Metro Plus News
एजुकेशनराजनीतिहरियाणा

प्राईवेट स्कूलों के लिए कैसे भारी हो सकता है 9 जनवरी का दिन, जानने के लिए पढि़ए

– गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्री-एजुकेशन के 25 फीसदी मुफ्त दाखिलों को लेकर सरकार को लगाई कड़ी फटकार
– कोर्ट ने कहा अगर सरकार नहीं रखती अपना पक्ष तो न्यायालय सुना देगा फैसला, 9 जनवरी को होगी सुनवाई
– तीन बार हाईकोर्ट और एक बार सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद भी नहीं मिली सरकार व निजी स्कूलों को कोई राहत
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 19 दिसम्बर: हरियाणा के निजी स्कूलों में प्री-एजुकेशन यानि नर्सरी से लेकर पहली कक्षा तक 25 फीसदी गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला दिए जाने के मामले में भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। इससे पहले फर्जी स्कूलों के मामले में भी हाईकोर्ट सरकार को आड़े हाथों ले चुकी है। हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी से पहली कक्षा तक 25 फीसदी गरीब बच्चों के लिए दाखिले मुफ्त नहीं कराए जाने पर कोई पक्ष नहीं रखा तो न्यायालय अपना फैसला सुना देगा। इसके लिए आगामी 9 जनवरी, 2019 को सुनवाई भी तय कर दी है।
न्यायाधीश ने इस मामले में अपनी कड़ी टिप्पणी देते हुए यह भी कहा है कि सरकार और निजी स्कूलों की याचिका सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कई बार खारिज कर चुका है तो फिर भी दाखिले को लेकर नियम क्यों बदले गए। अगस्त-2015 में हरियाणा सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए यह व्यवस्था कर दी थी कि नर्सरी से पहली कक्षा तक मुफ्त दाखिला के लिए पहले बच्चे नजदीकी सरकारी स्कूल में जाएंगे, अगर वहां सीटें खाली नहीं होंगी तो फिर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। सरकार के इस फैसले को वरिष्ठ अधिवक्ता अंकित ग्रेवाल के माध्यम से भिवानी की जानवी बनाम हरियाणा सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डालकर चुनौती दी गई। इसके बाद सरकार बार-बार न्यायालय से समय लेकर मामले को लम्बा खिंचती रही, मगर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर प्राइवेट स्कूलों के अंदर प्री-नर्सरी के मुफ्त दाखिलों में सरकार न्यायालय में अपना पक्ष नहीं रखती है तो फिर न्यायालय इस मामले में आगामी 9 जनवरी को अपना फैसला सुना देगा।
हरियाणा स्कूली शिक्षा नियमावली-2003 के अनुसार राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत गरीब बच्चों को प्री-नर्सरी से कक्षा पहली तक 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त दाखिला देने का प्रावधान किया हुआ है। वर्ष 2010 में रोहतक के दो जमा पांच मुद्दे जन-आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष सतबीर हुडडा बनाम हरियाणा सरकार केस डाला गया था। जिसमें 20 नवम्बर, 2011 को माननीय हाईकोर्ट ने गरीब बच्चों को 25 फीसदी सीटों पर दाखिला देने के आदेश दिए थे। लेकिन इसके बाद वर्ष 2014 में डबल बैंच में चला गया। जिस पर डबल बैंच ने भी फैसला देते हुए कहा था कि आरटीई एक्ट के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में 25 फीसदी दाखिले प्री-नर्सरी से पहली कक्षा तक दिलाए जाएं, लेकिन इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चली गई। मगर वहां भी सरकार को मुंह की खानी पड़ी और सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई तो अपने कदम पीछे खींच लिए। इसके बाद 18 सितम्बर, 2015 को माननीय हाईकोर्ट ने रिव्यू पेटीशन डाली तो वह भी खारिज हो गई। इसके बावजूद भी हरियाणा सरकार ने गरीब बच्चों को प्री-नर्सरी से पहली तक की कक्षाओं में मुफ्त दाखिला देने से इंकार कर दिया। इसी मामले में 11 दिसम्बर, 2018 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश राकेश कुमार जैन व अनुपेन्द्र सिंह ग्रेवाल की कोर्ट ने भिवानी की जानवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि या तो वे 9 जनवरी तक इस मामले में अपना पक्ष रख दें, अन्यथा न्यायालय द्वारा इस मामले में अपना फैसला सुना दिया जाएगा।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व संगठन के महामंत्री भारत भूषण बंसल ने बताया कि हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल कक्षा पहली से 12वीं तक तो 10 व 20 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला तो दे रही हैं। मगर वर्ष 2015 से लेकर अब तक प्री-नर्सरी से कक्षा पहली तक किसी भी बच्चे का मुफ्त दाखिला प्राइवेट स्कूलों में आरटीई नियम के तहत नहीं हुआ है। इसी मामले में उनके संगठन द्वारा ही जानवी बनाम हरियाणा सरकार के खिलाफ वर्ष 2016 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी। जिस पर अब न्यायालय ने भी सख्त रुख अख्तियार करते हुए हरियाणा सरकार की मंशा पर ही सवाल उठाते हुए इस मामले में अपना फैसला सुनाने की बात कही है।


Related posts

मानव रचना में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दिया प्रेरणादायक भाषण

Metro Plus

मानव रचना में लाइब्रेरी एंड इंफोरमेशन साइंस ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन

Metro Plus

आम आदमी पार्टी की टोपी पहनकर महिलाओं ने थामा आप का दामन

Metro Plus