Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 5 सितंबर:
शिष्यहित रत है! राष्ट्रनिर्माता गुणगान तेरा संसार करे।
जन-जन को दे शिक्षा का दीप, अज्ञान तिमिर को दूर करे।
Dynasty International विद्यालय सैक्टर-28 के प्रधानाचार्य नितिन वर्मा ने समस्त शिक्षक वर्ग को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करते हुए शिक्षक के द्वारा राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण योगदान की उपयोगिता का गुणगान किया। प्रधानाचार्य नितिन के अनुसार शिक्षक आजीवन एक तपस्वी की भांति अपने शिष्यों के हित साधन में लीन रहता है। वह हमेशा एक सैनिक की भांति अहर्निश अपने छात्र के हित साधन में संलग्न रहता है जो एक क्षण के लिए भी छात्रहित का विस्मरण नहीं होने देता।
प्रधानाचार्य नितिन वर्मा ने शिक्षकगणों को इस पावन अवसर पर हृदय से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिवस हमें स्मरण कराता है कि गुरू का स्थान समाज और जीवन में सर्वोच्च है। गुरू ही ज्ञान का दीप प्रज्वलित कर हमें अज्ञान के अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले नहीं होते बल्कि वे जीवन मूल्यों के प्रेरक चरित्र निर्माण के शिल्पकार और समाज को प्रगति की ओर ले जाने वाले सच्चे मार्गदर्शक होते हैं।
गुरु समान दाता नहीं, याचक शिष्य समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरू दिन्ही दान।।
नितिन वर्मा ने कहा कि संत कबीर का यह दोहा गुरू और शिष्य के अनमोल, अमृत समान रिश्ते की महिमा का गुणगान करता है। आज के इस पावन अवसर पर वे प्रत्येक शिक्षक के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। आज के इस पुनीत अवसर पर उन्होंने शिक्षक वर्ग से विनती करी कि अपने आपको समय के अुनसार शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती उन्नत तकनीकों के उचित प्रयोग व 21वीं सदी के छात्रों के अनुसार नई-नई विधियों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर छात्रों का हित साधन करें।