महेश गुप्ता
फरीदाबाद, 30 नवंबर: नचौली स्थित लिंग्याज यूनिवर्सिटी के प्रांगण में ग्त दिवस आईपीआर चैलेंज इन डिजिटल इंवायरमेंट नामक दो-दिवसीय नेशनल कान्फे्रंस संपन्न हुई, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के शिक्षा-जगत के करीब 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिनमें राजस्थान, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मिजोरम, पंजाब तथा हरियाणा के उच्च पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस दो-दिवसीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.जोस.पी.वर्गीस, जो राष्ट्रीय लॉ विश्वविद्यालय (भोपाल) के भूतपूर्व कुलपति ने कॉपीराइट एवं आईपीआर के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
लिंग्याज विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० आर.के.चौहान ने सबका स्वागत करते हुए विषय की महता को विस्तृत रूप से समझा। कुलपति ने सम्मेलन में डिजिटल पुस्तकालय विशेषज्ञों शोधकर्ताओं और छात्रों को ओकिरण और कार्यान्वयन तथा कॉपीराइट आईपीआर को उपयोगिता के प्रति ज्ञान प्रदान किया। लिंग्याज विश्वविद्यालय के ही उपकुलपति डॉ० जीबी रमाराजू ने भी इसकी तकनीकी एवं लेखन क्रिया में इसका महत्व समझाया। डॉ० एसबीएबी प्रसाद शोध एवं विकास के विभागाध्यक्ष एवं पुस्तकालय कमेटी के चेयरमैन ने बताया कि पुस्तकालयों में इलैक्ट्रोनिक जनरल किताब कॉपीराइट एवं सुरक्षा एवं रख-रखाव के विषयों पर सूचना प्रौद्योगिकी पर कैसे उपयोग किया जाए एवं ज्ञान के अर्जन भंडारण पुनरोत्रद्धार एवं प्रसारण कल्पना से संबंधित विषयों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में लिंग्याज विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ० पिचेश्वर गड्डे ने उपस्थित होकर सभी भाग लेने वाले प्रतिभागी एवं आयोजकों को प्रोत्साहित किया। गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के डीन ने आईपीआर पर मुख्य भाषण दिया। कार्यक्रम के अंत में लिंग्याज विश्वविद्यालय के पुस्तकालाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ० आरएन मालवीय ने इस डिजिटल युग के समय में कॉपीराइट एवं आईपीआर के विषय में चर्चा करते हुए सभी प्रतिभागियों एवं सदस्यों को धन्यवाद दिया।