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GST को लेकर डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने किया उद्योगपतियों की शंकाओं का समाधान

DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने किया जीएसटी एक विशेष सेमिनार आयोजन
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिर्पोट
फरीदाबाद, 28 जून: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) आजादी के बाद भारत में अर्थव्यवस्था में कर संबंधी सुधारों की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता और जानकारी काफी आवश्यक है। यह कहना था डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा का। श्री मल्होत्रा यहां डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक विशेष सेमिनार उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा GST के प्रति उद्योग प्रबंधकों को जागरूक करने के लिये आयोजित किए गए इस सेमिनार में श्री मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी वास्तव में इकोनॉमी के लिये कोई नई व्यवस्था नहीं है बल्कि विश्व के 168 देशों में यह प्रणाली जारी है। जेपी मल्होत्रा ने बताया कि भारत में जीएसटी के ड्यूल मॉडल को अपनाया गया है जो कि कनाडा में जारी है। उन्होंने बताया कि जीएसटी वास्तव में अप्रत्यक्ष कर को सरल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और इससे जीडीपी की विकास दर में बढ़ौतरी की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
जेपी मल्होत्रा ने कहा कि जीडीपी दोहरी कर व्यवस्था को समाप्त कर एकीकृत कर प्रणाली का रूप है और इसे यदि सरल शब्दों में गुड्स एंड सर्विस टैक्स की बजाय गुड एंड सिम्पल सर्विस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जीएसटी उपरांत देशभर में कमोडिटी एक कीमत पर उपलब्ध हो सकेगी जिसकी मांग पिछले काफी समय से उठती रही है।
इस मौके पर चार्टेड एकाउंटेंट एन.के. गुप्ता ने कहा कि अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत कर जीएसटी में जिस प्रकार शामिल किया जा रहा है उसका लाभ अर्थव्यवस्था को मिलेगा। उन्होंने बताया कि 70 हजार अधिकारी जीएसटी की बेहतर कार्यप्रणाली के लिये कार्य करेंगे। श्री गुप्ता ने जानकारी दी कि पिछले 70 वर्ष में 70 से 75 हजार एसैसी ही कर प्रणाली का हिस्सा थे जिसके बढ़कर दो करोड़ होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है, यही नहीं जीएसटी चूंकि एक IT Based सिस्टम है और जीएसटी पोर्टल पर बेहतर कम्युनिकेशन लिंक हैं इसलिये इसका लाभ भी कर दाताओं को मिलेगा।
जेपी मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी के तहत बी से सी ट्रांजैक्शन के लिये Invoice डिटेल देने की जरूरत नहीं है केवल रेटिड Percentage के अनुसार टर्नओवर व टैक्स विवरण देना होगा। बी टू बी Invoice डिटेल तभी आवश्यक है जब टैक्स का हस्तांतरण किया जाएगा। इसी प्रकार परचेज संबंधी रिटर्न सिस्टम द्वारा मैनेज कर दी जाएगी।
चार्टर्ड अकाउंटेंट मनोज रूंगटा ने बायर्स व सेलर से आह्वान किया कि वे अपनी रिटर्न में परस्पर निरीक्षण करें क्योंकि रिवाईज्ड Invoice की कोई गुंजाइश जीएसटी में नहीं है।
चार्टर्ड अकाउंटेड प्रियंका गर्ग ने बताया कि एक राज्य में एक जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता है। रूंगटा ने जीएसटी में आपरेशन, माईग्रेशन व रिटर्न के संबंध में व्यापक जानकारी दी।
इस सेमिनार में प्रतिभागियों को सैंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साईज एंड कस्टम द्वारा GST पर सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्रों से संबंधित 220 पेजों की बुकलेट भी प्रदान की गई।
एसोसिएशन के महासचिव विजय राघवन ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते बताया कि जीएसटी पर एसोसिएशन के पहले सेमिनार 2 दिसम्बर, 2015 में चार्टर्ड अकाउटेंट बिमल जैन व दूसरे सेमिनार 22 फरवरी, 2017 में चार्टर्ड अकाउटेंड नागेश बजाज ने जीएसटी पर जानकारी दी थी जबकि यह तीसरा सेमिनार था।
इस अवसर पर सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों ने जीएसटी से संबंधित प्रश्र पूछे और अपनी शंकाओं का समाधान किया। सेमिनार में बोनी पोलीमर, बीकेबी प्रिंटस, केकेके टैक्सटाईल, इंडस्ट्रीयल कम्प्रैशर्स, अनुपम टैक्स प्रोसैसर्स, एटीएम एक्सपोर्ट, एडवांस फोरजिंग, पेस एग्जिम, गुन्नु फैशन, कुबेर एंटरप्राईजिज, इन टाईम गारमैंट, भारतीय वाल्वस, न्यूमैन इंजीनियरिंग वर्कर्स, गुलाटी एजेंसीज, साईं सिक्योरिटी प्रिंटर्स, सैनल्यूब सिस्टम, एटीएमवाई एनालाईटिकल लैब, एमआर स्टील फोरजिंग, कॉसमॉस फाईबर ग्लास, इंडिया फास्टनर, कार्तिक इलैक्ट्रोनिक्स, सुपरा कैम इंडिया, इंडियन पैकेजिंग मशीनरीज, रिंकू रबड़, नीलकंठ समूह सहित विभिन्न संस्थानों के 62 प्रतिनिधि शामिल हुये।


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