नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 4 अप्रैल: सदैव मूल्यों को लेकर चलने वाले मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में आचार व मूल्यों विषय पर फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। मानव रचना अकैडमिक स्टाफ कॉलेज के द्वारा आयोजित किए गए फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली हाईकोर्ट के माननीय जज श्री आरएस एंडलॉ व श्री एस. रविंद्र भट्ट पहुंचे।
कार्यक्रम में दोनों जजों का स्वागत करते हुए मानव रचना अकैडमिक स्टाफ कॉलेज के एग्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) एसएन सेतिया ने कहा कि संस्थान चाहे छोटा हो या बड़ा, वहां आचार व मूल्यों का होना बहुत जरूरी है। यह मूल्य व आचार सकारात्मक वातावरण के साथ बेहतर इंसान बनाते हैं।
कार्यक्रम में सभी को संबोधित करते हुए माननीय जस्टिस आरएस एंडलॉ ने कहा कि आचार व मूल्यों के साथ जीना है सही तरीके से जीना है। उन्होंने कहा कि फैकल्टी व स्टाफ संस्थान के सबसे बड़े ब्रैंड एंबैस्डर होते हैं, इसलिए कार्यक्षेत्र में मूल्यों व आचार का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने स्टाफ को गीता की कुछ जरूरी बाते बताते हुए कार्यक्षेत्र में मूल्यों व आचार को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
वहीं माननीय जस्टिस श्री एस रविंद्र भट्ट ने अपने अनुभवों को सभी के साथ सांझा किया। उन्होंने महाभारत का वर्णन करते हुए कहा कि इंसान परफैक्ट नहीं है। उसको अपनी कमियों को दूर कर परफैक्शन की ओर बढऩे के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। उन्होंने फैकल्टी को कहा वह स्टूडेंट्स के लिए उदाहरण होते हैं, ऐसे में वह खुद मूल्यों व आचार को अपनाकर स्टूडेंट्स को अनुशासन में रहने के लिए प्रेरित करें।
इस मौके पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के एमडी डॉ० संजय श्रीवास्तव ने कहा कि जो हम करते हैं वह हमारा धर्म बनता है और कर्मा हमारा पीछा करता है। उन्होंने कहा कि क्यूएस वल्र्ड रैंकिंग में 40 प्रतिशत भार अकैडमिक ख्याति को दी जाती है। इसी से पता चलता है कि मूल्यों व आचारा की कितनी अहमियत है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 4 अप्रैल को मनाए जाने वाले फाउंडर्स डे के बारे में बताते हुए कहा कि अगले फाउंडर डे पर फाउंडर चेयरमैन को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए गीता के 108 शुलोकों की किताब लाएंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों के साथ मनाव रचना यूनिवर्सिटी के इंडस्ट्री इंटरफेस डायरेक्टर श्री जयदीप सिंह मौजूद रहे।