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15 मार्च तक मांगें नहीं मानी तो होंगी आर-पार की लड़ाई : सत्यवीर डागर

महापंचायत में किसान नेताओं ने एकजुट होकर किया ऐलान
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 12 फरवरी: रेलवे विभाग द्वारा दादरी डेडीकेटिड फ्रैट कॉरिडोर को लेकर अधिग्रहण की गई जमीनों की एवज में किए गए वायदों को पूरा न करने एवं प्रस्तावित वार्ता के लिए बुलाकर किसानों पर किए गए बेबुनियादी मुकदमें दर्ज करने के विरोध में गांव फतेहपुर बिल्लौच की दलेर वाटिका में किसानों की महापंचायत सम्पन्न हुई।
इस महापंचायत में फरीदाबाद, पलवल, मेवात, गुरुग्राम सहित आस-पास के जिलों के हजारों किसानों ने हिस्सा लिया। महापंचायत की अध्यक्षता पृथला ग्रामवासी मास्टर मोहन लाल तंवर ने की, जबकि महापंचायत में वक्ताओं के रुप में पूर्व विधायक राजेंद्र बीसला, एचपीएससी के पूर्व मेम्बर हरेंद्र पाल राणा, रामप्रसाद रावत, विकास चौधरी, आईएमटी संघर्ष समिति के प्रधान रामनिवास नागर, मकरंद शर्मा, नहरपार किसान संघर्ष समिति के प्रधान सतपाल नरवत, सुनील सरपंच, हरिचंद शास्त्री, नत्थू सिंह तेवतिया, शब्बीर खान सरपंच, राजबीर नागर सरपंच, शशि तेवतिया, बालकराम शास्त्री आदि ने अपने-अपने विचार रखें।
इस मौके पर महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता सत्यवीर डागर ने कहा कि प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते पूरे जिले के किसान परेशान हैं, जहां एक तरफ आईएमटी के पांच गांवों के किसान मुआवजे के लिए वर्षाे से धरनारत है वहीं हाईवे के मुआवजे के लिए भी किसान अलग से आंदोलन कर रहे हैं। चारों तरफ सरकार किसानों को लूटने का काम कर रही है लेकिन अब किसान पूरी तरह से जाग चुके हैं और किसी भी सूरत में अपने हितों की अनदेखी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि अब मामला केवल रेलवे कॉरिडोर का नहीं है बल्कि हर उस किसान का है जोकि इस समय परेशान है। यही कारण है कि उन्होंने किसानों की छह सूत्रीय मांग एसडीएम के माध्यम से रेलमंत्री के नाम सौंपी थी, इसलिए उस मांगपत्र में अंकित मांगों को 15 मार्च से पहले पूरा किया जाए और इस मांगपत्र में लिखी मांगें रेलवे एक्ट के अनुसार है, जिसे विभाग पहले ही सहमति दे चुका है। उन्होंने सरकार से यह भी अपील है कि सरकार ने जो वायदे किसानों से अभी तक किए गए हैं उनको पूरा किया जाए परंतु जिस प्रकार प्रशासनिक अधिकारी किसानों के मामलों को लंबा खींचते रहते हैं उसको देखते हुए किसानों ने फैसला लिया है कि आने वाले दिनों में किसानों द्वारा गठित 15 सदस्य कमेटी अब केवल प्रदेश के मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव से बात करेगी जिला स्तरीय किसी अधिकारी से बातचीत नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए बल्लभगढ़ के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह बैंसला ने कहा कि जिस तरह का व्यवहार जिला उपायुक्त का किसानों के प्रति है, वह पूरी तरह से अनुचित है इसलिए सरकार को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सरकार ने ऐसे मामले में सख्त कदम नहीं उठाए तो किसान सड़कों पर उतरकर धरने प्रदर्शन या आंदोलन करने जैसे कदम उठाने से भी गुरेज नहीं करेगा। महापंचायत में हरिचंद शास्त्री ने कहा कि अगर भाजपा सरकार प्रदेश में मोटरसाइकिल यात्रा निकाल सकती है तो प्रदेश का किसान भी ट्रैक्टर यात्रा निकालना जानता है, जिससे न केवल राष्ट्रीय राजमार्ग जाम होंगे बल्कि आम आदमी को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह देश के अन्नदाता किसानों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए उनके निदान का प्रयास करें, अन्यथा आने वाले समय में सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेगे। वहीं जिला पलवल के रामप्रसाद रावत व शब्बीर सरपंच ने कहा कि जब तक आज तो फरीदाबाद के किसानों ने काम रोका है, जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती, तब तक पलवल, गुरुग्राम में भी रेलवे परियोजनाओं का काम नहीं होगा। महापंचायत में किसान नेताओं ने आह्वान किया कि अलग-अलग धड़ों में काम करने की बजाए सभी किसान संगठन एकजुट होकर किसानों की लड़ाई लड़े ताकि इस गूंगी-बहरी सरकार को नींद से जगाया जा सके।
इस मौके पर कांग्रेसी नेता विकास चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की इस अन्याय की लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है और आने वाले समय में हर कांग्रेसी कार्यकर्ता किसानों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेगा। वहीं हरेंद्रपाल राणा ने भी अपने वक्तव्य में फरीदाबाद व पलवल के किसानों को एकजुट होने का आह्वान किया।
इस महापंचायत में चौ. खजान सिंह, डॉ० धर्मदेव आर्य, जगदीश तेवतिया, हरेंद्र अत्री, राममेहर, डॉ० ओमप्रकाश, प्रेम बोहरा, धीरज चौधरी, सुनील सरपंच दिघोट, सत्यप्रकाश लाढौली, सतीश फौगाट, बलवीर फौगाट, विक्रम सरपंच, कुलदीप रावत, कमल यादव, गुलाब सिंह एडवोकेट, ऋषिराज त्यागी, बदलूराम यादव, ठाकुर बलवंत सिंह, गोपीचंद रावत, रामपाल रावत, देवेंद्र शिलानी, दुलीचंद सरपंच, खडग सिंह, प्रदीप डागर, विरेंद्र अत्री, खेमचंद पहलवान, हरिराम पीटीआई, नत्थे सरपंच, ओमपाल तंवर, मास्टर रामपाल, राजपाल पहलवान, सुदेश कुमार, राजनागर, सुभाष तंवर, चौ० प्रहलाद सिंह सहित फरीदाबाद, पलवल व गुरुग्राम के अनेकों किसान नेता मौजूद थे।


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