देता था। इसके बाद शाम को रतन सिंह होमगार्ड शिवेन्द्र शुक्ला की मदद से उन चालानों को मशीन में अपलोड करने की बजाए डिलीट करवा देता था जिसकी रकम इसने नगद में वसूली थी। अब पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि रतन सिंह और उसके जैसे अन्य पुलिसकर्मिर्यों ने चालान की राशि हड़प कितने का घपला किया है।
वहीं अब ऐसे घापलों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा अब ऐसी लाईव मशीनों को यूज किया जा रहा है जिसमें कि चालान कटने पर वो साथ के साथ ही अपलोड होगा।
काबिलेगौर रहे कि जब से शत्रुजीत कपूर ने डीजीपी हरियाणा तथा राकेश कुमार आर्य ने फरीदाबाद के पुलिस कमिश्रर का कार्यभार संभाला है तभी से भ्रष्ट्र पुलिसकर्मियों और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही अमल में लाकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है।