मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 25 मई (महेश गुप्ता): फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा को लेकर स्थानीय लोगों में भारी उत्साह देखा गया। लोगों ने एक दुसरे को मिठाईयां खिलाकर बधाई दी। लोगों का कहना था की आखिरकार फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी घोषित कर ही दिया गया है । इससे शहर का विकास होगा और लोगों का भी विकास होगा। लोगों का कहना था की यदि अब शहर में कोई बड़ी मदर यूनिट लग जाए तो यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा वहीं अन्य लोगों का कहना था की वह आज सुबह से ही भगवान् से प्रथना कर रहे थे की स्मार्ट सिटी की दूसरी घोषित होने वाली सूची में फरीदाबाद का नाम आ जाए और कुछ समय बाद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने 13 स्मार्ट सिटी शहरों की सूची जारी कर दी जिसमें फरीदाबाद का नाम शामिल था। कई लोगों का कहना था की स्मार्ट सिटी के लिए मिलने वाला पैसा सही हाथो में आये और ईमानदारी से खर्च हो तभी फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बन पायेगा। कुल मिलाकर आज का दिनफरीदाबाद वासियों के लिए स्मार्ट सिटी के रूप में बड़ी सौगात लेकर आया है। लोग स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री का दिल से गुणगान कर रहे हैं उन्हें बधाईयां दे रहे हैं। फरीदाबाद अब स्मार्ट सिटी बनेंगा ये अब तय हो गया है जानें स्मार्ट सिटी में कैसी होंगी सुविधाएं ।
1.क्वालिटी ऑफ लाइफ
-सिटी में रहने वाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले। यानी किफायती घर हो हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर हो। पानी और बिजली चौबीसों घंटे मिले। एजुकेशन के ऑप्शंस हों। सुरक्षा हो। एंटरटेनमेंट और स्पोट्र्स के साधन हों। आस-पास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो। अच्छे स्कूल और अस्पताल भी मौजूद हों।
2. इन्वेस्टमेंट
स्मार्ट सिटी में वहां मौजूद ह्यूमन रिसोर्स और नेचुरल रिसोर्स के मुताबिक पूरा इन्वेस्टमेंट भी आए। बड़ी कंपनियों को वहां अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले। उन पर टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।
3. रोजगार
स्मार्ट सिटी में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आस-पास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिलें। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।
जो सुविधाएं आजादी के बाद से अब तक आपको नहीं मिलीं, वे स्मार्ट सिटी में दिलाने के दावे
स्मार्ट सिटी में ट्रांसपोर्ट, रेसिडेंशियल, बिजली-पानी, हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं देने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं।
1. ट्रांसपोर्ट
– स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
-कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ हों।
-रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।
2. रिहाइश
– 95 फीसदी रिहाइशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों।
– 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
-कम से कम 30 फीसदी रिहाइशी और कमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।
3. बिजली और पानी
– स्मार्ट सिटी में 24.7 पानी और बिजली सप्लाई हो।
-100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
-लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
-प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।
4. वाईफाई कनेक्टिविटी
-100 प्रतिशत घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
-100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।
5. हेल्थ
-स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
-हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
-एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।
6. एजुकेशन
-15 प्रतिशत इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
-हर 2500 लोगों पर एक प्री-प्राइमरी हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
– सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
-10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हो।