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डिलाईट अरावली व्यू के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों को भेजे जा रहे हैं दो-दो करोड़ रुपए की मानहानि के नोटिस

सरकारी विभागों से एनओसी लेकर ही किया जा रहा है नियमों के अनुसार डिलाईट मैरिज गार्डन का निर्माण: बंटी भाटिया
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 31 मार्च: अरावली की वादियों में सूरजकुंड रोड़ पर निर्माणाधीन डिलाईट अरावली व्यू किसी भी प्रकार के सरकारी नियम व कायदे कानूनों का उल्लघंन नहीं किया जा रहा है। डिलाईट के निर्माण को लेकर मीडिया के माध्यम से जो भी भ्रामक प्रचार किया जा रहा है वह उनके विरोधियों की एक सोची समझी चाल है जिसका वो मुंहतोड़ जवाब देंगे। उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों को कानूनी कार्रवाई के दायरे में दो-दो करोड़ रुपए की मानहानि के नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह कहना है होटल डिलाईट के डॉयरेक्टर एवं डिलाईट अरावली व्यू की निर्माणकर्ता राजकुमारी भाटिया के बेटे जितेन्द्र भाटिया उर्फ बंटी का। उनका कहना है कि कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से डिलाईंट अरावली व्यू के निर्माण में अडंगा लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें कुछ लोग उनके प्रतिदंद्धी भी हैं, जोकि नहीं चाहते कि डिलाईट गु्रप फरीदाबाद शहर का नाम रोशन करें।
बंटी भाटिया का कहना है कि डिलाईट अरावली व्यू के नाम से जिस मैरिज गार्डन का निर्माण किया जा रहा है उसके लिए उन्होंने वन, प्रदूषण आदि संबंधित विभागों से लिखित परमिशन ली हुई है। भारत सरकार के वन मंत्रालय से उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद ही डिलाईट अरावली व्यू गार्डन मैरिज पैलेस बनाने की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत उन्हें वन विभाग से एक निश्चित संख्या में पेड़-पौधे लगाने की शर्त पर शुल्क की अदायगी करने के बाद ही सरकार से एनओसी मिली है। वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद उनके द्वारा भूमि परिर्वतन नियम (CLU) के अंतर्गत एलओआई के लिए आवेदन किया गया था।
बंटी भाटिया ने मैट्रो प्लस को बताया कि सरकार के तमाम नियम, कानून एवं शर्तों की पालना करने के बाद ही उन्हें LOI का फाईनल लैटर मिल पाया है। एलओआई लेटर मिलने के बाद उनके द्वारा प्रदूषण विभाग से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कर अपने बिल्डिंग प्लान को स्वीकृत करवाने के लिए नगर-निगम में दाखिल किया। लंबी व कई सालों की मेहनत के बाद उनका बिल्डिंग प्लान स्वीकृत हुआ है। ये सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के साथ-साथ उन्होंने डिस्पोल ऑफ अर्थ नियम के अंतर्गत सरकार को निर्धारित रॉयल्टी भी अदा की है। ये सभी नियम व कायदे कानूनों की लंबी प्रक्रिया के बाद सरकार के सभी विभागों से उन्हें स्वीकृति मिली है। इन सभी स्वीकृति के बाद ही उनके द्वारा डिलाईट अरावली व्यू मैरिज गार्डन का निर्माण आंरभ किया है।
साथ ही उनका यह भी कहना था कि कुछ लोग डिलाईट गार्डन के नाम से आरटीआई लगाकर विभाग से एनओसी के संदर्भ में सवाल जवाब कर रहे हैं। ऐसे लोगों वे बताना चाहते हैं कि डिलाईट गार्डन के नाम से ऐसी कोई सरकारी स्वीकृति उनके पास नहीं है, बल्कि उनकी माता राजकुमारी भाटिया के नाम से उनके पास संबंधित भूमि की सरकारी मंजूरी हैं। उनकी माताजी ही इस जमीन की मालिक हैं जबकि चंद लोगों द्वारा मीडिया में डिलाईट गार्डन के पास एनओसी ना होने का हवाला देकर खबरें प्रकाशित करवाई जा रही हैं जोकि निराधार है।
बंटी भाटिया ने बताया कि इस संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी उनसे संबंधित एक याचिका दायर की गई है जिसका वह उचित जवाब दायर करेंगे।

 


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