पत्थर का हो गया भीम सेना के गुंडों का दिल लाठी से मासूम बच्ची का सिर फोड़ा
मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 2 अप्रैल: एक्ट संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों द्वारा किए गए बंद के ऐलान का हरियाणा में मिलाजुला असर दिख रहा है। इस दौरान कैथल में रेलवे लाइन पर जमा हुई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिससे हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। प्रदर्शनकारियों ने जींद से कुरुक्षेत्र जा रही ट्रेन को रोका और इंजन में तोडफ़ोड़ की। इस दौरान कई पत्रकारों को चोटें आई हैं और उनमें कैमरे आदि तोड़े गए हैं।
प्राप्त सूचना के अनुसार आंदोलनकारियों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया और घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। दलित समाज के लोगों ने टायरों में आग लगाई। इसके साथ-साथ शहर के प्रमुख अजरौंदा चौक पर जाम लगाकर दलित समाज के प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जताया। प्रदर्शन के हिंसक होने की संभावना के चलते मार्केट की कई दुकानों को बंद करवा दिया गया। बताया गया है कि कई व्यापारियों को कांग्रेस और बीजेपी जैसी राजनितिक पार्टियां गैर दलित वर्ग पर अन्याय करने वाले इस कानून को कितने ही वर्षों से लागू किये हैं हमें आश्चर्य इस बात को लेकर है कि सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 300 से अधिक सांसद और देश के 3 हजार 600 से अधिक विधायक यह अच्छी तरह से जानते हैं कि एससी एक्ट और जातिगत आरक्षण ने उनके अपने समाज को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है परन्तु अपने पार्टी के आकाओं के प्रति अपनी बफादारी दिखाने के लिए अपनी पार्टी के ऐसे तुगलकी फैसलों का विरोध तक दर्ज नहीं करवाते बल्कि उनका साथ देकर अपना मंत्री पद सुनश्चित करने की जुगत में रहते हैं। मालुम हो कि दलित संगठनों ने भारत बंद के दौरान आज देश के कई राज्यों में जमकर उपद्रव मचाया है। यहां तक की भीम आर्मी वाले मासूम बच्चों को भी पीट रहे हैं।
इसी सबके दौरान अजरौंदा स्थित पावर वल्ड के जिम मैंनेजर ललित कुमार ने बताया कि दलित लोगों ने उनकी जिम को बंद करवा दिया व जिम में आए हुए लोग डर के मारे वहां से भाग निकले ललित कुमार ने बताया कि वह भी अपनी जान जैसे-तैसे करके वहां से बहुत मुशिकलों से निकले उन्होंने बताया कि सारी रोड़ जाम होने के कारण वह बहुत मुशिकलों से वहां से बच कर गए।