स्वयंभू गुर्जर सम्राट अवतार भड़ाना को है अपने ही भतीजे से जान का खतरा
गुर्जर इमाम बनने की हसरत लिए बैठे भड़ाना अब बन रहे है स्वयंभू गुर्जर सम्राट
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद,17 दिसम्बर: बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले, बड़े बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले। मशहूर शायर गालिब की यह पंक्तियां पूर्व सांसद अवतार भड़ाना पर एकदम सटीक बैठती है। राज्यसभा का सदस्य बनने की लालच में घर-वापिसी की बात कहकर कांग्रेस छोड़कर इनेलो में शामिल हुए बड़बोले अवतार भड़ाना को इनेलो से राज्यसभा सीट तो मिली नहीं उल्टे नई दिल्ली की जिस आलीशान 8,जनपथ कोठी में वे रहते थे, उन्हें वो भी खाली करनी पड़ी। यह लम्बी-चौड़ी कोठी कांग्रेस शासनकाल में अवतार भड़ाना को ही अलॉट थी लेकिन पिछले लोकसभा चुनावों में हार जाने के बाद यह कोठी सांसद दुष्यंत चौटाला को अलॉट हो गई थी। जोकि श्री चौटाला ने इनेलो ज्वाईन करने के बाद उन्हें रहने के लिए दे दी थी। हाल-फिलहाल अवतार भड़ाना नई दिल्ली के जिस 62, नार्थ एवन्यू में पहले मंजिल पर बने छोटे से फ्लैट में रहते हैं वहां किसी को मिलने से उन्हें बेइज्जती महसूस होती है।
अवतार भड़ाना को अपने भतीजे से खतरा:-
यही नहीं स्वयंभू गुर्जर सम्राट जिस भड़ाना के आगे-पीछे किसी समय सरकारी और गैर-सरकारी सुरक्षाकर्मियों की फौज घूमा करती थी, उसी भड़ाना को आज एक सुरक्षाकर्मी लेने के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है। वो भी अपने ही भतीजे से जान का खतरा बताते हुए। अपनी सुरक्षा को लेकर भड़ाना ने हाईकोर्ट में एक याचिका डाली हुई है।
गुर्जर इमाम या गुर्जर सम्राट:-
गुर्जर इमाम कहे जाने वाले गुर्जर बिरादरी के एकछत्र नेता एवं राजघराने से संबंध रखने वाले माधवराव सिंधिया की मौत के बाद पूर्व सांसद अवतार भड़ाना ने माधवराव सिंधिया की जगह लेने की जी-तोड़ कोशिश की लेकिन वो गुर्जर इमाम नहीं बन पाए।
उनके गुर्जर इमाम बनने की हसरत सपना बनकर ही रह गई। हां, समय-समय पर वो अपने आप को स्वयंभू गुर्जर इमाम जरूर मानते रहे। और जब बात नहीं बनी तो भड़ाना ने अपने आप को अब गुर्जर सम्राट कहना शुरू कर दिया। आज तिगांव में मनाए जा रहे अपने जन्मदिवस समारोह में भी भड़ाना अपने आप को गुर्जर सम्राट के तौर पर पेश कर रहे है।
कांग्रेस छोड़ी है गांधी परिवार नहीं:-
अवतार सिंह भड़ाना ने सोनिया परिवार से अपने पारिवारिक संबंध बताते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ी है गांधी परिवार नहीं। बकौल भड़ाना राजनीति में एक-दूसरी पार्टी में तो आना-जाना लगा रहता है, इसका मतलब यह नहीं की उनके गांधी परिवार से पारिवारिक रिस्ते खत्म हो जाएंगे।