सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देशी-विदेशी कलाकारों ने दिया प्रेम और एकता का संदेश
मिस्त्र के कलाकार ने दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज एक सूत्र में पिरोये
कलाकारों ने मुख्यमंत्री को पेंंटिंग व अन्य उपहार किये भेंट
23 देशों के कलाकारों-शिल्पकारों ने सूरजकुंड मेले को दिया अनूठा रूप: मुख्यमंत्री
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 5 फरवरी: संगीत की कोई भाषा नहीं होती। संगीत केवल प्रेेम और एकता का प्रचार-प्रसार करता है। इसकी अनूठी तस्वीर सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के दौरान आयोजित मुख्यमंत्री के भोज के मौके पर प्रस्तुत की गई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों में देखने को मिली। विदेशी कलाकारों ने मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किये, जिस पर देशी दर्शकों ने लुत्फ उठाते हुए खूब तालियां बजाई। मिस्त्र के एक विदेशी कलाकार ने अपनी प्रस्तुति से दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज एक सूत्र में पिरोकर एकता का संदेश देते हुए दोनों देशों के मैत्री संबंधों की मजबूती के दर्शन कराये।
अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के पांचवें दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोपहर का भोज दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों के स्वागत में देशी-विदेशी कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रमों की शुरुआत मेले के थीम स्टेट तेलंगाना के कलाकारों द्वारा की गई, जिन्होंने कु बकोपा की मनोहारी प्रस्तुति से दर्शकों का मन-मोह लिया।
इस दौरान विदेशी कलाकारों ने देशी गीतों की धुनों पर मोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। यह प्रस्तुति किर्गिस्तान के कलाकारों के नाम रही, जिसकी कलाकारों ने रिमिक्स गीत मेरे नसीब में तू है कि नहीं पर शानदार नृत्य पेश किया। जापान के कलाकारों ने मदाइको नामक नृत्य रूपक के माध्यम से अपने देश की संस्कृति से रूबरू कराते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। साईबेरिया के कलाकारों ने लिवानकोपाला नामक नृत्य की प्रस्तुति से अपनी सभ्यता के दर्शन कराये।
मिस्त्र के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति में विशेष योगदान दिया। मिस्त्र के कलाकारों ने तीन अलग-अलग नृत्यों की प्रस्तुति दी। इनमें दो प्रस्तुतियां सामूहिक रही तथा एक एकल प्रस्तुति रही, जिसमें मिस्त्र के कलाकारों ने प्रेम और एकता के संदेश का प्रचार-प्रसार किया। इस कलाकार ने नृत्य प्रस्तुति देते हुए देश की आन-बान-शान के प्रतीक तिरंगे को मिस्त्र के राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक सूत्र में जोड़ते हुए नमन किया।
इस मौके पर किर्गिस्तान की कलाकार ने अपने समूह की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक लैदर पेंटिंग भेंट की, पेंटिंग में किर्गिस्तान की एक सुप्रसिद्ध कलाकार की तस्वीर चित्रित की गई थी। मिस्त्र के सांस्कृतिक समूह की ओर से भी मुख्यमंत्री को मैडम मोना मुस्तफा ने सुमिता मिश्रा पर्यटन विभाग के साथ मिलकर एक उपहार भेंट किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में इस वर्ष 23 देश शिरकत कर रहे हैं। इस प्रतिभागिता का और बढ़ाने के प्रयास किये जायेेंगे। उन्होंने कहा कि इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है, जिससे आपसी भाईचारा और संबंधों को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे अन्य देशों के कलाकारों व शिल्पकारों ने मेले को अलग एवं अनूठा रूप प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इससे देशी शिल्पकारों को भी अपनी कला को नया रूप देने के लिए नई चीजें सीखने के मौके मिल रहे हैं।
इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर तथा उपाध्यक्ष संतोष यादव, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा व श्याम सिंह राणा, विधायक विपुल गोयल, विधायक टेकचंद शर्मा, विधायक मूलचंद शर्मा, विधायक प्रेमलता, विधायक महिपाल ढांडा, विधायक संतोष सारवान, पूर्व मंत्री एवं मार्केट कमेटी की चेयरपर्सन कृष्णा गहलावत, हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, भाजपा के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन, प्रदेश संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, प्रतिभा सुमन, नगेंद्र भड़ाना, संदीप जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा एवं पूर्व जिला अध्यक्ष अजय गौड़ व डॉ० ओमप्रकाश आत्रेय, राजकुमार बोहरा, नयनपाल रावत, नीरा तोमर, ओमप्रकाश रक्षवाल, आरएन सिंह, मूलचंद मित्तल, राधेश्याम शर्मा, रमेश बल्हारा, बलराज कुंडू, आजाद सिंह नेहरा, मोहनलाल बड़ौली, मनिंद्र सन्नी, जयनारायण खूंडिया, रमेश भाटिया, ओएसडी राजकुमार भारद्वाज, आनंद मोहन शरण, राजेश खुल्लर, धनपत सिंह, सुरेश रवीश, नवदीप विर्क, चंद्रशेखर, आदित्य दहिया, पार्थ गुप्ता, रीगन कुमार, डॉ० शिल्पी आदि मौजूद थे।