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आखिर बच्चों की पढ़ाई के नुकसान का जिम्मेदार कौन?

मनोहर सरकार को बच्चों के भविष्य को लेकर संवेदनशील होना चाहिए
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद/चंडीगढ़, 27 दिसंबर: पूरे हरियाणा में शायद ही कोई ऐसी जगह हो जहां कड़ाके की ठंड या कोहरा पड़ रहा हो। मीठी-मीठी तेज धूप ने माहौल को खुशनुमा बनाया हुआ है और लोग इसका भरपूर आनंद ले रहे हैं। फरीदाबाद में तो 23 डिग्री का तापमान ही चल रहा है। स्कूली समय के बाद बच्चे भी धूप में बैठकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं क्योंकि बोर्ड की परीक्षाएं उनके सिर पर हैं। प्राईवेट स्कूल संचालक भी अपने-अपने स्कूलों का रिजल्ट बेहतर बनाने के लिए बच्चों की एक्स्ट्रा क्लॉस भी लगा रहे हैं। कारण है हरियाणा में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं का 16 जनवरी से शुरू होना।
ध्यान रहे कि फिलहाल बच्चों की पढ़ाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने 25 दिसम्बर से लेकर 8 जनवरी तक प्रदेश के सभी स्कूलों, चाहे वे प्राईवेट हो या सरकारी में शीतकालीन छुट्टियां करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों के पास देखा जाए तो अब पढऩे के लिए समय बहुत कम बचा है। रही सही कसर इन शीतकालीन सरकारी छुट्टियों ने पूरी कर दी है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि 8 जनवरी के बाद प्रदेश में शीत लहर चल जाती है और कोहरा हो जाता है तो फिर उन स्कूली बच्चों का क्या होगा जिनकी 16 जनवरी से बोर्ड की परीक्षाएं हैं। क्या हरियाणा सरकार 8 जनवरी के बाद फिर से सरकारी छुट्टियां घोषित करेगी? यह एक गहन चिंता का विषय है जिस पर सरकार को बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतन करना चाहिए। क्या सरकार चाहती है कि प्राईवेट स्कूलों का रिजल्ट भी सरकारी स्कूलों की तरह खराब हो जाए और उनका स्तर भी गिरकर सरकारी स्कूलों जैसा हो जाए? आखिर सरकार प्राईवेट स्कूलों के प्रबंधन में दखलंदाजी कर क्या साबित करना चाहती है? क्योंकि यहां बच्चे पढऩा चाहते और स्कूल प्रबंधन बच्चों को पढ़ाना चाहता है।
हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि हरियाणा से सटी दिल्ली में केजरीवाल सरकार सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को प्राईवेट स्कूलों की तरह करते हुए बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए रोज कोई ना कोई नए कदम उठा रही है। हाल ही में दिल्ली सरकार ने बोर्ड की परीक्षाओं को देखते हुए सरकारी स्कूलों में एक्सट्रा क्लॉस लगा रही है। इसके लिए उसने अलग से कई करोड़ का बजट भी पास किया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली सरकार वहां बच्चों के भविष्य के लिए कितनी संवेदनशील है।
वहीं यदि हम भाजपा शासित उत्तर प्रदेश सरकार की बात करें तो वहां भी योगी सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को गंभीरता से लेते हुए शीतकालीन व कई अन्य सरकारी छुट्टियों को कैंसिल कर दिया है। इससे हरियाणा की मनोहर सरकार तथा शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को सीख लेते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार तथा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरह हरियाणा के स्कूली बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए जनहित में 8 जनवरी तक की गई छुट्टियां रद्द कर देनी चाहिए।
यदि हरियाणा सरकार अपने फैसले पर अडिग रहती है तो इससे जहां बच्चों की पढ़ाई खराब होगी वहीं स्कूलों का रिजल्ट भी खराब होगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही कोई निर्णय ले ताकि बच्चों का साल खराब या बर्बाद ना हो।


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