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विद्यासागर स्कूल को राष्ट्रनिर्माण की अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का अवसर मिला है: दीपक यादव

पढि़ए, विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव से मैट्रो प्लस के नवीन गुप्ता के विशेष साक्षात्कार के कुछ अंश
सीबीएसई मान्यता जांच कर ही कराएं बच्चों के एडमीशन: दीपक यादव
विषय बच्चों के भविष्य से जुड़ा है, जांच परख कर लें कोई भी फैसला
फरीदाबाद,1 अप्रैल: शिक्षा के क्षेत्र में विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल अपनी एक अलग पहचान रखता है। विद्यासागर ने इस पहचान को हासिल किया है स्कूल प्रशासन की दूरदर्शी सोच, मेहनत और लगन से। सबसे बढ़कर बात तो यह है कि स्कूल प्रशासन शिक्षा प्रसार और अध्यापन को एक मात्र एक कार्य के रूप में नहीं लेता। स्कूल प्रशासन का मानना है कि शिक्षा एक व्यवसायिक वस्तु नहीं है, इसलिए शिक्षा का प्रचार और प्रयास हमारे लिए एक ध्येय, एक लक्ष्य, एक जिम्मेदारी और एक राष्ट्रनिर्माण का आंदोलन है और उन्हें खुशी है कि इसके माध्यम से उन्हें राष्ट्रनिर्माण की अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का अवसर मिला है। स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव एक युवा, मेहनती, विचारशील और स्पष्ट व दूरगामी विजन रखने वाले व्यक्तित्व के धनी हैं। मैट्रो प्लस से हुई बातचीत में दीपक यादव ने खुलकर अपने विचार प्रकट किया।
मैट्रो प्लस:- अभिभावकों को बच्चे के भविष्य को लेकर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
दीपक यादव :- शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तंत्र है, जो व्यक्ति के जीवन के साथ ही देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आजकल, यह किसी भी समाज की नई पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बन गयी है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए, सरकार के द्वारा 5 साल से 15 साल तक की आयु वाले सभी बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा सभी के जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है और हमें जीवन की सभी छोटी और बड़ी समस्याओं का समाना करना सिखाती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को सही और उचित शिक्षा प्राप्त हो सके। इसके लिए अभिभावकों को काफी सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए। जैसे कि कुछ अभिभावकों की सोच यह होती है कि छोटी कक्षाओं में बच्चों को किसी पास-पडोस के स्थानीय स्कूल में पढ़ाया जाए और बाद में किसी CBSE एफलिएटिड या बड़े स्कूल में डाल देंगे, लेकिन उनकी यह सोच बच्चों के भविष्य को खराब कर सकती है, क्योंकि जिस स्थानीय पैटर्न पर बच्चा पहले पढ़ाई करता है उसके बाद अचानक से CBSE के पैटर्न में पढ़ाई करने पर वह उसे कवर नहीं कर पाता। इससे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए अभिभावकों को शुरू से ही बच्चों को सीबीएसई या एक अच्छे और सकारात्मक पैटर्न में प्रवेश दिलाना चाहिए ताकि उनकी शिक्षा की नींव मजबूत बन सके। और यह बात सभी जानते हैं कि जिस इमारत की नींव मजबूत होती है वह इमारत अधिक मजबूत होती है।
मैट्रो प्लस:- अभिभावक अपने बच्चों के लिए सही स्कूल का चयन करते समय क्या सावधानियां बरतें ?
दीपक यादव:- देखिए, आधुनिक युग में प्रचार माध्यम एक बहुत बड़ा कारक बन गया है जो लोगों की सोच को प्रभावित करता है, इसलिए यह और महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि बच्चों के लिए स्कूल का चयन काफी सावधानी से किया जाए। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चे का एडमीशन CBSE शिक्षा प्रणाली से संबद्ध स्कूल में कराने से पहले स्कूल की CBSE से मान्यता अवश्य जांच लें। कई बार कई स्कूल CBSE एफलिएटिड यानी CBSE से मान्यता प्राप्त न होकर CBSE पैटर्न Follw करने का दावा करते हैं जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए बच्चों का दाखिला सीबीएसई एफलिएटिड स्कूल में ही कराएं न कि सीबीएसई पैटर्न फोलोअर संस्थान में।
मैट्रो प्लस:- अभिभावकों को कैसे पता चलेगा कि स्कूल सीबीएसई से एफीलिएटिड है या नहीं ?
