मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 22 जून: देश के अजीब और पुरातन कानूनों का यह एक नमूना भर है जो म्यूजियम में अवशेष की तरह सालों से चले आ रहे हैं। लेकिन आज के भारत में इनका कोई महत्व नहीं है। इनमें कई कानून प्रशासन को सुचारू ढंग से चलाने में बाधा बनते रहे हैं। सत्ता में आने के साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि बरसों पुराने इन कानूनों के खत्म होने का टाइम आ गया है।
सदियों पुराने अजीबो-गरीब कानून
भारत के हजारों कानूनों में कुछ ऐसे भी हैं। जो अजीब तरह की मांग करते हैं। जैसे सदियों पुराने एक कानून के मुताबिक गंगा में चलने वाले बोट का टोल टैक्स दो अना से ज्यादा नहीं हो सकता। अना अब चलन से बाहर हो गया है। एक दूसरे कानून के मुताबिक कुछ राज्यों में पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हवा में गिराए गए पैम्फलेट उनके इलाके में न गिरें इस कानून का मकसद दूसरे विश्व युद्ध के दौरान प्रोपगेंडा कैंपेन को रोकना था।
एक 200 साल पुराना कानून ब्रिटेन के सम्राट को भारत की सभी अदालतों के फैसलों की समीक्षा का अधिकार देता है। लेकिन यह एक्ट अब इतिहास बन गया है। इन पुराने कानूनों को खत्म कर मोदी सरकार एक रिकॉर्ड कायम करने जा रही है।
तीन साल में 1200 एक्ट का खात्मा
पिछली सरकारों ने 65 सालों में सिर्फ 1,301 पुराने और व्यर्थ कानूनों को खत्म किया था। जबकि मौजूदा सरकार तीन साल में ही 1200 एक्ट खत्म करने जा रही है। जबकि 1,824 अप्रचलित केंद्रीय अधिनियमों को पुर्नविचार के लिए चिन्हित किया गया है। विपक्ष के बहुमत वाले ऊपरी सदन ने भी अपनी भूमिका निभाई है और 1,159 केंद्रीय कानूनों पर पुर्नविचार से जुड़े बिल को पास कर दिया है। राज्य सभा ने इस तरह के चार बिल पास किए हैं।
पुर्नविचार के लिए 1,824 कानूनों की पहचान
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार पुराने और व्यर्थ कानूनों को खत्म करने को लेकर दृढ़ है। 1,200 कानूनों को खत्म कर दिया है। जबकि 1,824 कानूनों को पुर्नविचार के लिए चिन्हित किया गया है।
इसके अलावा इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत पतंगें भी एयरक्राफ्ट के दायरे में आती हैं और इनको उड़ाने के लिए भी परमिट लेना होगा। वहीं इंडियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के तहत अगर आपको दस रुपये से ज्यादा कीमत की कोई चीज मिलती है और आप इसके बारे में राजस्व अधिकारी को नहीं बताते हैं। तो आपको जेल हो सकती है।