Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 29 दिसंबर: जिले में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा को लेकर राज्य मंत्री राजेश नागर ने जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD) पब्लिक हेल्थ, पंचायत विभाग, एफएमडीए तथा एचएसवीपी के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्वेश्य विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करना, लंबित परियोजनाओं पर जवाबदेही तय करना तथा आम नागरिकों से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित करना रहा।
बैठक में पीडब्ल्यूडी से संबंधित सड़कों की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। जिन सड़कों की मरम्मत आवश्यक है तथा जिन नई सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है, उनके संबंध में अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए। राज्य मंत्री राजेश नागर ने कहा कि सड़क निर्माण कार्य समयसीमा के भीतर और निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार पूरे किए जाएं, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
पंचायत विभाग के अंतर्गत गांवों में ओवरफ्लो हो रहे जोहड़ों, जलभराव की समस्याएं गांवों की साफ-सफाई तथा नालियों की नियमित सफाई को लेकर भी बैठक में विशेष चर्चा हुई। राज्य मंत्री राजेश नागर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में स्वच्छता व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए और जल निकासी की व्यवस्था को मजबूत किया जाए, जिससे बरसात या अन्य कारणों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से ग्रामीणों को राहत मिल सके।
FMDA के अधिकारियों के साथ उन सड़कों और चौराहों को लेकर बातचीत हुई, जिनका निर्माण संयुक्त रूप से किया जाना है या जो एफएमडीए के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। राज्य मंत्री राजेश नागर ने यह भी स्पष्ट किया गया कि विभागों के बीच बेहतर समन्वय के साथ कार्य किए जाएं, ताकि परियोजनाओं में अनावश्यक देरी न हो। इसके साथ ही शहर में स्ट्रीट लाइटों की समस्याएं विशेष रूप से रात के समय लाइटों को ठीक से न जलने की शिकायतों पर भी चर्चा हुई और संबंधित अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए गए।
इस मौके पर राज्य मंत्री राजेश नागर ने विकास कार्यों में हो रही लेटलतीफी को गंभीरता से लिया। उन्होंने एफएमडीए के कुछ टेंडरों के तहत जिन कार्यों की समयसीमा 30 दिसंबर तक तय थी, उनके समय पर पूरा न होने पर कड़ा रूख अपनाया गया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, या अधिकारियों की वजह से कार्य में देरी होती है, तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। आवश्यकता पडऩे पर ऐसे ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि टेंडर की शर्तों के अनुसार कार्य की एएमसी अवधि (3 या 5 वर्ष) के दौरान यदि गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है, तो संबंधित ठेकेदार को अपने खर्च पर उसे ठीक करना होगा।
समीक्षा बैठक DC आयुष सिन्हा, ADC सतबीर मान, CEO जिला परिषद शिखा सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।






