मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/गुरूग्राम, 18 मई: हरियाणा विधानसभा की शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, मेडिकल शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर सबजैक्ट कमेटी ने वीरवार को गुरुग्राम में मेडिसिटी और फोर्टिस अस्पतालों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में पाया गया कि इन अस्पतालों में समाज के निर्धन वर्ग के उतने मरीजों को नि:शुल्क ईलाज की सुविधाएं नहीं दी जा रही जितनों को सरकार की नीति व दिशा-निर्देशों के अनुसार दी जानी चाहिए थी। इस कमेटी के चेयरमैन गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल हैं तथा अन्य सदस्यों में 8 विधायक शामिल हैं। इनके अलावा तीन विधायकों को कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आज निरीक्षण के दौरान विधायक उमेश अग्रवाल के अलावा विधायक करण सिंह दलाल, कुलदीप शर्मा, ओमप्रकाश यादव, रामचंद कंबोज, जसबीर देशवाल तथा नसीम अहमद उपस्थित थे।
मेदांता-द मेडिसिटी का निरीक्षण करने के बाद कमेटी के चेयरमैन गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल ने मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए बताया कि हरियाणा विधानसभा की कमेटी का गुरुग्राम का दो दिन का दौरा है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के बड़े अस्पतालों की बार-बार शिकायत मिल रही थी कि यहां पर समाज के गरीब तबके का ईलाज ठीक से नही हो रहा है तथा उनसे बिल भी ज्यादा लिया जा रहा है। इन शिकायतों के मद्देनजर ही विधानसभा कमेटी ने इनका निरीक्षण करने का फैसला लिया। श्री अग्रवाल ने बताया कि इन अस्पतालों का निरीक्षण करने उपरांत प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि ये अस्पताल उतने बीपीएल अथवा ईडब्ल्यूएस के मरीजो का ईलाज नहीं कर रहे, जितनों का उन्हें करना चाहिए।
कमेटी के सदस्य पलवल से विधायक करण सिंह दलाल ने इस मौके पर कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर इन प्राईवेट अस्पतालों में विदेशी तथा अमीरों का ईलाज तो हो रहा है लेकिन हमारे यहां के गरीब परिवारों को इनमें ईलाज की सुविधा नहीं दी जा रही। श्री अग्रवाल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि कमेटी द्वारा इन अस्पतालों से रिकार्ड मांगा गया है कि इन्होंने कितने गरीब परिवारों के मरीजों का ईलाज किया है। रिकार्ड को देखने के बाद ही उसका विश्लेषण करके कमेटी आगे की कार्यवाही के बारे में फैसला करेगी।
विधानसभा कमेटी ने मेदांता तथा फोर्टिस अस्पतालों में यह भी चैक किया कि बीपीएल, ईडब्ल्यूएस तथा गरीब परिवारों को नि:शुल्क ईलाज सुविधा उपलब्ध करवाने के बारे में सूचना सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की हुई है अथवा नहीं। मेदंाता अस्पताल में बाहर प्रवेश द्वार के पास ही यह सूचना प्रदर्शित हुई पाई गई लेकिन बीपीएल व ईडब्ल्यूएस के लिए हैल्पडैस्क अस्पताल में पीछे की तरफ अंदर बनाया हुआ था, जहां तक मरीज का पहुंचना कठिन है। कमेटी द्वारा बीपीएल व ईडब्लयूएस मरीजों का ओपीडी तथा इंडोर ईलाज के लिए बनाए गए रजिस्टर का निरीक्षण भी किया गया जिसमें पाया गया कि मेदांता अस्पताल द्वारा ईडब्ल्यूएस मरीजों का रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए प्रोफोर्मा के अनुसार नहीं रखा जा रहा।
इससे पहले गुरुग्राम के स्वर्ण जयंती राज्य लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में कमेटी की बैठक के दौरान गुरुग्राम के सिविल सर्जन डॉ० बी०के० राजौरा ने एक प्रैजेन्टेशन के माध्यम से बताया था कि राज्य सरकार ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के माध्यम से जब इन अस्पतालों को जमीन अलाट की थी उस समय अस्पताल प्रबंधन के साथ यह समझौता हुआ था कि अस्पताल की ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों के 20 प्रतिशत मरीजों को नि:शुल्क ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। यही नहीं, अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजो में से 10 प्रतिशत समाज के कमजोर वर्गों से मरीजो का मुफ्त ईलाज किया जाएगा। यह सुविधा केवल गुरुग्राम जिला के मरीजों तक ही सीमित नहीं है बल्कि प्रदेश के सभी 22 जिलों के मरीज इसका लाभ उठा सकते हैं। सिविल सर्जन ने यह भी बताया था कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल जैसे मेदांता, आर्टिमिस व फोर्टिस में ईलाज के लिए दाखिल होने वाले 20 प्रतिशत मरीजों से साधारण मरीज की तुलना में 30 प्रतिशत कम चार्जिज लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में ईडब्ल्यूएस व बीपीएल मरीजों को मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सिविल सर्जन तथा उपायुक्त की स्वीकृति से जिला रैडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा रैफर किया जा सकता है। अस्पतालों द्वारा नियमों अनुसार उनका ईलाज ठीक ढंग से किया जा रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एचएसवीपी प्रशासक की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय मोनीटरिंग कमेटी का प्रावधान है, जिसमें जिला रैडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष, सिविल सर्जन तथा एचएसवीपी के संपदा अधिकारी व अन्य सदस्य हैं।
विधानसभा कमेटी ने इन अस्पतालों से अगले 15 दिन में यह रिपोर्ट भी मांगी है कि उनके यहां कितने विदेशी नागरिकों के अंग प्रत्यारोपण हुए हैं।
मेदांता अस्पताल के संस्थापक चेयरमैन एवं प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डा० नरेश त्रेहन ने बताया कि उनके यहां किडनी तथा लीवर के ट्रांसप्लांट होते हैं, जिसके लिए समिति बनी हुई है जिसमें सिविल सर्जन तथा अतिरिक्त उपायुक्त भी सदस्य हैं।