– अब महिला पुलिस थानों में रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर प्रत्येक वर्ष महिला पुलिस दिवस मनाया जाएगा
– हरियाणा पुलिस में महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण हासिल करने के लिए राज्य सरकार सक्रियता से कार्य कर रही है
– महिला पुलिस थानों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए सभी थानों को दी जाएंगी 50 महिला पीसीआर और 100 स्कूटी
– जिले के प्रत्येक गांव और शहर के वार्ड में की जाएगी महिला पुलिस स्वयंसेवकों की नियुक्ति
– बस अड्डे, रेलवे स्टेशनों, स्कूलों और कालेजों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस को दिए निर्देश
मैट्रो प्लस
चण्डीगढ़, 9 जुलाई(नवीन गुप्ता): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महिला पुलिसकर्मियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु सम्मानित करने के लिए विशेष रूप से उनके लिए चार पदकों (मैडल) को स्थापित करने, महिला पुलिस दिवस मनाने और एक हजार और महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती करने की घोषणा की है। इन मैडलों का नाम सर्वोत्तम सेवा मैडल होगा और ये मैडल रक्षाबंधन के अवसर पर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री, जो आज यहां प्रदेश के महिला पुलिस थानों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, ने कहा कि सिपाही और हवलदार (हैड कान्स्टेबल) की श्रेणी में दो मैडल दिए जाएंगे। सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई), उप-निरीक्षक (एसआई) और निरीक्षकों की श्रेणी में अन्य दो मैडल दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश के सभी जिलों में अब से महिला पुलिस थानों में रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर प्रत्येक वर्ष महिला पुलिस दिवस भी मनाया जाएगा। इन पुलिस स्टेशनों को पूरी तरह से सुसज्जित किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश के सभी बड़े सब-डिविजन मुख्यालयों पर ऐसे पुलिस थाने खोले जाएंगे, जबकि शेष सब-डिविजन पर पुलिस हैल्प डैस्क स्थापित किए जाएंगे, जो प्रात: 9 बजे से सायं 5 बजे तक खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि तमिलनाडू एक ऐसा राज्य है, जहां पर पुलिस हैल्प डैस्क होते थे, परंतु उससे भी एक कदम आगे बढ़कर हरियाणा सरकार ने सभी जिलों में महिला पुलिस थाने खोलने का निर्णय लिया था। गत वर्ष रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में महिला पुलिस थाने खोलने की घोषणा की थी।
प्रदेश में महिला पुलिस की संख्या की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हरियाणा पुलिस में 1000 और महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती की जायेगी, जिसके लिए इस वर्ष प्रक्रिया आरम्भ हो जायेगी। बहरहाल, 1000 महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती पहले ही प्रक्रियाधीन है और लगभग पूरी होने वाली है। उन्होंने कहा कि इस के अलावा 100 महिला उप-निरीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पहले ही आरम्भ हो चुकी है। हरियाणा पुलिस में महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण हासिल करने के लिए राज्य सरकार सक्रियता से कार्य कर रही है। इस समय यह योगदान 4 प्रतिशत है और प्रदेश में इन 2000 नई महिला पुलिस कर्मियों के शामिल होने के साथ यह बढ़कर 10 प्रतिशत हो जायेगा। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस थानों की कार्यप्रणाली में और सुधार लाने के दृष्टिगत इन सभी थानों को 50 महिला पीसीआर और 100 स्कूटी प्रदान की जायेंगी।
पुलिस को सरकार का चेहरा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस का जनता के साथ और अधिक मैत्रीपूर्ण व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया, क्योंकि इससे अपराध के स्तर में कमी लाने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। उन्होंने प्रदेश के कुछ हिस्से में युवाओं द्वारा ड्रग्स का उपयोग किए जाने पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा हरियाणा अब तक ऐसी बीमारी से अच्छूता था परंतु पंजाब के साथ लगते कुछ क्षेत्रों में इस बुराई ने सिर उठाना आरम्भ किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में ड्रग्स के दुष्प्रभाव के बारे में युवाओं को शिक्षित करने में महिला पुलिस थाने महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक नई योजना लागू करने का भी निर्णय लिया है, जिसके तहत पुलिस और लोगों के बीच नजदीकी तालमेल बनाए रखने के लिए जिले के प्रत्येक गांव और शहर के वार्ड में महिला पुलिस स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जाएगी। महिला पुलिस स्वयंसेवकों के चयन के लिए मानदण्डों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में पुलिस कर्मियों की भर्ती के लिए राष्ट्रीय डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की पद्धति पर पूर्व प्रशिक्षण की आवश्कता पर भी बल दिया ताकि युवा सीधे पुलिस बल में शामिल हो सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि एनसीसी की तरह स्कूलों के पाठ्यक्रम में पुलिस प्रमाणपत्र कोर्स के विषय को शामिल किया जाएगा ताकि प्रमाणपत्र के आधार पर युवा पुलिस में नौकरी प्राप्त कर सकें।
बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस को बस अड्डे, रेलवे स्टेशनों, स्कूलों और कालेजों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए ताकि समाज विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विद्यार्थियों, विशेष रूप से लड़कियों को स्व-सुरक्षा में प्रशिक्षण देने के लिए स्कूल और कालेजों में शिविरों का आयोजन करने के लिए भी कहा। उन्होंने गांव स्तर पर परामर्श प्रक्रिया में नव-चयनित महिला पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए भी कहा, क्योंकि उनकी संलिप्ता से महिलाओं के विरूद्ध अपराध में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और स्वच्छता अभियान सहित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों और लोगों के सहयोग के परिणामस्वरूप प्रदेश में लिंगानुपात 837 से बढ़कर 900 हो गया है। इसे और अधिक बढ़ाकर 950 के स्तर पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर बोलते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा कि हरियाणा देश में ऐसा पहला राज्य है, जहां पर प्रदेश के सभी जिलों में महिला पुलिस थानों की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त हरियाणा देश में ऐसा भी पहला राज्य है जहां पर प्रदेश के सभी जिलों में संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि काउंंसलिंग केे माध्यम से घरेलू हिंसा से सम्बन्धित मामलों का सहज रूप से निपटान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के विरूद्ध अपराध पर अंकुश लगाने के दृष्टिगत उन्हें अच्छे और बुरे स्पर्श (यौन उत्पीडऩ) के बारे में शिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश के विभिन्न स्कूलों और कालेजों में अब तक 1554 जागरूता शिविरों का आयोजन किया है ताकि बच्चों में जागरूकता उत्पन्न की जा सके। उन्होंने महिला अधिकारियोंं को एक टीम के रूप में कार्य करने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।
हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने लगभग पौने दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की हैं, जिसमें सभी जिलों में महिला पुलिस थानों की स्थापना एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार की इस अनूठी पहल का अन्य राज्यों द्वारा भी अनुसरण किया जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक के.पी. सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने एसएचओ और डीएसपी स्तर की महिला पुलिस अधिकारियों के साथ सीधा संवाद किया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में महिला पुलिस थाने खोलने के बाद अपराध विशेष रूप से महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 1 सितम्बर, 2015 से 30 जून, 2016 की अवधि के बीच महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 6758 मामले दर्ज किए गये थे, जबकि 1 सितम्बर, 2014 से 30 जून, 2015 की अवधि के दौरान 6915 मामले दर्ज किए गये थे, जो 157 मामलों की कमी को दर्शाता है। इसी प्रकार, पहली जनवरी, 2016 से 30 जून, 2016 की अवधि के दौरान महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 3898 मामले दर्ज किए गये, जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 4210 मामले दर्ज किए गये थे। इस प्रकार इसमें 312 मामलों की कमी आई है।
इससे पूर्व, पुलिस महानिरीक्षक आधुनिकीकरण अजय सिंघल ने महिला पुलिस थानों की कार्य प्रणाली पर एक प्रस्तुति दी। बाद में, महिला सुरक्षा पर मोबाइल एप्प ‘सुरक्षा चक्रÓ पर एक डैमो भी दिया गया, जिसकी मुख्यमंत्री ने सराहना की।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामनिवास, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक और विभाग की निदेशक श्रीमती रेणु एस फुलिया, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था मोहम्मद अकील, महिला पुलिस थानों के प्रभारी और पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।