BTW की सील खुलवाने में नाम आ रहा था कमिश्रर डिवीजन डॉ.डी.सुरेश का
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद/गुरूग्राम, 3 जनवरी: मैट्रो प्लस की खबर एक बार फिर रंग लाई और BTW मामले में जल्द सुनवाई करते हुए गुरूग्राम डिविजन के कमिश्रर डॉ.डी.सुरेश को आज बीटीडब्ल्यू को फिर से सील करने के आदेश जारी करने पड़े। इस बात की पुष्टि गुरूग्राम सुनवाई में शामिल हुए एसडीओ तोडफ़ोड़ ओ.पी.मोर ने भी की है। बकौल मोर आज फरीदाबाद वापिस आने के बाद आज ही या फिर कल तक 5एन/40ए व 5एन41ए, एनआईटी स्थित बिट्टू टिक्की वाला (बीटीडब्ल्यू) को सील कर दिया जाएगा। स्मरण रहे कि 22 दिसम्बर को आधा-अधूरा तथा 23 दिसम्बर को बीटीडब्ल्यू को नगर निगम द्वारा जयप्रकाश नामक व्यक्ति की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए अपने अधिकारियों के आदेशों पर पूरी तरह सील कर दिया गया था और चार दिन बाद ही गुरूग्राम डिविजन कमिश्रर डॉ.डी.सुरेश के एकतरफा आदेशों पर सील को खोल दिया गया था।
ध्यान रहे कि मैट्रो प्लस ने BTW की सील खुलवाने में हुआ 10 लाख का खेल! नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मामले में हुए लेन-देन का खुलासा किया था। बताते हैं कि खबर पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने अपनी छवि बचाते हुए जहां गुरूग्राम डिविजन के कमिश्रर डॉ.डी.सुरेश से फरीदाबाद का चार्ज ले जी.अनुपमा को फरीदाबाद डिवीजन का कमिश्रर लगा दिया था, वहीं डॉ.डी.सुरेश ने इस मामले से पल्ला झाडऩे के उद्देश्य से इस मामले में सुनवाई की तारीख बदलते हुए 9 मार्च की बजाए आज 3 जनवरी की कर दी थी ताकि जाते-जाते वो इस मामले से अपना दामन पाक-साफ रख सकें।
ओर हुआ भी वहीं जैसा मैट्रो प्लस ने कल मंगलवार को प्रकाशित किया था कि यदि डॉ.डी.सुरेश बीटीडब्ल्यू को दोबारा सील करने के आदेश जारी करते है तो उनका दामन पाक साफ हो जाएगा। अपना दामन पाक साफ रखने के लिए कमिश्रर गुडगांव डिवीजन डॉ.डी.सुरेश को बीटीडब्ल्यू को सील करने के आदेश करने पड़े जिसके लिए उन्होंने सुनवाई की तारीख 9 मार्च की बजाए आज 3 जनवरी की थी।
मैट्रो प्लस द्वारा इस मामले में पूर्व में प्रकाशित की गई खबर देखने के लिए निम्न लिंक क्लिक करें।
गौरतलब रहे कि गुरूग्राम डिविजन के कमिश्रर डॉ.डी.सुरेश ने एक विवादास्पद फैसला करते हुए नगर निगम फरीदाबाद द्वारा सील किए गए 5एन/40ए व 5एन41ए, एनआईटी स्थित बिट्टू टिक्की वाला (बीटीडब्ल्यू) की सील बिना नगर निगम का पक्ष जाने खुलवा दी थी। कमिश्रर डॉ.डी.सुरेश के इस एकतरफा आदेश से भ्रष्ट्राचार की बू आ रही थी। कारण था कमिश्रर गुरूग्राम डिविजन द्वारा खानापूर्ति के लिए करीब ढाई महीने बाद 9 मार्च, 2018 को इस मामले में निगम अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए गुडगांव स्थित अपने कार्यालय बुलाना। इस मामले में इतनी लम्बी तारीख देने के पीछे उनका क्या मकसद था, ये तो वो ही जानते थे, लेकिन जिस तरीके से अपना ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने एकाएक इस मामले में स्वयं द्वारा दिए गए आदेशों पर अब नगर निगम का पक्ष जानने के लिए सुनवाई की तारीख बदलकर 9 मार्च की बजाए आज यानि बुधवार 3 जनवरी की रख दी है। इससे भी इस मामले में उनकी संलिप्तता संदिग्ध नजर आ रही है। किस आधार पर उन्होंने एकाएक सुनवाई की तारीख बदली हैं, ये कोई बताने को तैयार नहीं था। लेकिन आज के उनके फैसले तथा मैट्रो प्लस की खबर से साफ हो गया कि ये तारीख क्यों बदली गई थी।
काबिलेगौर रहे कि रिहायशी नक्शा पास करवा उसमें Commercial बिल्डिंग बनाकर उसे मोटे किराए पर बीटीडब्ल्यू को देने तथा सील हुई ईमारत को खोलने में जहां कई सफेदपोश नेताओं ने अपनी तिजोरी भरी थी, वहीं संबंधित अधिकारियों ने भी इसमें लाखो के वारे-न्यारे किए थे। विश्वसनीय सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ बीटीडब्ल्यू की सील खुलवाने में करीब 10 लाख रूपये के लेन-देन होने की बात सामने आ रही थी जिसको लेकर मैट्रो प्लस ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस रकम में किस-किसने हाथ मारा, ये तो हाथ मारने वाला या देने वाला ही जाने लेकिन जिस तरह से इस बीटीडब्ल्यू की सील खोली गई उसने जीरो टोलरेंस वाली भ्रष्ट्राचार रहित सरकार की नीयत को उजागर करके रख दिया था।
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