मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 17 मई (नवीन गुप्ता): सीएलयू शुल्क में कटौती की मांग को लेकर व्यापार मंडल ने नगर-निगम आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधान जगदीश भाटिया ने किया।
निगम आयुक्त डॉ० आदित्य दहिया को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से श्री भाटिया ने कहा कि वर्ष 1947 में हिन्दुस्तान के बंटवारे के बाद उजड़े हुए लोग जब इस शहर में आए थे, तब प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि वह उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दे सकते। उनके लिए इतना कर सकते हैं कि 233 गज का प्लाट मात्र 2600 रुपए में दे सकते हैं, जिसकी अदायगी किश्तों में की जा सकती है। इस प्लाट में लोग अपना घर बनाएं, दुकान चलाएं और अपना रोजगार स्वयं अर्जित करें। तभी से लोग इन प्लाटों में अपनी दुकान चलाकर रोजगार से अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। लेकिन पूर्व की कांग्रेस सरकार ने एनआईटी क्षेत्र को सीएलयू के दायरे में लाकर बहुत अधिक शुल्क निर्धारित कर दिया। व्यापार मंडल ने इस पर कड़ा एतराज जताया। सरकार ने नेशनल हाईवे पर यह शुल्क 300 से 500 रुपए तय किया, जबकि एनआईटी के बाजारों के लिए यह राशि 11500 रुपए कर दी गई। व्यापार मंडल ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आंदोलन किया, जिस पर सरकार ने पुन: रेट का निर्धारण करते हुए यह शुल्क एक हजार से लेकर 1500 रुपए कर दिया। इस राशि के हिसाब से अनेक लोगों ने शुल्क की राशि नगर-निगम में जमा भी करवाई। लेकिन हाईकोर्ट में यह केस दायर होने के बाद सरकार को नई सीएलयू पॉलिसी लागू करनी पड़ी, लेकिन इसके रेट 15500 रुपए कर दिए हैं, जोकि बहुत ज्यादा अधिक हैं। इसलिए व्यापार मंडल की मुख्यमंत्री महोदय से मांग है कि सीएलयू शुल्क के नए रेट 1000 से 1500 रुपए ही निर्धारित किए जाएं, ताकि दुकानदार आसानी से अपना सीएलयू करवा सके और सरकारी खजाने में बढ़ोतरी हो।
इसके अलावा व्यापार मंडल ने एक व दो नंबर चौक के बंद को खुलवाने एवं वहां लगी टै्रफिक बत्ती को ठीक करवाने की मांग भी रखी। व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भाटिया ने नगर-निगम आयुक्त से कहा कि एक नंबर की सब्जी मंडी मार्केट में दुकानदारों को जल्द से जल्द दुकानों का निर्माण करवाकर दिया जाए। उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक स्व: कुंदनलाल भाटिया की अनुशंसा पर सरकार ने सब्जी मंडी में दुकानदारों को दुकानें बनाकर देने की नीति तैयार की थी। लेकिन निगम की लचर कार्यप्रणाली की वजह से कई सालों बाद भी दुकानदारों को दुकानें बनाकर नहीं दी जा रही है, जिस वजह से अनेक लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं। लोगों को रोजगार की परेशानी पैदा हो रही है, इसलिए उनकी मांग है कि निगम प्रशासन बिना किसी शर्त पर तत्काल दुकानों का निर्माण आंरभ करे और उन्हें पोजीशन दे।
इस अवसर पर श्री भाटिया के साथ प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ उपप्रधान जगनशाह, प्रताप भाटिया, गिर्राजदत्त गौड़, बसंत कालड़ा, हरबंस लाल बांगा, कंवल खत्री, डॉ० पीसी सेठ, बंसीलाल, सुरेंद्र आहूजा, राममेहर, नीरज भाटिया, अनिल भाटिया, रिकंल भाटिया, सतनाम मंगल व सतीश भाटिया प्रमुख रूप से उपस्थित थे।