महामृत्युंजय यज्ञ में डाली गई पूर्णाहूति, सुख, समृद्वि व शांति: मानव रचना परिवार ने लिया यज्ञ में हिस्सा
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 01 जनवरी: महामृत्युंजय यज्ञ मानव रचना को विरासत में मिला है। इस विरासत को आगे ले जाते हुए, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने नए साल का स्वागत एक हफ्ते से चल रहे महामृत्युंजय यज्ञ को पूर्णाहूति देते हुए किया। सभी की सुख, समृद्वि और शांति की कामना के साथ 26 दिसंबर से महामृत्युंजय यज्ञ की शुरुआत की गई थी। इसको पूर्णाहूति नए साल के पहले दिन दी गई। इस मौके पर भजन व भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मानव रचना परिवार के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया।
पूर्णाहूति का कार्यक्रम हवन के साथ शुरू किया गया। हवन मैनेजमेंट, वाइस चांसलर, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, इंस्टीट्यूशन्स के हैड, प्रिंसिपल व डायरेक्टर्स के द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम मानव रचना परिवार के सदस्यों, स्टाफ सभी के लिए एक दूसरे के साथ जुडऩे का माध्यम था। हवन के बाद सिद्वार्थ मोहन के भजनों पर सभी ने आनंद लिया व उसके बाद साथ में स्वाद से भरभूर भंडारे का मजा लिया। इस मौके पर पिछले 10 सालों से मानव रचना संस्थान के साथ जुड़े 31 मैंबर्स को उनके योगदान के लिए गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सभी को संबोधित करते हुए मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की चीफ पैटर्न श्रीमति सत्या भल्ला ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कामना की कि सभी का नया साल मंगलकारी हो। उन्होंने मानव रचना परिवार के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि जिस तरह साल 2015 में हम सभी ने एक जुट होकर काम किया है, वैसे ही हम नए साल में साथ रहकर नए लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि मानव रचना के फाउंडर चेयरमैन डॉ. ओपी भल्ला की सोच थी कि जैसे हवन से वातारवरण शुद्व होता है, वैसे ही हवन इंसान के मन को भी शुद्व करता है। इसी सोच के साथ हर साल महामृत्युंजय यज्ञ का आयोजन किया जाता है।
इस मौके पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के प्रेसिडेंट डॉ. प्रशांत भल्ला ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दी और कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि नया साल सबके लिए अच्छा रहे। उन्होंने कहा कि उनको यह पूरी उम्मीद है कि नया साल साल 2015 को कम नहीं रहेगा। उन्होंने मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी व डेंटल कॉलेज को मिली नैक ए ग्रेड मान्यता का जिक्र किया और वातावरण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस साल हमें अपने कैंपस को इकोस्मार्ट बनाने के लिए नए मॉडल बनाने हैं वह उसको पूरा करने के लिए एक जुट प्रयास करने है, ताकि भारत ही नहीं विदेशों में भी मानव रचना का मॉडल उदाहरण के तौर पर पेश किया जा सके।
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