मेक इन इंडिया में मीडिया की भूमिका पर परिचर्चा का आयोजन
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 7 मार्च: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की मेक इन इंडिया में भूमिका विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन का दूसरा दिन मीडिया की भूमिका पर केन्द्रित रहा। जिसमें मीडिया जगत के विभिन्न विशेषज्ञों मेक इन इंडिया अभियान की सफलता के लिए मीडिया की भूमिका को लेकर अपने विचार साझे किये।
सम्मेलन के पहले सत्र में शैक्षणिक संचार निकाय सीईसी के निदेशक प्रो० राजबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि मीडिया समाज के सजक प्रहरी के रूप में कार्य करता है और लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। देश के आर्थिक विकास के दृष्टिगत् एक अभियान के रूप में शुरू किये गये मेक इन इंडिया अभियान में मीडिया की भूमिका काफी अहम है। उन्होंने कहा कि देश की एक चौथाई आबादी अशिक्षित है और ऐसे लोगों को अभियान से जोडऩे तथा जागरूकता के लिए मीडिया ही एक अहम कड़ी है। इसी प्रकार देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करने में भी मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है।
सत्र में वशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद फरीदाबाद लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष राजीव चावला ने विज्ञान एवं तकनीक में नवीनतम अनुसंधानों पर बोलते हुए कहा कि मीडिया संचार का एक ऐसा माध्यम है जो विभिन्न प्रकार की संचार प्रौद्योगियों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सुपर कम्प्यूटर से लेकर मोबाइल तकनीक का जिक्र किया और कहा कि 1970 के दशक में बने सुपर कम्प्यूटर की तुलना में आज का मोबाइल फोन संचार का एक ऐसा माध्यम है। जिसमें इतिहास की अनेकों तकनीकों का मिश्रन देखने को मिलता है। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग के नये मीडिया माध्यमों का भी जिक्र किया और बताया कि किस प्रकार मीडिया में भी बदलाव आया है। युवाओं का भविष्य की नवीन तकनीक का निर्माता बताते हुए श्री चावला ने बताया कि डिजिटलाइजेशन के युग में नित नये आविष्कारों से किस प्रकार से परम्परागत उद्योगों का स्वरूप बदला और कितने ही पुराने उद्योग बंद हो गये है।
इस सत्र को पंजाब केसरी के राजनैतिक सलाहकार श्री राजीव कपूर ने भी संबोधित किया तथा मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का संबंध इनोवेटिव इंडिया से है और विश्वविद्यालय ही नवाचार का प्रमुख केन्द्र है। सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल इंडिया के दौर में देश के आर्थिक विकास के लिए तकनीकीविदें पर सस्ती तकनीक ईजात करने की बड़ी जिम्मेदारी है।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में मेक इन इंडिया में मीडिया की भूमिका पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का संचालन केन्द्रीय आयुष विभाग मीडिया सलाहकार श्री रजनीश गर्ग ने किया जिसमें मीडिया जगत के जाने-माने पत्रकारों ने हिस्सा लिया। परिचर्चा में इस बात पर बल दिया गया है कि देश के आर्थिक विकास में केन्द्र बिन्दू के रूप में देखे जा रहे मेक इन इंडिया अभियान को गति देने के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका निभाये। शिक्षाविद् श्रीमती किरण कौशल ने सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित सोशल मीडिया को क्रांतिकारी बदलाव बताते हुए कहा कि मीडिया का दायरा बड़ा है और इसके साथ मीडिया की जिम्मेदारी भी बड़ी है।
परिचर्चा में अन्य मीडिया विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को माना तथा कहा कि संचार प्रौद्योगिकी में आये बदलावों से मीडिया की जवाबदेही बड़ी है क्योंकि समाचारों पर पाठकों की सीधी प्रतिक्रिया मिल जाती है। मीडिया विशेषज्ञों ने यह भी माना कि मेक इन इंडिया की सफलता के लिए मीडिया को भी अपनी भूमिका तय करने की जरूरत हैं।
नाकारात्मक पत्रकारिता को लेकर विद्यार्थियों से संवाद करते हुए मीडिया विशेषज्ञों ने कहा कि समाचार पत्र एवं न्यूज चैनल पर जो कुछ भी प्रकाशित या प्रदर्शित किया जाता है वह पाठकों की रूचि अनुसार ही होता है। चैनल्स या समाचार पत्रों की लोकप्रियता पाठकों एवं दर्शकों पर निर्भर करती है। इसलिए उन्हें खुद ही तय करना होगा कि वे क्या देखना या पढऩा चाहते है।
सत्र को हिन्दुस्तान समाचार में दिल्ली के ब्यूरो प्रमुख श्री अनुराग मिश्रा लाइव इंडिया न्यूज चैनल के उप संपादक श्री दिनेश गौतम ई.मैगजीन के संपादक अविनाश चंद्रा तथा फरीदाबाद में दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रमुख श्री बिजेन्द्र बंसल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो० दिनेश कुमार भी उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता समाजसेवी डॉ० केसी अरोड़ा तथा कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रो० अशोक अग्रवाल ने की तथा परिचर्चा पर अपने विचार रखें।