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लालू यादव के बेटे-बेटी और दामाद कभी भी फँस सकते हैं आयकर विभाग के शिकंजे में

मेट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट

दिल्ली, 22 मई। आयकर विभाग का कहना है कि पिछले सोमवार को जिन-जिन लोगों के दफ्तर-घर पर छापेमारी की गई वो सभी लोग लालू यादव से जुड़े रहे हैं। इसमें उनके पार्टी के ही सांसद प्रेम गुप्ता व मीसा भारती भी शामिल हैं। इसके अलावा विजय कोचर और अजय कोचर भी हैं जिन्हें लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल में रांची और पूरी के दो होटल चलने के लिए लाइसेंस मिले। आरोप है कि उन्होंने बदले में पहले प्रेम गुप्ता और बाद में लालू यादव ने ये जमीं अपने बेटो के नाम से रजिस्ट्री करा ली। फ़िलहाल वहां मॉल का निर्माण कार्य चल रहा हैं, जिस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने रोक लगा दी है।

गौरतलब रहे कि पिछले हफ्ते आयकर विभाग ने राजद सुप्रीमो लालू यादव और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। लालू यादव इसके बाद मीडिया से पूछ रहे हैं कि वो उन्हें ये बताये कि कौन से 22 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसके अलावा छापेमारी विवेक नागपाल के दफ्तर पर भी हुई जिनका संबंध मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार से रहा है।

ध्यान रहे कि पिछले हफ्ते भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील मोदी ने ये आरोप लगाया था कि विवेक नागपाल ने अपनी कंपनी KHK होल्डिंग्स की कीमती जमीन लालू यादव के परिवार को सौंप दी। कंपनी का टेकओवर करने के साथ मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार के पास दिल्ली के सैनिक फार्म में जमीं और मकान दोनों आ गया। हालांकि राज्यसभा सांसद बनने के बाद मीसा की जगह अब शैलेश के भाई नीलेश इस कंपनी में निदेशक हैं। निदेशक बनने के लिए मोदी के आरोप के अनुसार मीसा और शैलेश ने उस सरकारी बंगला का पता दिया जो लालू यादव को संसद होने के नाते मिला था जबकि सरकारी नियम के अनुसार आप किसी सरकारी बंगला का इस्तेमाल व्यावसायिक काम के लिए नहीं कर सकते।लेकिन जानकर मानते हैं कि सबसे हैरत करने वाली बात यह है कि लालू यादव के परिवार से विवादों में रहने वाले विवेक नागपाल के संबंध। विवेक नागपाल को कैग ने दिल्ली में ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा स्मार्ट कार्ड बनाने में वित्तीय अनियमितता का आरोपी माना था। इसके अलावा ललित मोदी ने भी उन पर हवाला और क्रिकेट बोर्ड में धांधली का आरोप लगाया था। नागपाल की कंपनी के खिलाफ सेबी और प्रवर्तन निदेशालय भी कई मामलो में जांच कर चुके है। ऐसे व्यक्ति से लालू यादव और उनकी बेटी-दामाद के व्यावसायिक संबंध निश्चित रूप से चौंकाने वाले हैं।इससे पहले भी सुशील मोदी ने मीसा भारती पर अपनी एक और कंपनी मिशेल पैकर्स के माध्यम से एक फार्म हाउस खरीदने का आरोप लगाया था। हालांकि इस कंपनी को बाद में सुरेंद्र जैन और वीरेंदर जैन के दो लोगो को बेचा गया जो आजकल मनी लॉन्डरिंग के मामले में जेल में हैं। जानकारों का मानना हैं की इसके अलावा लालू यादव के सबसे बड़े दामाद शैलेश एक और कंपनी रॉयल तुलिप होटल्स रिसॉर्ट्स में भी निदेशक हैं। इस कंपनी में एक और निदेशक हैं रंजन कुमार जो ज़ूम रिसॉर्ट्स और ज़ूम डेवेलपर्स में भी निदेशक हैं।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब ज़ूम नाम की कंपनी को रेलवे के कुछ सम्पति लीज पर देने की सहमति बनी लेकिन बाद में इस पर अमल नहीं हो पाया क्योंकि रेलवे के अधिकारियो ने कई आपत्तियां जाहिर की थी लेकिन अगर जांच एजेंसियो के अनुसार ये मामला सच है तब ये रेलवे के होटल के बदले माल की जमीन जैसा मामला जान पड़ता है।

हालांकि लालू यादव के करीबियों का कहना है कि हर कंपनी में सब कुछ कानूनसम्मत किया गया है। कंपनी के रिटर्न भी समय पर भरे गए हैं और आयकर विभाग एक्ट में साफ़-साफ़ प्रबधन है कि 6 वर्ष से अधिक पुराने मामले को फिर से खोला नहीं जा सकता। हालांकि जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों का कहना हैं कि आखिर सवाल है कि करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के भाव कैसे मिल गई।


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