नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 2 फरवरी: हरियाणा के सूरजकुंड में इस वर्ष सूरजकुंड अन्तराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का थीम स्टेट तेलंगाना के कलाकारों ने अपने राज्य का अपना घर स्थापित किया है। मेले में आने वाले आगुंतक थीम राज्य द्वारा सजा गये अपना घर के प्रति आकर्षित हो रहे हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के मास्क, पेंटिंग और सजावटी साजो-सामान दर्शाया गया है।
तेलंगाना से आए हुए चेरियल आर्ट के कलाकार नैशनल मैरिट अवार्डी डी वैंकुटम नकाश ने बताया कि इस प्रकार की पेंटिंग तेलंगाना के लोग केवल नक्काशी करके ही तैयार करते हैं और इसकी शुरूआत 15वीं शताब्दी में की गई थी। वर्षों पहले तेलंगाना के गांवों में इस कला को गीतों और कहानियों के माध्यम से फैलाया गया। इन पेंटिंग में अद्भुत हिन्दु ग्रंथ जैसे कि महाभारत और रामायण तथा विभिन्न भारतीय पुराणों से सम्बन्धित है। उन्होंने बताया कि इस पेंटिंग की तकनीक बहुत ही अद्भुत है, जिसमें पेंटिंग खादी के कपड़े पर की जाती है और मास्क नारियल छाल से तैयार किया जाता है। इन दोनों को तैयार करने की विधि एक समान है। नकाश के अनुसार कलाकार बनाए जाने वाली पेंटिंग का ब्रश के साथ प्रयोग करते हुए पहले उसका बाहरी चित्र उकेरता है उसके बाद बैकग्राउंड में भगवान या उसकी कलाकृति अनुसार उस पर रंग भरे जाते हैं।
नकाश ने बताया कि इन पेंटिंग को तैयार करने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके इस काम की कीमत 600 रुपये से लेकर 9000 रुपये तक है। नकाश ने अभी हाल ही में चीन और स्विटजरलैंड में अपनी विरास्त कला का प्रदर्शन किया।
मेले में तुर्केमेनिस्तान ने भी दिखाई मेले में अपनी कला
सूरजकुंड मेले में तुर्केमेंनिस्तान ने पहली बार अपनी शिल्प कला का प्रदर्शन किया है। तुर्केमेनिस्तान से आई दुरसुनोसोलमाज ने बताया कि यह मेला उनके देश की सांस्कृतिक समृद्ध कला को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन मंच है, जहां विभिन्न देशों के कलाकार आपस में अपनी कला और संस्कृति का आदान-प्रदान करते हैं। दुरसुनोसोलमाज ने बताया कि उन्होंने इस मेले में सैरामिक रंगों से तैयार वस्तुओं का प्रदर्शन किया है, जिसमें विभिन्न प्रकार की आकृतियों के साथ-साथ मानव मुखौटे भी तैयार करके रखे गये हैं। उन्होंने इनकी कीमत 9000 से ऊपर बताई।
सूरजकुंड मेले में हरियाणा का अपना घर भी बना आगुंतकों के लिए आकर्षण का केन्द्र
कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के धरोहर संग्रहालय ने भी मेले में हरियाणा के अपना घर में विश्व का सबसे बड़ा हुक्का प्रदर्शित किया है। तो वहीं विभिन्न बड़े प्रकार के घरेलू बर्तन, पुराने रेडियो सैट तथा अन्य देहाती सामान सजाए गये हैं। अपना घर में हरियाणा के ग्रामीण जीवन को दर्शाया गया है, जिसमें महिला द्वारा चूल्हे पर खाना बनाना, भैंस का दूध निकालना, चौपाड़ में हुक्का पीते हुए व्यक्ति आदि दिखाया गया है। अपना घर के बाहर बुनकरों को काम करते हुए दिखाया गया है, जिसमें एक महिला चरखा चला रही है। इस प्रकार के परिदृश्य आज की युवा पीढ़ी को अपने स्वर्णिम इतिहास से जोडऩे का कार्य कर रहे हैं।
मेले में स्कूल के विद्यार्थियों के लिए फेस पेंटिंग प्रतियोगिता
सूरजकुंड मेले में आज फेस पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें 85 के लगभग स्कूली छात्रों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विद्यासागर अंतर्राष्ट्रीय स्कूल फरीदाबाद के निशांत विक्रम और प्रियांशू को दिया गया। दूसरा पुरस्कार डीएवी पब्लिक स्कूल एनआईटी-3 फरीदाबाद के प्रीतमजीत सिंह और पुष्पम को दिया गया और इसी प्रकार, तीसरा पुरस्कार होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल, सैक्टर 29, फरीदाबाद के राज और सिद्धार्थ सिंह को दिया गया। इसके अलावा, सांत्वना पुरस्कार राजकीय कन्या मॉडल सीनियर सकेंडरी स्कूल फरीदाबाद की मीनू और कविता, विद्यासागर अन्तर्राष्ट्रीय स्कूल फरीदाबाद की प्रीत त्यागी और विधि यादव तथा होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल, सैक्टर 29, फरीदाबाद के वंश और श्रेया को दिया गया।
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