मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 7 मई (महेश गुप्ता): हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने निजी स्कूल संचालकों द्वारा नियम 134ए के विरोध में स्कूल बंद करने के निर्णय को चोरी और सीना जोरी मानते हुए इसके खिलाफ प्रशासनिक व लीगल कार्यवाही शुरू कर दी है। मंच की ओर से चेयरमैन सीबीएसई मुख्यमंत्री हरियाणा को पत्र लिखकर निजी स्कूलों की इस गैर-कानूनी व असंवैधानिक कार्यवाही पर दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग की है। मंच का कहना है कि 134ए तो बहाना है। वे चाहते हैं कि उनके द्वारा किए जा रहे नियमों के उल्लंघन, मनमानी, कमीशन खाने के चक्कर में लगाए जाने वाली बाहरी पुस्तकों व गैर कानूनी फंड़ों में फीस वसूलने आदि पर किसी भी प्रकार की रोक न लगाई जाए। सरकार पर दबाव डालने के लिए वे प्रकार का ओछा हथकंड़ा हर साल अपनाते रहे हैं। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे पढ़ाई नहीं तो फीस नही के सिद्धांत पर 4 दिन की फीस कम करके फीस जमा कराएं।
मंच के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने स्कूल प्रबंधकों के बयान एक भी स्कूल को नहीं दी रियायती दरों पर जमीन की पोल खोलते हुए मीडिया को एस्टेट आफिसर हुडा फरीदाबाद द्वारा सीएम विंडो को भेजे गए एक जवाब की प्रति दिखाई है जिसमें लिखा गया है कि आफिस रिकार्ड के आधार पर फरीदाबाद के 70 निजी स्कूलों को लीज आधार पर 99 साल के पटटे पर रियायती दर पर जमीन दी गई है और हुडा नियमों के उल्लंघन पर 35 स्कूलों को 17(4) के नोटिस दिए गए हैं और 2 को रिज्यूम भी कर दिया गया है। मंच ने अपने प्रैस नोट के साथ पब्लिक स्कूल को हुडा द्वारा दी गई जमीन का भूमि आबंटन पत्र सलंग्न किया है जिसमें इस स्कूल को 27 जनवरी 1994 को 1.49 एकड़ जमीन 3 लाख 5 हजार में 99 साल के पटटे पर वह भी बिना किसी ब्याज के छ: मुश्त किश्तों में रकम जमा करने पर दी है। आवंटन पत्र के क्रमांक 13 से 22 में इस स्कूल पर नियम लगाते हुए कहा है कि वह अपने स्कूल के अंदर किसी भी प्रकार की दुकान या व्यवसायिक गतिविधियां नहीं करेंगे। हुडा द्वारा तय बिल्डिंग प्लान के आधार पर स्कूल का निर्माण करेंगे और अपने स्कूल में 20 प्रतिशत दाखिला गरीब, पिछड़े व मेधावी छात्रों को देकर उनसे सरकारी स्कूलों की भांति फीस वसूलेंगे। अपनी मैनेजमेंट कमेटी में हुडा का एक प्रतिनिधि शामिल करेंगे और अपनी दाखिला पॉलिसी व फीस संरचना की जानकारी हुडा को देंगे और दाखिले में अपने क्षेत्र के बच्चों को पहले प्राथमिकता देंगे। इसी प्रकार अन्य स्कूलों को भी रियायती दर पर जमीन दी गई है। उन सभी पर हुडा के वहीं नियम लागू किए हैं। जो पब्लिक स्कूल के आवंटन पत्र में लिखे गए हैं।
इसके बावजूद हरियाणा प्रोगेसिव स्कूल कांफ्रेस का प्रैस कांफ्रें स में यह बयान देना कि स्कूलों को रियायती दरों पर जमीन नहीं दी गई है। जोकि अपराध की अवधि में आता है। मंच ने कांफ्रें स के नेताओं के इस बयान पर कि स्कूलों की मनमानी का विरोध करने वाले अभिभावक मंच के बच्चे स्कूलों में नहीं पढ़ते हैं पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंच के जिलाध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व जिला सचिव डॉ० मनोज शर्मा ने कहा है जुल्म व मनमानी के खिलाफ आवाज उठाना हर नागरिक का कर्तव्य है और अब तो मंच द्वारा चलाए गए अभिभावक जागरूकता अभियान के तहत प्रत्येक स्कूलों की पैरेंटस एसोसिएशन में शामिल अभिभावक खुलकर मनमानी का विरोध कर रहे हैं।
मंच ने स्कूल संचालकों व उनकी यूनियन के पदाधिकारियों को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि वे सीबीएसईए हुडा व शिक्षा नियमावली 2003 के नियम कानूनों के उल्लंघन पर उपायुक्त जिला शिक्षा अधिकारी व मीडिया की मौजूदगी में आमने-सामने आकर खुली बहस करें जिससे आम जनता को पता चल सकें की वे नियमों का पालन कर रहे हैं या उनका उल्लंघन। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वह इसी प्रकार जागरूक व एकजुट होकर निजी स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का विरोध करें और स्कूलों की गीदड़ भभकी के आगे न झुके मंच पूरी तरह से उनके साथ है।
हुडा विभाग ने स्कूलों को कहीं भी रियायती दरों पर नहीं दी जमीन: सुरेश चंद
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फरीदाबाद, 7 मई (महेश गुप्ता): हरियाणा अभिभावक एकता मंच के पदाधिकारियों द्वारा निजी स्कूलों पर रियायती दरों पर जमीन लेने के लगाए गए आरोप को हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूल एसोसिएशन (एचपीएससी)के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र ने सिरे से नकारते हुए कहा है कि हमने हुडा विभाग के चंडीगढ कार्यालय में आरटीआई लगाई थी जिसके जवाब में लिखा है कि स्कूलों को कहीं भी रियायती दरों पर जमीन नहीं दी गई है, ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जमीन की कीमत कभी भी तय नहीं करती कि वह रियायती दरों पर मिली है या नहीं। सुरेश चन्द्र ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट को अपनी लड़ाई लडऩे का पूरा हक और यही कारण है कि कुछ दिनों के लिए निजी स्कूलों ने छुट्टी रखी है। परंतु इन सबके चलते बच्चों की पढ़ाई हर्जा नहीं होने दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ी तो एक्सट्रा क्लास लगाएंगे और बच्चों की पढ़ाई पूरी कराएंगे। उन्होंने कहा कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस प्रकार के लोगों द्वारा समाज में भ्रांति फैलाना बंद किया जाना चाहिए।