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500 वर्ग गज तक की शामलात भूमि पर अनाधिकृत रूप से निर्मित घर होंगे नियमित: जितेंद्र कुमार

सरकार की ओर से हरियाणा विलेज कॉमन लैंड रेगुलराइजेशन एक्ट-1961 व 1964 में किया गया संशोधन
अधिनियम के तहत 31 मार्च 2004 से पहले के योग्य लाभार्थियों को मिलेगा लाभ
Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Palwal, 1 नवंबर:
हरियाणा सरकार की ओर से राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी किए हैं कि वे पंचायत भूमि पर 31 मार्च, 2004 तक बनाए गए ऐसे आवासीय मकानों के नियमितीकरण के प्रस्तावों पर समयबद्व रूप से विचार करें जो 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र में निर्मित हैं। उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार ने आयुक्त एवं सचिव हरियाणा विकास एवं पंचायत, सूचना, जनसंपर्क भाषाएं व सांस्कृतिक और विदेश सहयोग विभाग डॉ. अमित कुमार अग्रवाल द्वारा जारी किए आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि हाल ही में हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित अधिनियम संख्या-5 के माध्यम से हरियाणा गांव सामान्य भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 की धारा 5 में संशोधन किया गया है। इसके तहत ग्राम पंचायत अब अपनी गैर-कृषि या शामलात भूमि को राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति लेकर उन ग्रामीण निवासियों को बाजार दर पर बेच सकेगी जिन्होंने 31 मार्च-2004 से पूर्व मकान या उसका हिस्सा निर्मित किया हो। उन्होंने जिले की सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए कि वे उक्त संबंध में प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर शीघ्रता से कार्यवाही करते हुए उन्हें आगे बढ़ाएं ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रावधान का लाभ तभी मिलेगा जब निर्माण और खुला क्षेत्र मिलाकर कुल भूमि 500 वर्गगज से अधिक न हो, निर्माण से यातायात या सार्वजनिक सुविधाओं में बाधा न आती हो तथा भूमि तालाब, जल स्रोत या राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज सार्वजनिक मार्ग न हो।

उन्होंने हरियाणा विकास एवं पंचायत जारी निर्देशों बारे बताया कि कई मामलों में पात्र व्यक्ति भूमि खरीदने के इच्छुक होने के बावजूद बेदखली कार्रवाई या विध्वंस की कार्यवाही की जा रही है, जो जनहित में उपयुक्त नहीं है। अब ऐसे मामलों में ग्राम पंचायतें और संबंधित अधिकारी नियमों के अधिसूचित होने तक किसी भी पात्र आवास को ध्वस्त करने की कार्रवाई न करें तथा पात्र निवासियों को योजना का लाभ लेने का अवसर दें।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से हरियाणा विलेज कॉमन लैंड रेगुलराइजेशन एक्ट 1961 में सेक्शन 5-ए (1ए) तथा हरियाणा विलेज कॉमन लैंड रेगुलराइजेशन एक्ट 1964 में रूल 15 बी प्रावधान शामिल किया है। उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति सभी सबूतों और तथ्यों के साथ अपना आवेदन संबंधित बीडीपीओ कार्यालय, सरपंच के माध्यम से, डीडीपीओ कार्यालय, सीईओ जिला परिषद कार्यालय के माध्यम से या स्वयं सीधे रूप से आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि आवेदन करते समय आवेदक को आवेदन पत्र के साथ भूमि की जमाबंदी और खसरा गिरदावरी, साइट प्लान कर्वड व अनकवर्ड एरियाए फोटोग्राफ ऑफ हाउस, संबंधित दस्तावेज जो सिद्व करते हों कि कब्जा 31 मार्चद्व 2004 से पहले का है।

आवेदन के साथ लगाने होंगे ये दस्तावेज:-
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि संबंधित बीडीपीओ स्थल निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करेंगे और वर्ष 2004 या उसके बाद के वर्षों की भूमि की कलेक्टर दरों के साथ अपनी अनुशंसा उपायुक्त पलवल को भेजेंगे। उपायुक्त यदि ग्राम पंचायत के हित में इसे उचित समझें तो अपनी अनुशंसा के साथ प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए निदेशक पंचायत को भेज सकते हैं।

महानिदेशक पंचायत वर्ष 2004 या उसके बाद के वर्षों की भूमि की कलेक्टर दर से 1.5 गुना (यदि 2004 की कलेक्टर दर उपलब्ध नहीं है) या ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित दर जो भी अधिक हो को अनुमोदन प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं। महानिदेशक पंचायत द्वारा अनुमोदन के पश्चात, ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव में अधिकृत व्यक्ति द्वारा आवेदक के पक्ष में बिक्री विलेख निष्पादित किया जाएगा। राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क का भुगतान आवेदक द्वारा किया जाएगा।


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