मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 15 सितंबर: राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद में हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. प्रतिभा चौहान को शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में अद्वितिय योगदान के लिए समर्पित शिक्षाविद की उपाधी से नवाजा गया । यह सम्मान उन्हेें साहित्यिक संस्था यूथ ऑफ यूनिवर्ष द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में प्रमुख सहित्यकार, व्यंगकार एवं आलोचक डॉ. शेरजंग बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे जबकि संचालन एवं संयोजन प्रसिद्व शिक्षाविद डॉ. प्रतिभा चौहान द्वारा किया गया। कार्यक्रम में निंबध लेखन, स्लोगन, कविता पाठ व भाषण प्रतियोगिताएं भी आयोजित कि गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम में डॉ. प्रतिभा चौहान ने हिंदी विषय पर बोलते हुए कहा कि हिंदी को भारतीय संविधान में संवैधानिक रुप से आज ही के दिन वर्ष 1949 में देवनागरी लिपि के साथ भारत की राजभाषा घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि राजभाषा प्रचार समिति की संस्तुति पर 14 सितंबर 1953 से संपूर्ण भारत में हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारत की नई पीढ़ी भले ही अंग्रेजी को तवज्जो दे रही हो लेकिन पूरे विश्व में हिंदी की महता साल दर साल बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि हिंदी अब नई प्रौद्योगिकी के रथ पर सवार होकर विश्वव्यापी बन रही है, युवा लेखक बखूबी जानते है कि हिंदी साहित्य का बाजार तेजी से बढ़ रहा है यही कारण है कि गूगल, याहू, माईक्रोसाफट, ओरेकल आदि जैसी कम्पनियां भी व्यापक बाजार देखते हुए हिंदी प्रयोग को बढ़ावा दे रही हैं।
इस मौके पर डॉ. प्रतिभा चौहान ने बताया कि आज हिंदी भाषा पूरी दुनिया के माथे पर बिंदी की तरह चमक रही है। उन्होंने कहा कि राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना हम सबकी जिम्मेदारी है। हिंदी बहुत ही समृध एंव सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा है और तो और हिंदी भाषा रंगमंच की आत्मा है कितने ही देशी-विदेशी कलाकारों में हिंदी के प्रति उत्सुकता दिनो-दिन बढ़ती जा रही है।