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जानिए, निगमायुक्त मोहम्मद साईन ने फरीदाबाद नगर निगम का क्या हाल कर डाला ?

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 31 अक्टूबर: आर्थिक तंगी से अब तक जूझते रहे फरीदाबाद नगर निगम में अगर निगमायुक्त मोहम्मद साईन ऐसे ही काम करते रहे तो वह दिन दूर नही जब फरीदाबाद नगर निगम का खजाना पूरी तरह भरा होगा और उसे अपने कर्मचारियों की सैलरी और शहर के विकास कार्यों के लिए किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा।
अब तक के तेजतर्रार निगमायुक्त मोहम्मद साईन ने निगम के खजाने को बढ़ाने की और अग्रसर करते हुए एक ऐसा काम काम कर दिया है कि निगम में मील का पत्थर साबित होगा और एक इतिहास बनेगा।
जी हां, हम बात कर रहे हैं निगम एरिया में लगने वाले होर्डिंग्स की। निगमायुक्त मोहम्मद साईन ने निगम का सिर्फ एनआईटी जोन के लिए ही एडवरटाईजिंग का ठेका 31 लाख रुपए प्लस जीएसटी प्रति माह के हिसाब से छोड़ कर वास्तव में एक इतिहास रच दिया है। जबकि इससे पहले पूरे नगर निगम क्षेत्र का यह ठेका मात्र 21 लाख रुपए प्रति माह के हिसाब से था।
काबिलेगौर रहे कि निगम एरिया में अवैध रूप से लग रहे होर्डिंग्स को लेकर मैट्रो प्लस ने एक अभियान चलाते हुए इससे संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था।
उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त का कार्यभार संभालते ही मोहम्मद साईन ने निगम में एडवरटाईजिंग के मामले में चल रहे गोरखधंधे को भांप कर यहां पर सालों से चल रही सी लाल एंड कम्पनी का ठेका कानूनी पेचीदीयों को निपटा कर निरस्त किया था। आज जिस प्रकार से केवल एनआईटी जोन का ठेका 31लाख रुपए प्रति माह का छोडा गया है उसके बाद यह माना जा रहा है कि यह अभी तक का प्रदेश में इस मद से आने वाला सर्वाधिक राजस्व होगा जबकी बल्लभगढ तथा ओल्ड जोन में अभी यह ठेका छोडा जाना शेष है।
ध्यान रहे कि फरीदाबाद निगम में पिछले काफी समय से सी लाल एंड कम्पनी एडवरटाइंजिंग का ठेका संभाले हुए थी, जिसके तहत वह पूरे निगम क्षेत्र में गेंटरी, यूनिपोल आदि पर होर्डिंग वगैरहा लगाती थी तथा मात्र 21 लाख रुपए प्रति माह में यह ठेका छुटा हुआ था। साथ ही इस कम्पनी के साथ कोर्ट में इतने मामले चल रहे थे जिससे निगम को राजस्व का जबरदस्त नुकसान हो रहा था। आयुक्त का कार्यभार संभालते ही निगमायुक्त मोहम्मद साईन ने इस मामले को अपने खास विश्वासपात्र एचसीएस अधिकारी आशुतोष राजन को सौंपा तथा सबसे पहले सी लाल एंड कम्पनी के साथ कोर्ट में चल रहे विभिन्न मामलो को निपटवाते हुए उनका ठेका निरस्त कर इस काम के लिए प्रदेश की अपने तरह की अनौखी व नई पॉलिसी बनाई। इसके बाद आशुतोष राजन की देखरेख में इस पूरे मामले में पारदर्शी तरीका अपनाते हुए इस मामले में निगम को तीन जोनों में बांटकर तीनों जोनों के लिए अलग-अलग ई-टेंडरिंग के माध्यम से सबंधित कम्पनियों की निविदाएं आमंत्रित की गईं। इसमें आशुतोष राजन ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए निगम के तीनों जोनों के लिए अलग-अलग टेंडर आमंत्रित किए तथा आज एनआईटी जोन के लिए ई-टैंडरिंग के माध्यम से बोली लगवाई गई तथा इस मद की आय मे ऐतिहासिक बढोतरी होते हुए यह टैंडर 31 लाख रुपए माह प्लस जीएसटी के हिसाब से छोडा गया।
प्रशासनिक दृष्टि से इस मद में इतनी आय को निगम के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि बल्लभगढ तथा ओल्ड जोन में इससे भी अधिक पर यह टैंडर छूटेगा।

निगम क्षेत्र में अवैध होर्डिंग्स लगाने के नाम पर हो रही है लाखों-करोड़ों की वसूली!


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