Metro Plus News
एजुकेशनफरीदाबादहरियाणा

बच्चे, बूढ़े और जवान सभी आपसी बैर भुलाकर खेलते हैं होली: धर्मपाल यादव

आपसी भाईचारे और सौहार्द का पर्व है होली: धर्मपाल यादव
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 12 मार्च: विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने कहा कि होली पर्व आपसी भाईचारे व प्यार का प्रतीक है। इस दिन मानव अपने सभी मतभेदों को भूलाकर विभिन्न रंगों के रंग में एक के सूत्र में बंध जाता है। श्री यादव ने होली के पावन पर्व को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि होली भारतवर्ष का एक प्रमुख त्योहार है। सभी लोग इसे बड़े ही उत्साह व सौहार्दपूर्वक मनाते हैं। यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। होली अन्य सभी त्योहारों से थोड़ा हटकर है। इसका संदेश मौज-मस्ती से परिपूर्ण है। मानव समुदाय अपने समस्त दु:खों, उलझनों एवं संतापों को भुलाकर ही इस त्योहार को उसकी संपूर्णता के साथ मना सकता है। फाल्गुन की पूर्णिमा ही नहीं अपितु पूरा फाल्गुन मास होली के रंगों से सराबोर हो जाता है। होली का त्योहार ज्यों-ज्यों निकट आता जाता है त्यों-त्यों हम नए उत्साह से ओत-प्रोत होने लगते हैं। इस पर्व का विशेष धार्मिक, पौराणिक व सामाजिक महत्व भी है।
धर्मपाल यादव ने कहा कि होलिका दहन के दिन रंगों की होली होती है जिस दुल्हैड़ी भी कहा जाता है। इस दिन बच्चे, बूढ़े और जवान सभी आपसी बैर भुलाकर होली खेलते हैं। सभी होली के रंग में सराबोर हो जाते हैं। वे एक-दूसरे पर रंग डालते हैं तथा गुलाल लगाते हैं। ब्रज की परंपरागत होली तो विश्वविख्यात है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इस दिन चारों ओर रंग-बिरंगे चेहरे दिखाई पड़ते हैं। पूरा वातावरण ही रंगीन हो जाता है।
श्री यादव ने कहा कि होली का त्योहार प्रेम और सद्भावना का त्योहार है परंतु कुछ असामाजिक तत्व प्राय: अपनी कुत्सित भावनाओं से इसे दूषित करने की चेष्टा करते हैं। वे रंगों के स्थान पर कीचड़, गोबर अथवा वार्निश आदि का प्रयोग कर वातावरण को बिगाडऩे की चेष्टा करते हैं। हमें ऐसे असामाजिक तत्वों से सावधान रहना चाहिए। आवश्यकता है कि हम सभी एकजुट होकर इसका विरोध करें ताकि त्योहार की पवित्रता नष्ट न होने पाए।
इस मौके पर श्री यादव ने बताया कि होली का पावन पर्व यह संदेश लाता है की मनुष्य अपने ईष्र्या, द्वेष तथा परस्पर वैमनस्य को भुलाकर समानता व प्रेम का दृष्टिकोण अपनाएं। मौज-मस्ती व मनोरंजन के इस पर्व में हंसी-खुशी सम्मिलित हों तथा दूसरों को भी सम्मिलित होने हेतु प्रेरित करें। यह पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत है। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम मूल भावना के बनाए रखें ताकि भावी पीढियां गौरवान्वित हो सकें।


Related posts

SDM को लेकर DC विक्रम देर रात सड़कों पर घूमते नजर आए! जानें क्यों?

Metro Plus

शिव मंदिर बल्लबगढ़ में रंगारंग होली महोत्सव

Metro Plus

शराब का ठेका खोलने पर दी आग लगाने की चेतावनी

Metro Plus