नवीन गुप्ता
नई दिल्ली, 14 दिसंबर: दिल्ली के शकूरबस्ती में झुग्गियां तोड़ने के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। वहीं, दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच रेलवे की ओर से झुग्गियां तोड़ने तथा मौके पर एक बच्चे की मौत को लेकर नया टकराव उत्पन्न हो गया। इस बीच, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को संसद भवन परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए। राहुल ने कहा कि शकूरबस्ती मामले को लेकर AAP प्रदर्शन क्यों कर रही है? आप की सरकार दिल्ली में है तो फिर वे क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा कि वे (राहुल गांधी) अभी बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राहुल गांधी को यह पता नहीं कि रेलवे केंद्र के अधीन है। उनकी पार्टी (कांग्रेस) ने शायद उन्हें इस बारे में नहीं बताया है।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शकूरबस्ती जाकर आज पीड़ितों से मिल सकते हैं। रेलवे ने दिल्ली के शकूरबस्ती में नए टर्मिनल के लिए 500 झुग्गियां उजाड़ दी हैं। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि सरकार को हटाने से पहले लोगों के लिए कुछ इंतज़ाम करना चाहिए था। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रेलवे प्रोजेक्ट का बहाना बना रहा है।
उधर, तोड़ फोड़ अभियान से नाराज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि उन्होंने इस मामले पर बात करने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात का समय मांगा है। छह महीने की एक बच्ची की मौत के लिए तोड़ फोड़ अभियान को दोषी बताया जा रहा है। केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु जी से मिलने का समय मांगा है। अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच एक नवजात बच्ची की मौत पर फिर से टकराव पैदा हो गया है। बच्ची की मौत शकूर रेलवे कॉलोनी की एक बस्ती में हुई थी जहां कल रेल विभाग ने तोड़ फोड़ की थी।
आप सरकार ने तोड़ फोड़ के इस अभियान और छह माह की बच्ची की मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराए जाने का आदेश दिया है जबकि रेल विभाग का कहना है कि इस घटना का ‘अतिक्रमण हटाने से कोई लेना देना नहीं है।’ पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया बच्चे की मौत तब दम घुटने से हुई जब कपड़ों का एक ढेर उसके उपर गिर गया। पुलिस के अनुसार बच्चे पर कपड़ों का ढेर तब गिरा जब उसके अभिभावक झुग्गी खाली करने की तैयारी कर रहे थे इसलिए कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। केजरीवाल ने इस मामले पर बात करने के लिए कल रेल अधिकारियों से अपने आवास पर मुलाकात की लेकिन वह उनके जवाब से नाखुश थे।
सू़त्रों ने कहा कि रेल अधिकारियों से जब पूछा गया कि क्या यह आपातकालीन परियोजना थी तो वे इस बात का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए कि तोड़ फोड़ अभियान क्यों चलाया गया। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि तोड़ फोड़ से पूर्व पुनर्वास के उचित इंतजाम क्यों नहीं किए गए, रेल अधिकारियों ने कहा कि वे इसके बारे में अपने बोर्ड और मंत्रालय को सूचित करेंगे। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री रेल अधिकारियों के जवाब से खुश नहीं थे और वह रेल मंत्री के समक्ष यह मामला उठाएंगे।