मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 23 दिसम्बर: श्री वैश्य अग्रवाल समाज, चावला कालोनी, जिसके अंर्तगत अग्रवाल धर्मशाला चलती है, के प्रबंधन कमेटी के चुनावों को लेकर दिनोंदिन राजनीति गहराती जा रही है। प्रबंधन कमेटी के चुनाव की बजाए आम राय से प्रबंधन कमेंटी बनाने को लेकर समाज के लोगों में मीटिंगें चल तो रही है लेकिन इगो प्रोब्लम के चलते इनमें आम राय नहीं बन पा रही है। चुनावों को लेकर समाज के दो गुट सक्रिय हैं। संस्था के कनवेयर भगवान दास गोयल टाल वाले एक गुट का प्रतितिधित्व जहां भाजपा के पार्टी कोषाध्यक्ष नरेन्द्र गुप्ता कर रहे हैं वहीं संस्था के गलत कार्य-किलापों के खिलाफ आवाज उठाने वाले सुरेश कंसल, जिनके प्रयासों से संस्था के चुनाव होने जा रहे हैं, का प्रतिनिधित्व संस्था से शुरू से ही जुड़े चले आ रहे मंगतरात सिंगला और नंदकिशोर मंगला कर रहे हैं। फिलहाल संस्था पर एडोक कमेटी के रूप में भाजपा नेता नरेन्द्र गुप्ता गुट के भगवान दास टाल वाले ग्रुप का कब्जा है जबकि दूसरे गुट का आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता के नाम पर संस्था की रकम का दुरूपयोग किया जा रहा है। सरकारी आदेशों में साफ है कि बिना उनकी परमीशन के संस्था की एडोक कमेटी मोटी रकम खर्च नहीं कर सकती।
आरोप है कि बावजूद इसके सरकारी आदेशों को दरकिनार कर एडोक कमेटी द्वारा धर्मशाला के रेनोवेशन आदि के नाम पर करीब 50 लाख रूपये खर्च कर दिए गए। वहीं यह भी आरोप है कि संस्था के संविधान के पेज न.-2 पर प्वाईंट न.-5 में लिखी शर्तो के ख का उल्लंघन करते हुए संस्था के सदस्य सूरज सिंगला को गलत तरीके से संस्था को सह-कोषाध्यक्ष बनाकर जोकि पद भी नहीं हैं, उसे 15 हजार रूपये सेलरी के नाम पर दिए जा रहे हैं जोकि संस्था के संविधान के खिलाफ है। काबिलेगौर रहे कि संस्था के उक्त संविधान में साफ लिखा हुआ है कि संस्था के किसी भी सदस्य को संस्था से किसी भी रूप में सेलरी/वेतन नहीं दिया जा सकता।
ध्यान रहे कि श्री वैश्य अग्रवाल समाज, चावला कालोनी के चुनाव आगामी 30 दिसंबर को होने हैं जिसके लिए चुनाव अधिकारी अग्रवाल कालेज के रिटायर्ड प्रिंसीपल डॉ. एस.के.गर्ग को बनाया गया है जिन्होंने चुनावों की तारीख निधार्रित की है। इन चुनावों के लिए संस्था के सदस्यों को पत्र द्वारा सूचित कर दिया गया है और उनसे विभिन्न पदों के लिए नामांकन भी मांग लिए गए हैं।
अब बात करें संस्था के चुनावों की तो दोनों ही गुटों की तरफ से नामांकन पत्र आ चुके हैं। संस्था के प्रधान पद के लिए जहां भगवान दास गोयल, कैलाश गर्ग धौजिया, सुरेश कंसल ने, सचिव के लिए टेकचंद और सुरेश कंसल तथा अन्य पदों के लिए भी नाम आ चुके हैं। संस्था के चुनाव ना हों और आम राय से पदाधिकारी बन जाएं इसके लिए कल शनिवार, 22 दिसंबर को भी अग्रवाल धर्मशाला में समाज के प्रबुद्व लोगों की मीटिंग हुई थी। मीटिंग में सारे आरोपों-प्रत्यारोपों के बाद भी जब आम राय नहीं बनी तो प्रधान पद के लिए भगवान दास गोयल और कैलाश गर्ग धौजिया के नाम आमने-सामने रह गए जबकि सचिव पद के लिए टेकचंद और सुरेश कंसल के नाम। बताते है कि भगवान दास ग्रुप चाहता है कि प्रधान और सचिव का पद उनके पास रहे जबकि दूसरा गुट इसके खिलाफ है। उनका कहना था कि दोनों पद उनको नहीं दिए जा सकते। लड़ाई अब सिर्फ मुख्य तौर पर इन दोनों पदों के लिए रह गई है। बाकी पदों के लिए लगभग सहमति दोनों गुटों में हो चुकी है।
इस बारे में जब संस्था के कनवेयर भगवान दास गोयल से बात की गई तो उनका कहना था कि यह मामला आज खत्म हो जाएगा और नामांकन वापिस हो जाएंगे।
भाजपा नेता महेश गोयल का कहना है कि उन्होंने संस्था के चुनाव कराने की बजाए सर्वसम्मति से पदाधिकारियों को बनाने का प्रयास किया लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए।
जानकारी के मुताबिक इन दोनों पदों के विवाद को निपटाने के लिए समाज के लोगों ने एक बार फिर कोशिश करते हुए आज दोबारा से अग्रवाल धर्मशाला में ही मीटिंग बुलाई है। देखना है कि आरोप-प्रत्यारोपों के बाद इस मीटिंग में आम राय बन बाती है या नहीं।
http://www.metroplus.online/look-at-how-the-videsh-agarwal-society-management-committee-surrounded-the-disputes/