Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 13 नवंबर: सभी रजिस्ट्री कार्यालय सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं तथा किसी भी स्थान पर पेपरलेस रजिस्ट्री सेवाएं स्थगित नहीं की गई हैं। 1 नवंबर से राज्यभर में लागू किए गए पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम के तहत संपत्ति पंजीकरण सेवाएं पूरी दक्षता के साथ जारी हैं, जिससे नागरिकों को निर्बाध सेवा सुनिश्चित की जा रही है।
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ० सुमिता मिश्रा ने मीडिया में प्रकाशित उन समाचारों का खंडन किया है, जिनमें यह दावा किया गया था कि रजिस्ट्री सेवाएं रोक दी गई हैं। उन्होंने बताया कि यह नया पेपरलेस सिस्टम नागरिकों के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के उद्वेश्य से शुरू किया गया है। नए प्रावधानों के तहत आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के लिए विभाग को पांच कार्य दिवसों का समय निर्धारित किया गया है।
डॉ० सुमिता मिश्रा ने बताया कि 1 नवंबर से अब तक विभाग को कुल 2,778 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 927 दस्तावेज सफलतापूर्वक पंजीकृत किए जा चुके हैं। 495 आवेदन पंजीकरण हेतु विशिष्ट तिथियों पर नियुक्त किए गए हैं, जिनका निष्पादन निर्धारित समय अनुसार किया जाएगा। वहीं 327 आवेदन अधूरे या गलत दस्तावेजों के कारण अस्वीकृत किए गए हैं। शेष आवेदन विभिन्न कार्यालयों में सत्यापन की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम को राज्यभर में लागू करने से पहले इसका पायलट परीक्षण किया गया था ताकि तकनीकी या प्रक्रियात्मक समस्याओं की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सकें। सफल परीक्षण के बाद इसे पूरे हरियाणा में लागू किया गया। डॉ० मिश्रा ने कहा कि विभाग ने शिकायत निवारण की प्रभावी प्रणाली स्थापित की है ताकि नागरिकों की शिकायतों और सुझावों का समाधान किया जा सकें।
डॉ० सुमिता मिश्रा ने बताया कि विभाग ने नागरिकों एवं अधिकारियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर कई सुधार किए हैं। कुछ गांवों में भूमि डेटा की त्रुटियां और डुप्लिकेट प्रविष्टियां ठीक की गई हैं। नगर सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में एनओसी(NOC) की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लाइसेंसधारी कॉलोनियों के डेटा को सुव्यवस्थित किया गया है और अब शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों का डेटा उपलब्ध है, जबकि ग्रामीण कॉलोनियों का डेटा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के परामर्श से अद्यतन किया जाएगा।
हाउसिंग बोर्ड और HSVP से संबंधित मामलों में खेवट-खतौनी विवरण की आवश्यकता नहीं है। अब पंजीकरण नगर निकायों द्वारा प्रदत्त प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से किया जा रहा है। लाइसेंस नंबर दर्ज करते ही संबंधित डेटा स्वत: प्रदर्शित हो जाता है। पुराने शहर क्षेत्रों के रिकॉर्ड से खेवट-खसरा कॉलम हटाकर नागरिकों को अगले कार्य दिवस से अपॉइंटमेंट बुक करने की सुविधा दी गई है। साथ ही लाइसेंसधारी कॉलोनियों के डेटा को अर्बन लोकल बॉडीज (ULBs) से जोड़ा गया है, जिससे स्वीकृतियां तेजी से मिल रही हैं। जन हित में 12 नवंबर से श्रिवर्ट विद ऑब्जेक्शन फीचर शुरू:- भूमि अभिलेख निदेशक एवं संघनन निदेशक यशपाल ने बताया कि पार्टनरशिप या कोलैबोरेशन डीड के लिए अक्षर सीमा 500 से बढ़ाकर 10,000 कर दी गई है ताकि सभी शर्तें और नियम पूरे रूप में दर्ज किए जा सकें। पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 40 एमबी कर दी गई है। इसके अलावा, 12 नवंबर से श्रिवर्ट विद ऑब्जेक्शन फीचर शुरू किया जाएगा। जिससे आवेदक बिना अतिरिक्त शुल्क दिए अपने दस्तावेजों में सुधार कर पुन: अपलोड कर सकेंगे यदि प्रारंभिक जानकारी गलत नहीं दी गई हो।
जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA) की सुविधा पूर्ववत जारी है और इसे और सरल बनाया गया है। नागरिक सोमवार से GPA के लिए अपॉइंटमेंट बुक कर सकेंगे। किसान कॉलम के संबंध में यशपाल ने स्पष्ट किया कि इस कॉलम के आधार पर स्वामित्व परिवर्तन नहीं किया जा सकता। हालांकि पूर्व में इस आधार पर की गई रजिस्ट्री की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही नए नियम जारी किए जाएंगे। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम हरियाणा में डिजिटल सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि विभाग इस प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है और नागरिकों व संस्थाओं से रचनात्मक सुझावों का स्वागत करता है ताकि पंजीकरण प्रक्रिया और अधिक प्रभावी, भरोसेमंद और नागरिक हितैषी बन सके।





