Metro Plus News
उद्योग जगतगुड़गांवदिल्लीफरीदाबादराजनीतिहरियाणा

DHBVN की बड़ी कार्यवाही, भ्रष्टाचार के आरोप में चीफ इंजीनियर बलवंत सिंह बर्खास्त

अजरौंदा निवासी बलवंत सिंह फरीदाबाद में भी रहा था SE और Xen
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/हिसार/ फरीदाबाद, 23 जुलाई: दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के दिल्ली जोन में चीफ इंजीनियर के पद पर रहे बलवंत सिंह के खिलाफ निगम ने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अब उसे बर्खास्त कर दिया है। बलवंत सिंह को निगम ने सन 2016 में निलंबित कर दिया था और उसके खिलाफ तब से अब तक चल रही जांच के बाद अब उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। बिजली निगम के CMD शत्रुजीत कपूर ने बलवंत सिंह के Termination की पुष्टि करते हुए कहा है कि निगम की जांच टीम की तरफ से बलवंत सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर जांच कराई गई थी। उसमें वह दोषी पाए गए हैं। जिसके चलते निगम से बलवंत सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
काबिलेगौर रहे कि बलवंत सिंह फरीदाबाद व हिसार सर्कल में एसई के पद सहित बिजली निगम में दिल्ली जोन में चीफ इंजीनियर के पद पर भी रहा था जोकि काफी अहम माना जाता है। कारण यह है कि दिल्ली जोन में चीफ इंजीनियर के अधीन गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित अनेक जिले आते हैं। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण वहां से काफी ज्यादा राजस्व निगम को मिलता है। सन 2016 से पहले चीफ इंजीनियर के पद पर रहते हुए बलवंत सिंह ने ठेकेदारों व आवेदक उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों से रिश्वत मांगी थी। इसे लेकर ठेकेदारों ने एफिडेविट देते हुए शिकायत दी थी। इसके बाद जांच शुरू हुई और प्रारंभिक जांच के बाद सन 2016 में बलवंत सिंह को निलंबित कर दिया था। तब से वह निलंबित चल रहा था। अब निगम की तरफ से मामले में जांच पूरी कर ली गई है। जांच पूरी होने के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए अब निगम के कर्मचारी (दंड एंड अपील) विनियम-2006 के विनियम 4 (ख) (3द्ब) के तहत बलवंत सिंह को निगम की सेवाओं से बर्खास्त कर दिया है।
ध्यान रहे कि बलवंत सिंह पर आरोप थे कि वो दिल्ली जोन में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनाती के दौरान ठेकेदारों और आवेदक उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों से रिश्वत लेता था। जांच में यह सामने आया कि बलवंत सिंह छोटे-छोटे कामों के लिए भी रिश्वत लेने, पैसे के लिए काम में देरी करने और अनावश्यक टिप्पणी करने, उपभोक्ताओं को अपनी रुचि के अनुसार अनुचित लाभ देने, आवेदकों को अवांछित रूप से परेशान करने व एक ही तरह के मामलों में अलग-अलग ढंग से डिपॉजिट एस्टीमेट तैयार करने की प्रवृत्ति अपनाता था। जांच में वह ऑपरेशन सर्कल गुरुग्राम व पलवल में एक फर्म के वर्क ऑर्डर पास करने के बदले 40 हजार रुपये लेने के दोषी पाया गया। गुरुग्राम की एक फर्म से लोड स्वीकृति के लिए रिश्वत मांगी। एक अन्य फर्म के रद किए आवेदन को पुन: स्वीकारने के लिए फर्म को अनुचित लाभ दिया।


Related posts

युवा वर्ग को नौकरी प्रदान करने हेतू भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट मुहिम चलाएगा: मल्होत्रा

Metro Plus

जनाक्रोश रैली की सफलता ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश: विकास चौधरी

Metro Plus

पटाखों की दुकानों हेतु डॉ० अमित अग्रवाल ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए

Metro Plus