Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 10 मई: भूमि विवाद लंबे समय से आम जनता के लिए चिंता का विषय रहे हैं। लेकिन अब रोवर्स तकनीक के माध्यम से सीमांकन वैज्ञानिक व पारदर्शी ढंग से होगा, जिससे राज्य में भूमि विवादों का स्थायी समाधान संभव होगा। इस तकनीक से राज्य की शामलात भूमि की भी सटीक पैमाइश संभव होगी, जिससे राजस्व की हानि रोकी जा सकेगी और संपत्ति के रिकॉर्ड सुव्यवस्थित होंगे। यह कहना था हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, शहरी स्थानीय निकाय और नागरिक आपूर्ति मामलों के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल का जोकि आज फरीदाबाद के गांव खेड़ी कलां में भूमि सीमांकन के लिए अत्याधुनिक ‘रोवर्स’ तकनीक का डेमो लेने आए थे। इस अवसर पर जिला उपायुक्त विक्रम सिंह सहित जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
बता दें कि ‘रोवर्स’ तकनीक की यह पहल हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत भूमि सीमांकन को पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक डिजिटल तकनीक पर आधारित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 300 रोवर्स मशीनों की खरीद को मंजूरी दी है।
क्या है रोवर्स तकनीक:-
रोवर एक आधुनिक उपकरण है जो उपग्रह आधारित डिजिटल मैपिंग के माध्यम से अत्यंत सटीक और तेज भूमि सीमांकन करता है। इससे पारंपरिक जरीब विधि की तुलना में अधिक पारदशी, विवादमुक्त और भरोसेमंद परिणाम मिलते हैं। इस तकनीक से संपत्ति से जुड़े विवादों, म्यूटेशन, बैंक ऋण एवं सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
प्रशिक्षण भी हो रहा सुनिश्चित:-
विपुल गोयल ने जानकारी दी कि राज्यभर में पटवारियों और कानूनगो को इस तकनीक के उपयोग हेतु प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे आधुनिक तकनीक के साथ कार्य-कुशलता से कर सकें।
डिजिटल मैपिंग से होगा राजस्व विभाग का आधुनिकरण:-
इस तकनीक के उपयोग से न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया में तेजी आएगी बल्कि राज्य सरकार की डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरूप भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
वहीं डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि पूर्व में भूमि का डिमार्केशन करने के लिए पटवारी चेन का इस्तेमाल कर जमीन की सीमा निर्धारित करते थे। अब हरियाणा में जमीन के सीमांकन के लिए सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन सर्वे सहित आधुनिक तकनीक अपनाई जा रही है। रोवर आधारित डिजिटल मैपिंग से प्रॉपर्टी के लेन-देन और जमीन के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया आसान होगी। साथ ही बैंक लोन और आमजन को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी। इस कार्य के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं पटवारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।



