मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 4 फरवरी: राजनीति में रिश्तों के कोई मायने नहीं होते। ऐसा ही कुछ एक बार फिर देखने को मिला है दलितों की पार्टी बसपा और इनेलो में। बसपा सुप्रीमो मायावती ने जींद उपचुनाव में इनेलो उम्मीदवार की जब्त होने पर इनेलो से अपना गठबंधन ही तोड़ डाला। ऐसा बसपा ने हरियाणा में अपनी साख़ बचाने के लिए किया है। इस आशय का फैसला आज बसपा की आज हुई बैठक में विचार विमर्श कर लिया गया। इसी के साथ इनेलो के अभय सिंह चौटाला और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच राखी का बंधन राजनीति की भेंट चढ़ गया।
गौरतलब रहे कि जींद के उपचुनाव में इनेलो उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी जबकि राजनीतिक महत्वकांक्षी के चलते चौटाला परिवार में हुई फूट के बाद इनेलो से अलग हो दुष्यंत चौटाला द्वारा बनाई गई जननायक जनता पार्टी JJP के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला दूसरे नंबर पर आकर हारने के बावजूद अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में कामयाब हो गए हैं।
बसपा से गठबंधन टूट जाने के बाद अब इनेलो की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ जाएंगी।