Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad, 22 नवंबर: चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय SSB हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल सेक्टर-20ए ने एक 19 वर्षीय युवक की जटिल एवं दुर्लभ वेस्कुलर सर्जरी कर उसे नया जीवन देने का काम किया है। अस्पताल में ब्रिगेडियर डॉ. सुदीप सिंह सिद्धू (मुख्य कार्डियोवास्कुलर सर्जन) के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बिहार से आए 19 वर्षीय युवक की एक दुर्लभ और जीवनरक्षक वेस्कुलर सर्जरी सफलतापूर्वक की। यह केस कोमरेल्स डाइवर्टिकुलम नामक जन्मजात बीमारी से संबंधित था, यह एओर्टा (शरीर की मुख्य धमनी) की एक असामान्य विकृति है। यह फरीदाबाद में किया गया अपनी तरह का पहला केस है।
हॉस्पिटल प्रवक्ता के मुताबिक मरीज पिछले एक वर्ष से निगलने में कठिनाई, आवाज़ भारी पडऩा और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। स्थानीय उपचार से राहत न मिलने पर उसे SSB हॉस्पिटल भेजा गया, जहां विस्तृत जांच की गई। सीटी एंजियोग्राफी में पता चला कि मरीज की मुख्य धमनी और एक अतिरिक्त रक्तवाहिनी ने मिलकर एक रिंग जैसी संरचना (वेस्कुलर रिंग) बना ली थी, जो ट्रेकिया (श्वास नली) और इसोफेगस (भोजन नली) को चारों ओर से दबा रही थी। यही कारण था कि मरीज को गंभीर तकलीफें हो रही थीं। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने सावधानीपूर्वक लिगामेंटम आर्टेरियोसम नामक फाइब्रस बैंड को काटकर राहत दिलाई और कोमरेल्स डाइवर्टिकुलम नामक असामान्य उभार को हटा दिया। इसके बाद, बाईं भुजा को रक्त सप्लाई करने वाली धमनी को विशेष वेस्कुलर ग्राफ्ट ट्यूब की मदद से एओर्टा से दोबारा जोड़ा गया। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और मरीज को ऑपरेशन के एक घंटे के भीतर वेंटिलेटर से हटा दिया गया और वह अगले ही दिन चलने लगा। दो महीने बाद वह पूरी तरह सामान्य जीवन जी रहा है और सभी लक्षण समाप्त हो गए हैं।
SSB हॉस्पिटल के चेयरमैन एवं एमडी डॉ. एस.एस. बंसल ने सफल सर्जरी पर डाक्टरों की टीम बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हमारे डॉक्टरों की उत्कृष्ट क्षमता, टीमवर्क और अत्याधुनिक सुविधाओं का प्रमाण है। SSB हॉस्पिटल में हम सबसे जटिल कार्डियोथोरेसिक और वेस्कुलर सर्जरी भी उच्चतम मानकों के साथ कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य लोगों को एक छत के नीचे सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।







