SRS और WTC की तरह तो नहीं होगा Adore का हाल?
Metro Plus से Naveen Gupta की खास रिपोर्ट
Greater Faridabad, 14 नवंबर: आए दिन बिल्डर लॉबी द्वारा अपने निवेशकों से धोखाधड़ी और उन्हें गुमराह कर उनके खून-पसीने की कमाई को हड़पने के कोई ना कोई कारनामें सामने आते रहते हैं।
कई सालों की जेल यात्रा करने के बाद जैसे-तैसे SRS ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अनिल जिंदल सलाखों के पीछे से वापिस आए तो अब उनके एक पार्टनर प्रवीण कुमार कपूर को पुलिस ने गत् दिनों दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। भगौड़ा घोषित हुए कपूर के ऊपर SRS के निवेशकों के हजारों करोड़ रूपये हड़पने तथा बैंकों की भी मोटी रकम हड़पने के आरोप हैं।
बता दें कि SRS ग्रुप के प्रमोटर डॉयरेक्टर प्रवीण कुमार कपूर के अलावा जितेन्द्र गर्ग तथा डॉ. अनिल जिंदल के छोटे भाई सुनील जिंदल भी कानूनी कार्यवाही में भगौड़े घोषित हैं जिनके खिलाफ कि लुक आऊट नोटिस भी जारी है। ध्यान रहे कि SRS ग्रुप में रकम डूबने के चलते कोई आत्महत्या कर चुका है तो ना जाने कितने बर्बाद हो चुके हैं। इस मामले में कई सालों के विरोध-प्रदर्शन और शिकायतों के बाद सन् 2017 में तत्कालीन पुलिस कमिश्रर ने बर्बाद हो चुके लोगों की व्यथा सुनकर SRS ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अनिल जिंदल सहित कंपनी डॉयरेक्टर विनोद गर्ग उर्फ मामा, बिशन बंसल आदि को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंंचाया था। इनके ऊपर करीब 100 केस दर्ज हैं जोकि आज भी विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं।
इसके बाद नंबर आया नोएडा बेस WTC बिल्डर का। नहर पार के कई ब्रोकर्स और प्रोपर्टी डीलर्स के जरिए उन्हें मोटा कमीशन देकर WTC बिल्डर ने फरीदाबाद, गुरूग्राम और नोएडा आदि में निवेशकों के हजारों करोड़ रूपये की रकम डकार ली। निवेशकों को जब ना फ्लैट/प्लॉट मिले और ना ही अपनी निवेश की हुई रकम तो उन्होंने WTC बिल्डर के खिलाफ पुलिस में शिकायतें करते हुए बिल्डर के खिलाफ धरने-प्रदर्शन करने शुरू कर दिए। अपने आप को बचाने के लिए WTC बिल्डर ने ज्वाईट वेंचर के तौर पर नोएडा के Bhutani ग्रुप को भी अपने साथ शामिल कर लिया। इसी बीच मामला जब ईडी तक पहुंचा और फरीदाबाद और दिल्ली पुलिस ने WTC और भूटानी दोनों बिल्डरों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने शुरू किए तो अपने ऊपर शिकंजा कसता देख भूटानी ग्रुप ने अपना बचाव करने की नियत से इस ज्वाईट वेंचर से अपने आपको अलग कर लिया। वहीं ED ने करीब तीन हजार करोड़ की इस ठगी/धोखाधड़ी के आरोप में फरार हो चुके WTC बिल्डर के मालिक आशीष भल्ला को गत् 6 मार्च, 2025 को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि नहर पार ग्रेटर फरीदाबाद में चंद बिल्डरों द्वारा कच्ची फाईल खरीदने-बेचने को खेल ब्रोकर्स और प्रोपर्टी डीलर्स के माध्यम से करवाया जाता है जिसमें कि निवेशकों को गुमराह कर उनके खुन-पसीने की कमाई को लगवा दिया जाता है। इसके लिए ये बिल्डर अपनी ब्रांडिग के लिए बड़े-बड़े बोर्डों और सोशल मीडिया के माध्यम से पब्लिशिटी करते हैं। निवेशकों को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास तब चलता है जब उन्हें अपनी रकम मांगने पर भी वापिस नहीं मिलती और फिर उन्हें पता चलता है कि जिस प्रोजेक्ट पर उन्होंने अपने खुन-पसीने की कमाई लगाई थी, उसका ना तो LOI है और ना ही लाईसैंस और RERA से वो अप्रूवड है।
इसी तरह के मामले में मैट्रो प्लस की खबर पर कार्यवाही करते हुए DTP (इंफोर्समेट) यजन चौधरी ने इस मामले की जांच कर खबर को सही पाते हुए Navraj टाऊनशिप और संजीव अग्रवाल FIR दर्ज करवाई।
इसी तरह आजकल सुखिर्यों में चल रहे नहर पार के Adore ग्रुप के मालिक कप्तान सिंह और जितेश सहित 6 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर धोखाधड़ी और जालसाजी आदि BNS की निम्न धाराओं 3 (5), 316 (2), 318 (4), 336 (2), 338 तथा 351 (2) के तहत मुकदमा न. 263 दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी और जालसाजी जैसे गंभीर आरोपों के चलते कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुए इस मामले की जांच SIT द्वारा की जा रही है।
वहीं शिकायतकर्ता की बहन जो इस सारे केस को देख रही है, से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि बिल्डर ने फर्जी दस्तावेजों और फर्जी साईन के आधार पर सैक्टर-79 के उनके SCO को बाबूलाल के नाम कर दिया है जोकि अपने भाई अशोक के साथ मिलकर Adore के लिए ही काम करते हैं। उनका कहना था कि पुलिस में शिकायत करने के बाद भी जब पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में FIR दर्ज नहीं की तो उन्हें माननीय कोर्ट की शरण लेकर इस FIR को दर्ज करवाना पड़ा।
उनका कहना था कि पुलिस ने यदि इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की और इस केस को कैंसिल करना चाहा तो वे माननीय हाईकोर्ट में भी इस केस को ले जाएंगी। उनका कहना था कि राजनैतिक लोगों ने बिल्डर को बचाने का ठेका ले रखा है, यही कारण है कि आरोपियों को ना तो अभी तक गिरफ्तार किया और ना ही उन्होंने अपनी Anticeptary जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई।
अब देखना यह है कि पुलिस क्या इस मामले में Adore ग्रुप के मालिक कप्तान सिंह आदि को गिरफ्तार करती है या फिर दवाबों में आकर इस मुकदमे को कैंसिल करती है। इस मामले में यदि Adore बिल्डर अपना पक्ष रखना चाहे तो रख सकता है।






