मैट्रो प्लस से नेहा खन्ना की रिपोर्ट
फरीदाबाद;26अप्रैल:राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेड क्रॉस और सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड प्रभारी रविंदर कुमार मनचंदा ने प्राचार्या श्रीमती नीलम कौशिक व स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार खसरा और रूबेला वायरस जागरूकता अभियान व प्रतियोगिता का आयोजन किया। श्रीमती नीलम कौशिक की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में रविंदर कुमार मनचंदा ने कहा कि खसरा किसी भी परिवार में फैल सकता है। कफ , काराईजा और कन्जक्टिवाइटिस मुख्य रूप से इसकी पहचान होते हैं। मुंह में तालू पर सफेद धब्बे भी नजर आते हैं। यह श्वसन से फैलने वाली बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या व्यक्ति के संपर्क क्षेत्र में आने से होती है। खसरे का सरकारी टीका देश में काफी वर्षों से उपलब्ध है। इसके बावजूद खसरा छोटे बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने से कई गैर-प्रतिरक्षक बच्चे इस श्वसन संबंधी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। खसरा पैरा माइक्सोवाइरस परिवार के एक वायरस के कारण एक तेजी से फैलने वाली घातक बीमारी है।
नीलम कौशिक और रविंदर कुमार मनचंदा ने बताया कि खसरे के लक्षण कई बार इतने सामान्य होते हैं कि यह बीमारी पकड़ में ही नहीं आती। खासतौर पर बच्चों में इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण फौरन पकड़ में भी नहीं आते। वायरस के हमले के करीब दो से तीन हफ्ते के बाद ही इस बीमारी की पहचान सम्भव हो पाती है। ये लक्षण दो से तीन दिन तक रहते हैं। यदि यह गर्भवती महिला को होता है तो इससे गर्भ में बच्चे की जान चली जा सकती है जिसका समय रहते पता न चलने पर महिला की जान को भी खतरा हो सकता है अथवा बच्चा बर्थ डिफेक्ट के साथ पैदा होता है। पूरी दुनिया में करीब 1 लाख बच्चे हर वर्ष कंजेनाइटल रूबेला सिंड्रोम के साथ पैदा होते हैं। वायरल रोग होने के कारण रूबेला का कोई विशेष उपचार नहीं है। लक्षणों के आधार पर दवाओं का निर्धारण किया जा सकता है। लेकिन इस रोग के लिए टीका उपलब्ध है। जो इसके होने से बचाव कर सकता है। रूबेला वायरस द्वारा उत्पन्न होता है। यह संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने पर हवा द्वारा लाए गए कणों से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क या उसके द्वारा उपयोग में लाई गई वस्तुओं के प्रयोग से भी फैलता है। इस अवसर पर बच्चो की स्लोगन व पेंटिंग प्रतियोगिता करवाई गई । सभी बच्चों ने सुन्दर और आकर्षक सन्देश देती पेंटिंग बनाई। रिमझिम, रेनू साक्षी आदि बच्चो की पेंटिंग की श्रीमती नीलम कौशिक, रविंदर कुमार मनचंदा, रेनू शर्मा शारदा शमिल थे।