कूड़े से रोशन होगा फरीदाबाद
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 2 मार्च: डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार व नीलकंठ समूह के बीच वेस्ट टू एनर्जी प्रोजैक्ट पर एमओयू पारित होने व इससे हैपनिंग हरियाणा और स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट को नई गति मिलने की संभावनाओं पर सुखद प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
यहां अरावली गोल्फ क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने 800 करोड़ रूपये के इस प्रोजैक्ट का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे निश्चित रूप से जहां वेस्टेज निस्तांतरण संबंधी समस्या से निपटा जा सकेगा वहीं ऊर्जा उत्पादन की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे जोकि समय की मांग है।
मल्होत्रा ने बताया कि हरियाणा सरकार व नीलकंठ समूह के बीच एमओयू से वेस्ट टू एनर्जी का नया अध्याय आरंभ होगा जिससे पर्यावरण व अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
मल्होत्रा ने यह भी जानकारी दी कि नीलकंठ समूह के चेयरमैन शैलेंद्र सिंह व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नई दिल्ली में आयोजित रोड शो कार्यक्रम में परस्पर वार्ता की और नीलकंठ समूह द्वारा प्रिंसीपल सचिव से मिलकर उक्त प्रोजैक्ट के संबंध में पेशकश की। इस संबंध में 18 फरवरी 2016 को दोनों पक्षों के बीच एमओयू पारित हुआ जिसके तहत फरीदाबाद व गुडग़ांव से लगभग एक हजार टन प्रतिदिन एकत्रित कचरे से पचास मेगावाट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन हो सकेगा। योजना के अनुसार वेस्ट की छंटाई कंप्यूटराईज्ड मैकेनिज्म से होगी अर्थात् इसमें मानव शक्ति की बजाय कंप्यूटर से कचरे को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा।
मल्होत्रा ने पत्रकारों को बताया कि कचरा निस्तातरण प्रक्रिया में सभी प्रकार के कचरे का प्रयोग किया जाएगा भले वह प्लास्टिक हो या रबड़, शीशा हो या लैदर, मैटल या पेपर या पोलीथीन। योजना के तहत घरों से कचरा एकत्रित किया जाएगा और योजना सेल्फ फाईनैसड मॉल के तहत कार्य करेगी।
मल्होत्रा ने जानकारी दी कि फरीदाबाद नगर-निगम आयुक्त डॉ० आदित्य दहिया ने भी तकनीक की सराहना की है।
यहां यह तथ्य उल्लेखनीय है कि डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पहला ऐसा औद्योगिक संगठन है जिसने डोर टू डोर कचरा एकत्रितकरण में नीलकंठ फाउडेशन को सहयोग दिया।
मल्होत्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीलकंठ फाउडेशन के प्रतिनिधि ने एक प्रोजैन्टेशन द्वारा उक्त प्रोजैक्ट की जानकारी दी। बताया गया कि 800 करोड़ रूपए के इस प्रोजैक्ट से 530 लोगों को रोजगार मिलेगा और यह प्रोजैक्ट दो वर्ष में पूर्ण होने की सम्भावना है। इस संबंध में पावर परचेज एग्रीमेंट व भूमि की उपलब्धता संबंधी मामलों पर भी कार्य किया जा रहा है।