दीपक यादव:- आज का युग आधुनिक और तकनीक प्रधान युग है। सूचना और प्रौद्योगिकी के इस युग में सभी चीजें इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। आप CBSE की वेबसाइट पर जाकर संबंधित स्कूल के सीबीएसई एफलिएशन नंबर को डालकर स्कूल की मान्यता की जांच कर सकते हैं।
मैट्रो प्लस:- अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला सीबीएसई एफलिएटिड स्कूल में ही क्यों कराएं ?
दीपक यादव:- एक देश का व्यापक विकास देश में नागरिकों के लिए उपलब्ध प्रचलित शिक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। सीबीएसई एफलिएटिड स्कूलों के लिए बोर्ड की तरफ से शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कई नार्मस बनाए गए हैं। जो स्कूल इन नार्मस को पूरा करते हैं उन्हीं स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त होती है। इन नार्मस के मुताबिक स्कूल में अध्यापन करने वाले अध्यापकों की क्वालिफिकेशन, अनुभव आदि की सीमाएं तय की गई हैं। स्कूल के Info जैसे विषयों से संबंधित लैब, लाइब्रेरी, खेल का ग्राउंड आदि सुविधाओं के मापदंड निश्चित किए हैं, जिन्हें काफी सोच समझकर निर्धारित किया गया है। जब बच्चों को मापदंडों पर निर्धारित वातावरण मिलता है तो बच्चों को भविष्य बेहतर होता है। इसलिए बच्चों के भविष्य का मुद्दा काफी संवेदनशील है जिसे बिना किसी लापरवाही के लिया जाना जरूरी है।
मैट्रो प्लस:- आपने अपने स्कूल में स्कॉलरशिप और छात्राओं के लिए फ्री एडमीशन व्यवस्था की है ?
दीपक यादव:- जी हां, कुछ लोग ज्ञान और कौशल की कमी के कारण पूरी तरह से अशिक्षित रहकर बहुत दर्दनाक जीवन जीते हैं। कुछ लोग शिक्षित होते हैं लेकिन पिछड़े इलाकों में उचित शिक्षा प्रणाली के अभाव के कारण पर्याप्त कुशल नहीं होते। इसलिए हमारा मानना है, और मानना ही नहीं हमारा लक्ष्य है कि हम सभी के लिए अच्छी शिक्षा एक अच्छी शिक्षा प्रणाली के साथ समान रूप से उपलब्ध करा सकें, चाहे वह समाज के किसी भी वर्ग से हो। शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार है और उसे हर किसी तक पहुंचाने में उन्हें बहुत खुशी होती है। इसलिए स्कूल द्वारा यह व्यवस्था की गई है।
मैट्रो प्लस:- शिक्षा के क्षेत्र में क्या सुधार की अपेक्षा करते हैं ?
दीपक यादव:- देश में हर क्षेत्र में नागरिकों के लिए अच्छी और उचित शिक्षा प्रणाली को उपलब्ध कराए जाने के सामान्य लक्ष्य को निर्धारित किया जाना चाहिए और शिक्षा प्राप्ति के रास्ते को सुगम व सुलभ बनाए जाने की कोशिश की जानी चाहिए। हम में से सभी को उच्च स्तर पर शिक्षित होने के लिए अपने सबसे अच्छे प्रयासों को करने के साथ ही सभी की शिक्षा तक पहुंच को संभव बनाना चाहिए जिसमें समाज के सभी वर्ग भाग ले सकें।
पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी शिक्षा के उचित लाभ प्राप्त नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनके पास धन और अन्य साधनों की कमी है। यद्यपि, इन क्षेत्रों में इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार द्वारा कुछ नई और प्रभावी रणनीतियों की योजना बनाकर लागू किया गया है। शिक्षा ने मानसिक स्थिति को सुधारा है और लोगों के सोचने के तरीके को बदला है। यह आगे बढऩे और सफलता और अनुभव प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास लाती है और सोच को कार्य रुप में बदलती है। इस तरह देश अपने चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर होगा।


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