Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 9 सितंबर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सैक्टर-12 स्थित अदालत परिसर में आगामी 13 सितंबर को लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत में विभिन्न केसों का निपटारा किया जाएगा और लंबित ट्रैफिक चालानों का निपटारा भी साथ-साथ किया जाएगा।
जिन वाहन मालिकों/चालकों के चालान 90 दिन से अधिक समय से लंबित हैं, वे अपना भुगतान लोक अदालत में कर सकते हैं। इस अवसर पर सहायता के लिए फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस की तरफ से Help Desk भी लगाई जाएगी, जहां नागरिक अपने चालान संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हेल्प डेस्क पर सहायक सब इंस्पेक्टर शंभू और सिपाही रामवीर नागरिकों की मदद के लिए अदालत की पुरानी बिल्डिंग के सामने पेड़ के नीचे उपस्थित रहेंगे।
पोस्टल चालान सीसीटीवी कैमरा व फोटो खींचकर किए गए चालान का भुगतान केवल 90 दिनों के अंदर ही डीसीपी ट्रैफिक कार्यालय लघु सचिवालय थर्ड फ्लोर कक्ष संख्या 317 में किया जा सकता है।
ट्रैफिक पुलिस कर्मी द्वारा मौके पर ई-चालान मशीन द्वारा किए गए चालान का भुगतान लघु सचिवालय 5जी फ्लोर कक्ष संख्या 506 में जाकर किया जा सकता है, या फिर मौके पर ही पेटीएम (Paytm) के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है।
जिन चालानों का 90 दिनों से अधिक समय तक भुगतान नहीं किया जाता, वे ट्रैफिक पुलिस कर्मी द्वारा वर्चुअल कोर्ट (Virtual Court) में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। इसके पश्चात ऐसे मामलों को नियमित न्यायालय (Regular Court) में स्थानांतरित कर लोक अदालत में भुगतान/निपटारा किया जा सकता है।
चालान तिथि से 90 दिनों के अंदर भुगतान नहीं किया गया, तो ऐसे मामलों में केंद्रीय मोटर वाहन नियम 2020 के 11वें संशोधन के तहत धारा 167 (8) के अनुसार ट्रैफिक पुलिस द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है। इस प्रावधान के अंतर्गत वाहन को डिटेन (Detain) किया जा सकता है।
फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऐसे कई वाहनों को चेकिंग के दौरान डिटेन किया गया है जिनके चालान लंबित थे। केवल अगस्त माह में ही करीब 25,000 वाहनों की चेकिंग की गई और लगभग 3,000 वाहनों को डिटेन किया गया।
DCP ट्रैफिक जयवीर राठी ने कहा:-
सड़क पर सुरक्षा तभी संभव है जब हम अपनी सुरक्षा के प्रति सकंल्प लेकर ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाकर फरीदाबाद को Accident-Free Zone बनाने में ट्रैफिक पुलिस का सहयोग करेंगे।