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हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल की अध्यक्षता में लैंड रिकॉर्ड समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट

चंडीगढ़, 23 जुलाई: हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन की स्थिति और इसके डिजिटलीकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमिश्रनर ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को नागरिक उन्मुख और व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) के अनुरूप बनाने पर बल दिया गया। बैठक में डिजिटलीकरण को 100 प्रतिशत करने, डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना और रेवेन्यू विभाग के कर्मचारियों के प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। जिससे हरियाणा में भूमि प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी, कुशल और जन-केंद्रित बनाने की दिशा में चल रहे क्रिया कलापों को मजबूती मिलेगी।

हरियाणा रेवेन्यू कमीशन की रिपोर्ट: नागरिक-उन्मुख और व्यापार सुगमता पर फोकस

बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमिश्रनर ने अपनी व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। कमीशन ने सुझाव दिया कि लैंड रिकॉर्ड प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि आम नागरिकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा संबंधित दस्तावेज सुगमता से मुहैया हो सके। साथ ही यह प्रणाली व्यापार सुगमता के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाए ताकि हरियाणा में निवेश और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले। कमीशन ने डिजिटल तकनीकों के उपयोग से प्रक्रियाओं को सरल बनाने, समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने और पारदर्शिता बढ़ाने की सिफारिश की। यह कदम न केवल आम नागरिकों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि हरियाणा को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।

90 प्रतिशत भूमि रिकॉर्ड डिजिटल, 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य

कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बैठक में बताया कि हरियाणा में अब तक 90 फीसदी भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है, जो डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने रेवेन्यू विभाग को निर्देश दिए कि शेष 10 फीसदी रिकॉर्ड को भी जल्द से जल्द डिजिटल किया जाए ताकि 100 फीसदी डिजिटलीकरण का लक्ष्य शीघ्र प्राप्त हो। डिजिटल रिकॉर्ड से भूमि से संबंधित विवादों में कमी आएगी और नागरिक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी संपत्ति के दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। गोयल ने इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए।

डाटा इंटिग्रेशन सेंटर और सुरक्षित डाटाबेस की स्थापना

मंत्री विपुल गोयल ने भूमि रिकॉर्ड के लिए एक डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक समर्पित डाटा सेंटर बनाया जाए, जो डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संग्रहित करे। यह सेंटर विभिन्न विभागों के बीच डेटा एकीकरण को सुगम बनाएगा और एक सुरक्षित डाटाबेस के रूप में कार्य करेगा। डाटा सेंटर की स्थापना से न केवल डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि रेवेन्यू विभाग की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा। गोयल ने इस बात पर बल दिया कि डाटा सेंटर को अत्याधुनिक तकनीकों और साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल से लैस किया जाए ताकि डेटा की गोपनीयता और अखंडता बनी रहे। इससे नागरिकों को तेजी से सेवाएं मिलेंगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं और कुशल होंगी।

रेवेन्यू विभाग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण

बैठक में रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। विपुल गोयल ने कहा कि डिजिटल प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण देना आवश्यक है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन, सॉफ्टवेयर उपयोग, डेटा एन्ट्री, और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल होंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी डिजिटल प्रणाली के साथ तालमेल स्थापित कर सकें और नागरिकों को त्वरित और सटीक सेवाएं प्रदान कर सकें। कैबिनेट मंत्री ने विशेष रूप से पटवारियों और उनके बाद के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए लक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। पटवारी जो भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन की प्रथम कड़ी हैं, उनके कौशल को और निखारने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। प्रशिक्षण में डिजिटल टूल्स का उपयोग, भूमि सर्वेक्षण, रिकॉर्ड अपडेशन और नागरिक शिकायतों के समाधान जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इससे न केवल कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को जमीन से संबंधित सेवाएं तेजी से और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध होंगी।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि इन पहलों का मुख्य उद्वेश्य हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन को पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाना है। डिजिटलीकरण और डाटा सेंटर की स्थापना से भूमि विवादों में कमी आएगी और नागरिकों को अपनी संपत्ति से संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच मिलेगी। साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम रेवेन्यू विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाएंगे। जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं और कुशल होंगी। यह कदम हरियाणा को व्यापार सुगमता और डिजिटल शासन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में भी सहायक होंगे। बैठक में वित्तायुक्त राजस्व सुमिता मिश्रा और रिटायर्ड आईएएस वीएस कुंडू समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।


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