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विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सैंट्रल में

मैट्रो प्लस से विशेष संवाददाता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 6 दिसम्बर: सिर मुंडाते ही ओले पड़े। यह कहावत रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सैंट्रल के प्रधान नरेश वर्मा पर एकदम सटीक बैठती है। Rotary International (R.I.) की ग्लोबल ग्रांट में घालमेल को लेकर सुर्खियों में चल रहे रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सैंट्रल में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ध्यान रहे कि सैक्टर-8 स्थित शहर के एक विवादास्पद हॉस्पिटल के मालिक एवं उक्त क्लब के एक पूर्व प्रधान, जोकि पेशे से एक डाक्टर है द्वारा सतीश गुप्ता के प्रधानी कार्यकाल में उनसे करोड़ों रूपये के ग्लोबल ग्रांट के प्रोजेक्ट में गड़बड़ करवाई गई थी जिसके चलते रोटरी इंटरनेशनल की ऑडिट टीम ने इस मामले में आब्जेक्शन लगा दिया था। इसका खामियाजा अब क्लब के वर्तमान प्रधान नरेश वर्मा को भुगतना पड़ रहा था। हालांकि नरेश वर्मा ने अपने क्लब को टर्मिनेट होने से बचाने के लिए जैसे-तैसे करके अपनी सुझबुझ से इस मामले को रफा-दफा करवाकर आरआई की ऑडिट टीम को संतुष्ट तो कर दिया। लेकिन नरेश वर्मा इस मामले में अब उस पूर्व प्रधान डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही करना ही चाह रहे थे जिसको लेकर उनके क्लब की बदनामी हो रही थी कि अचानक क्लब के एक सदस्य अनिल भड़ाना ने क्लब के प्रधान नरेश वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
क्लब के सदस्य अनिल भड़ाना ने नरेश वर्मा पर आरोप लगाते हुए मैट्रो प्लस को भेजे अपने पत्र में लिखा है जो हम आपको हुबहु पड़ा रहे हैं:-

प्रिय आदरणीय रोटरी सेंट्रल के साथियों,
नमस्कार,
आज सुबह मुझे मेरे सवाल पूछने को कारण बता कर फिर दोबारा से रोटरी सेंट्रल परिवार सा ग्रुप से श्री नरेश वर्मा जी ने हटा दिया और उन्होंने ये भी लिखा की वो नहीं चाहते के मेरे विचार सन्देश के माध्यम से आप सब तक पहुंचे और उन्होंने ये भी लिखा की वो सिर्फ मीटिंग में ही कुछ भी जवाब देंगे या सर्कुलर्स में देंगे और उन्होंने ये भी कारण लिखा की में उनके लिए कम्फर्टेबले नहीं हु ग्रुप में इसलिए उन्होंने ऐसा सोचा की मुझे व्हत्सप्प ग्रुप से निकाल देना चाहिए. आप सब इन बातो का क्या कारण हे वो भी जानना चाहेंगे और कारन मुझे बताना भी चाहिए फिर आप निर्णय करे के ये तानाशाही सही हे क्या?

रोटरी क्या हे ?

रोटरी एक ऐसी संस्था हे जो के समाज के गरीब तबके की मदद के लिए कार्य करती हे .

रोटरी के प्रधान जी से मेने ग्रुप के माध्यम से यही पूछ लिया के एक कार्यक्रम जो की एक फाउंडेशन अगेंस्ट थलसेमिअ ने किया था उसके माध्यम से उन मरीजों को क्या सहयोग मिला ए दोस्तों उस कार्यक्रम की मॉडल्स की पचास से अधिक फोटो ग्रुप में शेयर की गयी थी , मेने लगातार दो दिन पूछने पर वो खफा हो गए लेकिन उन्होंने उसका जवाब देने की बजाये अपने निजी पोट्रैट ग्रुप में शेयर किये आखिर बाद ये सन्देश आया की कुछ राशि दी गयी हे , सिर्फ अपना महिमा चित्रण और उसकी वाह वाह की चाह उनको मुख्य कार्य से अधिक उपयोगी लगती है अब वो वाह वाह में कर नहीं रहा और सवाल पूछ लू इसलिए उनको ये गवारा नहीं ।
अपनी इसी हताशा के चलते जो कार्य कभी ग्रुप में नहीं किया गया वो उन्होंने कर डाला मेने उसका जवाब उनको बड़ी ही विनम्रता से दिया लेकिन मेने ये भी पूछा की आप संकीर्ण मानसिकता से ये कार्य न करे अगर आप मेरा लिख रहे है तो फिर सबका लिखे दरअसल उन्होंने वार्षिक फीस के लिए ग्रुप में मेरे नाम को लिख पूछा था की पैसे नहीं दिए जबकि उसके लिए में फोन पहले कई बार कर चूका था मेने इसीलिए उनको बोला की आप सबके नाम से सन्देश डाल दे अगर आप ये बात क्लब हित में पूछ रहे है तो सबसे पूछिए नहीं तो इसका मतलब हे की आप सिर्फ मुझे निचा दिखाने के लिए ऐसा कर रहे थे बस मेरा ये पूछना था और उनको मेरी आवाज दबाने के लिए आनन् फानन में ग्रुप से निकालना सबसे आसान तरीका लगा वो पहले भी ऐसा कर चुके थे दरअसल वो चीड़ बहुत जल्दी जाते हे और ये रोटरी आचरण नहीं होना चाहिए .जैसे ये क्लब न होके उनकी निजी संपत्ति हो , दरअसल इनको प्रधान बनने से पहले मेरे सवाल बहुत अच्छे लगते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है . क्या ऐसा दोहरा मापदंड रखना सही है , क्या उनका ऐसा कृत्य ये नहीं दर्शाता हे की वो अपनी जिम्मेवारी निर्वाह करने में फैैल हो रहे है , क्या पिछले छह महीनो में रास लीला , मॉडल्स और मुशायरे करना ही रोटरी उदेश्य था ,क्या रोटरी सिर्फ यही हे .

ऐसा प्रतीत होता हे की वर्मा जी रोटरी उद्देश्य भुला कर सिर्फ अन्य लोगो के कार्यक्रमों को अपना दर्शाना चाहते है और उनमे फोटो खींचवा कर ही इति श्री कर लेना चाहते हे , मेरी आवाज तो रोटरी इंटरनेशनल भी सुनता हे और सारा शहर भी वो इसको नहीं रोक पाएंगे . रोटरी व् अन्य माध्यम से में मेरी सिथति अनुसार सेवा करता रहूँगा . आप सब अपने विवेक से ये निर्णय ले की ये आचरण सही है या गलत .

आपका

रोटेरियन अनिल भड़ाना

इस मामले में जब रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सैंट्रल के प्रधान नरेश वर्मा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनसे बात ना हो सकी।
जो भी हो जिस तरह से क्लब के एक सदस्य ने अपने क्लब के प्रधान को लिखा यह पत्र सार्वजनिक किया है, उससे लगता है कि रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सैंट्रल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जोकि रोटरी के लिए ठीक नहीं है।

 


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