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नए साल पर मोदी सरकार देशवासियों को देगी खास उपहार

मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: साल-2017 खत्म होने वाला है। नए साल के स्वागत के लिए लोगों ने कई तैयारियां करके रखी हैं। ऐसे में सरकार भी देशवासियों को 2018 में खास तोहफा देने की योजना बनाई है। दरअसल मोदी सरकार ने 1 जनवरी-2018 से कुछ नए नियम लागू करने का फैसला किया है, जिससे देशवासियों को फायदा पहुंचने वाला है। दरअसल नए साल पर सरकार लोगों की जिंदगी को पहले से ज्यादा आसान बनाने वाली है।
डेबिट कार्ड से भुगतान पर होगा फायदा
मोदी सरकार लंबे समय से डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है। लोगों को इस ओर और अधिक आकर्षित करने के लिए सरकार अब इसमें भी कुछ बदलाव करने जा रही है। दरअसल 1 जनवरी-2018 से डेबिट कार्ड से भुगतान करना सस्ता हो जाएगा। अगर आप नए साल से डेबिट कार्ड से भुगतान करते हैं तो आरबीआई की तरफ से जारी नए एमडीआर चार्ज लागू होंगे। आरबीआई ने पिछले दिनों मर्चेंट डिस्काउंट रेट की दर में कटौती की है। एमडीआर चार्ज वह होता है जो डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर दुकानदार पर लगता है, हालांकि यह ग्राहक को नहीं देना होता है लेकिन कुछ दुकानदार ग्राहक से ही 2 फीसदी तक इस चार्ज को वसूलते हैं।
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक 20 लाख रुपए तक का सालाना टर्नओवर करने वालों के लिए एमडीआर चार्ज 0.40 प्रतिशत तय किया गया है। 20 लाख से ज्यादा के टर्नओवर पर 0.9 फीसदी का एमडीआर चार्ज होगा। यानि कि 20 लाख तक के टर्नओवार वालों केलिए हर ट्रांजेक्शन पर एमडीआर 200 रुपए से ज्यादा नहीं होगा और 0 लाख से ज्यादा टर्नओवर वालों के लिए एमडीआर प्रति ट्रांजैक्शन 1000 रुपए से ज्यादा नहीं होगा। इतना ही नहीं अगर आप 2000 रुपए या इससे कम की शॉपिंग डेबिट कार्ड के माध्यम से करते हैं तो सरकार इस ट्रांजेक्शन पर लगने वाले एमडीआर को खुद ही वहन करेगी।
घर बैठे सिम कार्ड को करें आधार से लिंक
1 जनवरी-2018 से सरकार घर बैठे आपको अपने मोबाइल सिम कार्ड को आधार से लिंक करने की सुविधा देगी। पहले यह सुविधा 1 दिसंबर-2017 से शुरू होनी थी लेकिन टेलीकॉम कंपनियों की अधूरी तैयारियों के कारण यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई और इसे 2018 तक टाल दिया गया। नए नियम के मुताबिक अब आप घर बैठे 31 मार्च 2018 तक अपने सिम को आधार से लिंक करा सकते हैं।
गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग जरूरी
सरकार 1 जनवरी 2018 से 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट ज्वैलरी की हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो ग्राहकों को गोल्ड ज्वेलरी की शुद्धता को लेकर चिंता नहीं करनी होगी। वल्र्ड गोल्ड काऊंसिल डब्ल्यूजीसी काफी समय से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कराना चाह रही थी। इसके लिए उसने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडड्र्स बीआईएस को सिफारिशें भी भेजी हैं। हॉलमार्किंग प्रक्रिया की अनिवार्यता को लेकर तीन चरण होंगे। पहले चरण में 22 शहरों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की जाएगी। इन शहरों में मुंबई, नई दिल्ली, नागपुर, पटना शामिल हैं। दूसरे चरण में 700 शहर और अंतिम चरण में देश के बाकी शहरों में इसे लागू किया जाएगा। इस कदम से ग्राहक के साथ किसी तरह का धोखा नहीं होगा।


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