फरीदाबाद में एलिवेटेड हाईवे पर अब नहीं होगी बेसहारा पशुओं की समस्या: ADC सतबीर मान
Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 16 दिसंबर: हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने वीडिया कांफ्रेस के माध्यम से प्रदेश के उपायुक्तों के साथ राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम्स में रखने के निर्देश दिए। एडीसी सतबीर मान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ते हुए मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों का गंभीरता से सुना और फरीदाबाद जिले में उनकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
ADC सतबीर मान ने मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को जिला फरीदाबाद से संबंधित कार्य बारे जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान हेतु प्रशासन द्वारा निरंतर एवं प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक एबीसी एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 4,700 आवारा पशुओं का स्ट्रे स्टेरलाइजेशन एवं वैक्सीनेशन सफलतापूर्वक किया जा चुका है। जिससे पशु नियंत्रण और जन-सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि करीब 5,000 बेसहारा मवेशियों को अब तक पकड़ा जा चुका है, जिससे सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और यातायात बाधाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। इस दिशा में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं रेलवे स्टेशन प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर लिया गया है। नगर क्षेत्र में एनएचएआई के अंतर्गत तीन एलिवेटेड हाईवे आते हैं। जहां बेसहारा मवेशियों की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया गया है और वर्तमान में वहां कोई गंभीर समस्या नहीं है। इसी प्रकार रेलवे स्टेशन क्षेत्र में भी संबंधित विभाग के साथ टाई-अप कर लिया गया है, जिससे वहां भी आवारा पशुओं की आवाजाही पर नियंत्रण रखा जा सके।
ADC सतबीर मान ने वीसी के उपरान्त सम्बंधित अधिकारियों की बैठक लेते हुए सुप्रीम कोर्ट व सरकार के आदेशों की दृढ़ता से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिले में कोई भी आवारा कुत्ता सड़को पर घूमता दिखाई न दे, इन्हें पकडकर शेल्टर होम में रखें। कई बार इन आवारा कुत्तों द्वारा राहगीरों पर अचानक हमले की घटनाएं भी सामने आई हैं। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर के जिला फरीदाबाद सहित सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम्स में रखने का निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन इस प्रक्रिया में बाधा डालता है, रोकने की कोशिश करता है या किसी तरह की परेशानी खड़ी करता है, तो उसके खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दर्ज किया जाएगा। अवमानना साबित होने की स्थिति में जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
बैठक में CEO जिला परिषद शिखा, CTM अंकित कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।





