सदवृत नेचुरल प्रोडक्ट्स लाया है अब आपके लिए विदेशों में भेजे जाने वाले मिश्रित, सरसों, सफेदा एवं लीची के शुद्ध शहद को
मैट्रो प्लस में अंकुर अग्रवाल व राजेश कुमार की कलम से
फरीदाबाद, 8 अगस्त: इस सृष्टि पर सबसे पुरानी व मीठी वस्तुओं में से शहद को एक माना जाता है। हमारे पूर्वजों को गुणकारी तत्वों का बहुत पहले से ज्ञान था, इसलिए स्त्री, पुरुष, बूढ़े व बच्चे मिठास के लिए सबसे स्वास्थ्यवर्धक एवं बेहतर शहद को ही मानते थे। जहां प्राकृतिक एवं आयुर्वेद चिकित्सा में चीनी को सफेद ज़हर माना है, वहीं शहद में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन बी, सी, लोह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम आदि गुणवत्ता होने के कारण शहद को प्रकृति का वरदान माना है। शहद के नियमित सेवन से जीवनी शक्ति बढ़ती है, स्फुर्ति और ऊर्जा बढ़ती है, वजन बढ़ाने व घटाने में सहायक है, त्वचा के लिए अत्यंत उपयोगी है इसलिए शहद को सौंदर्य वृद्धि के लिए सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है।
यूं तो शहद के अनेकों प्रयोगों के बारे में आपने पढ़ा एवं सुना होगा। क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में ऐसी मान्यता है कि अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले छत्तों के शहद में मूल गुण तो समान होते हैं, परन्तु जिस पेड़ या पौधे के फूल से मक्खी ने मधु को इकट्ठा किया है उसके औषधीय गुण भी उस मधु में प्रचूर मात्रा में आ जाते हैं। सरसों के फूल आने के समय राजस्थान या उत्तर प्रदेश में 4.5 किलोमीटर तक कोई और फूल नजऱ नहीं आता। तब अगर आपने ध्यान दिया हो तो, उस समय वहां बहुत से लोग मधुमख्खी पालन करते हैं क्योंकि उस समय मधुुमक्खी को कोई ओर फूल मधु इकट्ठा करने के लिए नहीं मिलता। इसलिए उस शहद में सरसों के औषधीय गुण आ जाते हैं और उस शहद को सरसों का शहद बोलते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि इस तरह के शहद हमने कभी बाजार में नहीं देखा, तो इसका उत्तर यह है कि इस शहद का आयात सबसे अधिक यूरोप में होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत विश्व में शहद उत्पादन तथा निर्यात में पांचवें स्थान पर है और करीब 20 से अधिक प्रकार के शहद सारे विश्व में भेजता है। भारत में सबसे अधिक जो शहद बिकता है वह है मिश्रित फूलों का शहद। मिश्रित फूलों के शहद के नाम पर भी अधिकतर चीनी की मिलावट वाला शहद बिकता है, क्योंकि अच्छी गुणवत्ता वाला शहद विदेशों में भेज दिया जाता है या बाजार में वह महंगा बिकता है।
भारत में सरसों के तेल का प्रयोग पहले बहुत किया जाता था, परन्तु अब विदेशी लोग सरसों के महत्व को जानने लगे हैं। वह जानते हैं कि सरसों हृदय के लिए बहुत लाभदायक और इसमें कैंसर विरोधी तत्व पाए जाते हैं। इसलिए वह शहद के रूप में इसका सेवन करते हैं। इसी प्रकार सफेदे के फूलों का शहद जोड़ों के दर्द, बदन दर्द और अकडऩ, सूजन आदि में बहुत उपयोगी हैं। लीची का शहद बढ़ते बच्चों के लिए सबसे अच्छा है।
विदेशों में भेजे जाने वाले मिश्रित, सरसों, सफेदा एवं लीची के शुद्ध शहद को भारतीयों को उचित मूल्य पर उपलब्ध करने का प्रयास अब सदवृत नेचुरल प्रोडक्ट्स ने किया है।