मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 22 सितम्बर: शिक्षण संस्थानों, आश्रय स्थलों में बच्चों के साथ विशेषकर लड़कियों के साथ शारीरिक उत्पीडऩ और शोषण के लगातार मामले सामने आने पर चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी गंभीर हो गई है। कमेटी के पदाधिकारी और सदस्य सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों, कॉलेज संस्थानों में छात्र-छात्राओं के लिए काउंसलिंग अभियान चलाएंगे। इसके लिए चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के चेयरमैन एचएस मलिक ने संस्थाओं को भागेदारी निभाने का आह्वान किया है।
समिति के चेयरमैन ने बताया कि आधुनिकता के इस दौरे में इंटरनेट से बच्चों, युवाओं और प्रौढ़ के संस्कारों में बदलाव आया है। भारतीय संस्कृति को दरकिनार कर यह पीढिय़ां भौतिकता की और अग्रसर हो रही है, जिसके कारण सही संस्कार नहीं मिल पा रहे हैं। बच्चे भी इंटरनेट का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि बच्चों के प्रति शोषण जैसे मामले आए दिन देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि उन्हें बच्चों की ओर ध्यान देते हुए इंटरनेट का सदुपयोग करने के लिए जागरूक करें।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि कमेटी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों के काउंसलिंग अभियान के दौरान परिचर्चाओं, फिल्म तथा गोष्ठियों के द्वारा जागरूक करने का प्रयास करेंगी और कमेटी का यह प्रयास रहेगा की इस अभियान में अभिभावक वर्ग को भी जोड़कर अभियान को सशक्त बनाया जाए। काउंसलिंग के दौरान लड़कियों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताते हुए कानूनी सलाह भी दी जांएगी। उन्होंने कहा कि परिजन सोशल मीडिया में व्यस्त रहते हैं इसके लिए परिजनों की काउंसलिंग भी अति आवश्यक है।
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