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चाईल्ड वेलफेयर कमेटी यानि सीडब्ल्यूसी कर रही है मासूम व नाबालिग बच्चों की देखभाल व सुरक्षा का कार्य


14 वर्ष से कम आयु के नाबालिग से किसी भी तरह का कार्य करवाने पर उसके खिलाफ की जा सकती है कानूनी कार्रवाई: एचएस मलिक

बाल श्रम को रोकने के लिए जिम्मेदारी ले आम जनता तथा शहर की एनजीओ
सरकार द्वारा दी जाती है अनेक प्रकार की सहायता
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 7 मई (नवीन गुप्ता): चाईल्ड वेलफेयर कमेटी यानि सीडब्ल्यूसी, यह वह सरकारी कमेटी है जोकि फरीदाबाद जिले सहित पूरे हरियाणा में उन मासूम व नाबालिग बच्चों की देखभाल व सुरक्षा का कार्य करती है जोकि अनाथ, बे-सहारा, गुमशुदा होने के साथ-साथ सेक्सूयल हरासमेंट के शिकार होते है। फरीदाबाद जिले में इस कमेटी के चेयरमैन व शहर के प्रमुख समाजसेवी एचएस मलिक ने इस कमेटी के कार्यो के बारे में मैट्रो प्लस से अपने विचार सांझा करते हुए शहर में बाल श्रम व घुमंतू बच्चों के लिए दिन-रात सोचने वाली आम जनता तथा एनजीओ से बाल श्रम को रोकने की अपील की है।
श्री मलिक ने कहा है कि बाल श्रम एक अपराध है। इस पर हम सभी मिलकर रोक लगाएं ताकि उनकी आने वाली पीढिय़ों का भविष्य सज-संवर सके। उन्होंने बताया कि बाल श्रम के तहत 14 वर्ष से कम आयु के नाबालिग से किसी भी तरह का कार्य करवाने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यदि आप अपने आसपास ऐसा कुछ देखते हैं तो पहले उन्हें समझाइए कि सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए वर्दी से लेकर पुस्तकों व पढ़ाई मुफ्त कर रखी है। यहीं नहीं ऐसे बच्चे जिनके मां-बाप या दोनों में से माता या पिता दुनिया में नहीं हैं, उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा की ओर से 2000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रति माह तीन वर्ष के लिए दी जाती है। यहीं नहीं, ऐसे बच्चों को बाल संरक्षण गृह में रखकर उनकी देखभाल 18 वर्ष की आयु यानि उनके बालिग होने तक की जाती है। 18 वर्ष के बाद भी ऐसे बच्चे उच्च शिक्षा या तकनीकी शिक्षा हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें 21 वर्ष की आयु तक आफ्टर केयर होम में रखा जाता है। घुमंतू बच्चों के लिए भी हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग की ओर उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। वे स्कूल में दाखिले से लेकर आर्थिक सहायता तक ले सकते हैं, जरूरत है तो जागरूकता व उनकी संकल्प शक्ति की।
एचएस मलिक ने जागरूक लोगों व संस्थाओं से अपील करते हुए कहा कि इस पुनीत कार्य में आगे आएं ताकि ऐसे बच्चों को नवजीवन मिल सकें, वे पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े होकर नया संसार बना सकें। यदि किसी व्यक्ति विशेष को दुकान, शोरूम, घर या फैक्ट्रियों में ऐसे बच्चे दिखाई देते हैं जिन्हें सहायता की जरूरत है वे जानकारी मिलने पर टोल फ्री नंबर 1098 पर संपर्क कर किसी के खाली जीवन में रंग भर सकते हैं।

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