हरियाणा के मुख्यमंत्री का आधिकारिक नाम नायब सिंह सैनी या नायब सिंह?
नायब सिंह के नाम से मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति जबकि नायब सिंह सैनी के तौर पर शपथ!
Metro Plus से Naveen Gupta की स्पेशल रिपोर्ट
Chandigarh, 28 जुलाई: किसी जमाने में मशहूर लेखक शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है? हालांकि आज के युग में व्यक्ति के न केवल नाम का बल्कि वह नाम किस ढंग से लिखा जाता है, इससे भी बहुत फर्क पड़़ता है। और अगर व्यक्ति किसी बड़े संवैधानिक पद पर आसीन हो तो इस बात का महत्व और भी बढ़ जाता है कि उस उस व्यक्ति का वास्तव में आधिकारिक एवं औपचारिक नाम क्या है?
इसी बीच रोचक परन्तु महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री का आधिकारिक नाम नायब सिंह सैनी है अथवा नायब सिंह? ऐसा इसलिए क्योंकि गत् वर्ष 17 अक्टूबर, 2024 को जब प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई तो उन्होंने नायब सिंह सैनी के नाम से शपथ ली थी। हालांकि प्रदेश सरकार के कैबिनेट सचिवालय द्वारा उसी दिन प्रदेश के शासकीय गजट में प्रकाशित नोटिफिकेशन में उल्लेख है कि हरियाणा के राज्यपाल द्वारा नायब सिंह को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाता है।
रोचक बात यह है कि गत् वर्ष 12 मार्च, 2024 को हालांकि जब हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमत्री मनोहर लाल को बदलकर नायब सिंह को पहली बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब उन्होंने हालांकि नायब सिंह सैनी के नाम से नहीं बल्कि नायब सिंह के नाम से प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि गत् वर्ष 9 अक्टूबर, 2024 को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपी एक्ट)1951 की धारा 73 के अंतर्गत प्रकाशित एक गजट नोटिफिकेशन की मार्फत हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों की क्रम संख्या और नाम एवं हर सीट से संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा घोषित निर्वाचित उम्मीदवार का नाम और उसकी राजनीतिक दल से सम्बद्वता (या उसके निर्दलीय होने) बारे उल्लेख किया गया। उस नोटिफिकेशन में कुरुक्षेत्र जिले की 11-लाडवा विधानसभा सीट से निर्वाचित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक का नाम नायब सिंह दर्शाया गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान लाडवा विधानसभा हलके से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर भरे गये नामांकन फॉर्म और उसके साथ संलग्न एफिडेविट (हलफनामे) में भी नायब सिंह के नाम का उल्लेख किया गया था।
वहीं, गत् वर्ष 25 अक्टूबर, 2024 को नवगठित 15वीं हरियाणा विधानसभा के बुलाए गए प्रथम सत्र में प्रदेश के राज्यपाल द्वारा विशेष रूप से नियुक्त कार्यवाहक (प्रो.टेम) स्पीकर डॉ. रघुवीर कादयान द्वारा जब सभी नव-निर्वाचित विधानसभा सदस्यों को विधायक पद की शपथ कराई गई तो सबसे पहले मुख्यमंत्री ने नायब सिंह के नाम से ही विधायक पद के लिए शपथ ली थी। हालांकि तब एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण बिन्दु यह रहा कि नायब सिंह ने विधायक पद के लिए ईश्वर की शपथ के साथ-साथ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान भी कर लिया।
एडवोकेट हेमंत ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 188 के अंतर्गत राज्य की विधानसभा का प्रत्येक सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने से पहले राज्यपाल या उसके द्वारा इस निमित नियुक्त व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्ररूप के अनुसार शपथ लेगा अथवा प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा।
अब इसे हरियाणा विधानसभा सचिवालय के संबंधित अधिकारियों की या तो लापरवाही कहा जा सकता है या उनसे हुई एक गंभीर चूक कि उन्होंने मौजूदा नवगठित विधानसभा सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों को विधायक पद की शपथ लेने के लिए शपथ/प्रतिज्ञान का ऐसा ड्राफ्ट फॉर्म (प्रारूप) तैयार करके उन सभी के हाथों में दिया जिसे पढक़र सदन में सर्वप्रथम विधायक पद की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री नायब सिंह और उनके बाद उनके मंत्रिपरिषद में 5 कैबिनेट मंत्री नामत: कृष्णलाल पंवार, महिपाल ढांडा, रणबीर गंगवा, श्याम सिंह राणा, आरती सिंह राव और एक राज्यमंत्री (स्वतंत्र कार्यभार) गौरव गौतम ने विधायक पद के लिए ईश्वर की शपथ के साथ साथ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान भी कर लिया जबकि इनमें अर्थात शपथ अथवा प्रतिज्ञान में से एक ही किया जा सकता है दोनों नहीं।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि गत वर्ष 17 अक्टूबर, 2024 को जब नायब सिंह सैनी द्वारा मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ली गई थी तब उनके द्वारा एवं उनके साथ उपरोक्त 6 मंत्रियों द्वारा ईश्वर की शपथ लेने के साथ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान नहीं किया गया था। हालांकि तब भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों द्वारा उनकी इच्छा के अनुसार या तो शपथ लेने अथवा प्रतिज्ञान करने का विकल्प होता है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को बेशक मनोहर लाल खट्टर के नाम से आमतौर पर जाना और संबोधित किया जाता है। हालांकि उनका आधिकारिक नाम मनोहर लाल ही रहा एवं उन्होंने अक्टूबर, 2014 और अक्टूबर, 2019 में दोनों बार मनोहर लाल के नाम से ही हरियाणा के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। गत् वर्ष जून-2024 में मोदी सरकार-3 के मंत्रिमंडल में शामिल होते समय भी उन्होंने मनोहर लाल के नाम से पद और गोपनीयता की शपथ ली थी न कि मनोहर लाल खट्टर के नाम से।
