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हरियाणा में SDM की तैनाती पर उठ रहे सवाल, जूनियर IAS और HCS में समानता कितनी जायज?

2023 बैच के सात IAS और सात HCS सभी SDM पद पर तैनात
Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Chandigarh, 30 अक्टूबर:
ऐसा पढऩे और सुनने में भले ही आश्चर्यजनक और रोचक प्रतीत हो, परंतु सत्य यही है कि वर्तमान में हरियाणा सरकार की दृष्टि में जूनियर IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और जूनियर HCS-EB (हरियाणा सिविल सेवा-कार्यकारी शाखा) अधिकारी एक समान ही हैं।

सर्वविदित है कि IAS, जो एक आल-इंडिया सर्विस (अखिल भारतीय सेवा) होती है, का दर्जा निश्चित तौर पर HCS, जोकि हरियाणा की प्रादेशिक सिविल (प्रशासनिक) सेवा है, से ऊपर होता है। कोई व्यक्ति तीन प्रकार से IAS अधिकारी बन सकता है, पहला वह UPSC द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित आल इंडिया सिविल सेवा परीक्षा में उच्च रैंक हासिल कर अर्थात सीधी भर्ती से चयनित होकर IAS बने अथवा दूसरा वह प्रादेशिक सिविल सेवा जैसे HCS में सेवा कर सामान्यत: 15 वर्ष या उसके बाद प्रोमोट होकर IAS बने या तीसरे वह प्रदेश के गैर-राज्य सिविल सेवा (Non-HCS) कोटे से चयनित होकर भी IAS बन सकता है। हालांकि इस वर्ग में बहुत सीमित अवसर होते हैं। वर्तमान में हरियाणा में पांच IAS स इसी Non-HCS कोटे से नियुक्त हैं।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और प्रशासनिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार की मानें तो वर्तमान में गत् तीन महीनों से हरियाणा कैडर के 2023 बैच के सात IAS प्रदेश के सात उपमंडलों में बतौर उपमंडल अधिकारी (नागरिक) अर्थात SDO (सिविल) जिसे आमतौर पर SDM (उपमंडलाधीश) कहा जाता है, तैनात हैं। इनमें अंकिता पंवार नूंह में, अनिरूद्व यादव नारनौल में, अभिनव सिवाच पिहोवा में, आकाश शर्मा टोहाना में, कनिका गोयल महेंद्रगढ़ में, योगेश सैनी चरखी दादरी में और रवि मीणा तोशाम में बतौर एसडीएम तैनात हैं।

ज्ञात रहे कि IAS में सीधी भर्ती से चयनित होकर नियुक्त हुए अधिकारियों को अपने सेवा करियर के आरम्भ में अर्थात जब तक वह जूनियर स्केल में होते हैं, SDM पद पर तैनात किया जाता है एवं बैच वर्ष के चार वर्ष बाद उन्हें सीनियर स्केल प्रदान कर दिया जाता है, जिसके बाद वह जिले के अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) पद पर तैनाती के योग्य बन जाते हैं।

वहीं हरियाणा में वर्तमान में 2023 बैच के 7 HCS-(E.B.) अधिकारी अर्थात जो वर्तमान में जूनियर स्केल में हैं चूंकि उन्हें सेवा में आये दो वर्ष ही हुए हैं, वह भी प्रदेश के सात उपमंडलों में SDM के पद पर तैनात हैं जिनमें कुंवर आदित्य विक्रम पुन्हाना में, आशीष सांगवान बाढड़ा, अजय हुड्डा कलायत में, रमन गुप्ता बादली में, विश्वनाथ जगाधरी में, पारस भगोरिया ऐलनाबाद में और प्रमेश सिंह गुहला में बतौर एसडीएम/उपमंडलाधीश तैनात हैं।

हेमंत ने हालांकि एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि आज से पांच वर्ष पूर्व अक्टूबर-2020 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव विजय वर्धन द्वारा HCS कैडर संख्या निर्धारण आदेश जो मौजूदा तौर पर भी लागू है क्योंकि आज तक इस सम्बन्ध में ताजा/नए आदेश जारी नहीं किया गया है, के अनुसार SDO (सिविल) अर्थात SDM के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की HCS सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है।
इस आधार पर वर्तमान में 2023 बैच के उपरोक्त सात HCS अधिकारी आधिकारिक तौर पर आज से करीब सवा दो वर्ष बाद अर्थात जनवरी-2028 के बाद ही प्रदेश के विभिन्न उपमंडलों में बतौर SDM तैनात हो सकते हैं, जब उनकी HCS में न्यूनतम पांच वर्ष की सेवा पूरी होगी।

हेमंत ने बताया कि हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रदेश में IAS और HCS-EB अधिकारियों की तैनाती-तबादले करने की शक्ति राज्य सरकार (मुख्यमंत्री) में निहित होती है एवं ऐसा करना उनका विवेकाधिकार है, परन्तु ऐसा करते समय कुछ प्रशासनिक सिद्वांतों की अनुपालना आवश्यक होती है ताकि तैनाती-तबादलों पर किसी प्रकार का कोई प्रश्नचिन्ह उत्पन्न न हो जैसे किसी जूनियर IAS अधिकारी और जूनियर HCS अधिकारियों को एक समान पद पर तैनात न कर दिया जाए।


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